The Lallantop

आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में बड़े पुलिस अधिकारी फंसे, हत्या का मुकदमा चलेगा

लगभग दो साल तक पुलिस को चकमा देने के बाद 24 जून, 2017 को Rajasthan Police के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने Anandpal Singh को धर लिया और चुरू ज़िले के मालासर में कथित एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई. परिवार ने इस एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताया, सवाल उठाए. कोर्ट में एनकाउंटर को चैलेंज किया.

Advertisement
post-main-image
पुलिस की गिरफ़्त में आनंदपाल की तस्वीर. (फाइल फ़ोटो - इंडिया टुडे)

राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर (Anandpal Singh encounter) के सात साल बाद केस में एक नया फ़ैसला आया है. जोधपुर के CBI कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ ही प्रसंज्ञान लिया है. अब उन पांच पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या के शक में मुक़दमा चलेगा. अदालत ने CBI की क्लोज़र रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए और उसे ख़ारिज कर दिया है.

Advertisement
एनकाउंटर ‘फ़ेक’ था?

आनंदपाल सिंह. नागौर ज़िले की लाडनूं तहसील के छोटे से गांव का लड़का. साल 2006 में अपराध की दुनिया में दाख़िल हुआ. डीडवाना में जीवनराम गोदरा की हत्या में पहली बार नाम उछला. इसके बाद हत्या, लूट, वसूली और गैंगवॉर के मामलों में उसका नाम आता रहा. बाद में उसके ख़िलाफ़ क़रीब 24 मामले दर्ज हुए.

लगभग दो साल तक पुलिस को चकमा देने के बाद 24 जून, 2017 को राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने आनंदपाल को धर लिया और चुरू ज़िले के मालासर में एक छापे के दौरान कथित एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई.

Advertisement

ये भी पढ़ें - गैंग्स ऑफ़ राजस्थान: आनंदपाल सिंह की पूरी कहानी

परिवार ने इस एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताया, सवाल उठाए. आनंदपाल की पत्नी राजकंवर और भाई रूपिंदर सिंह ने कोर्ट में एनकाउंटर को चैलेंज किया. CBI ने मामले की जांच की और 2020 में कोर्ट को क्लोज़र रिपोर्ट सौंपी. इसमें लिखा था कि फ़र्ज़ी एनकाउंटर को लेकर कोई सबूत नहीं है.

हालांकि, कोर्ट में मौक़ा-ए-वारदात का कोई नक्शा नहीं पेश किया गया. इसके बाद परिवार पक्ष ने क्लोज़र रिपोर्ट के ख़िलाफ़ काउंटर याचिका दायर की. परिवार के वकील भंवर सिंह राठौड़ ने दलील दी कि चश्मदीद के बयान और डॉक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक़, आनंदपाल पर तीन से पांच फीट जितनी दूरी से गोलियां चलाई गई थीं. मेडिकल रिपोर्ट में आनंदपाल के शरीर पर मारपीट और चोट के निशान हैं. सुनवाई के दौरान परिवार ने कई और भी गवाह पेश किए.

Advertisement

आनंदपाल के भाई ने कोर्ट में बताया,

घटना के दिन आनंदपाल घर की छत पर छुपा हुआ था. पुलिस ऊपर नहीं जा पा रही थी. तब पुलिस ने मुझे कहा कि मैं आगे चलूं. मुझे भरोसा दिया कि वो आनंदपाल को नहीं मारेंगे. मेरे पीछे पुलिस छत पर पहुंची. आनंदपाल ने सरेंडर किया और इसके तुरंत बाद पुलिस उसे पीटने लगी.

ये भी पढ़ें - आनंदपाल एनकाउंटर: IPS मोनिका ने बताया कि उस दिन सांवराद में क्या हुआ था

इन दलीलों और गवाहों के बयान सुनने के बाद कोर्ट ने बुधवार, 24 जुलाई को एनकाउंटर में शामिल चूरू के तत्कालीन SP राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल SP विद्या प्रकाश चौधरी, DCP सूर्यवीर सिंह राठौड़, हेड कॉन्स्टेबल कैलाश के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं. हत्या के प्रयास के शक में  केस चलेगा और अगली सुनवाई 16 अक्टूबर, 2024 को होगी.

वीडियो: एनकाउंटर पर सामने आए ये आंकड़े योगी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं!

Advertisement