The Lallantop

सत्यपाल मलिक के आरोपों पर अमित शाह का जवाब आ गया है

CBI नोटिस पर भी अमित शाह ने जवाब दिया है.

Advertisement
post-main-image
सत्यपाल मलिक और अमित शाह (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सत्यपाल मलिक पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं. हाल में एक इंटरव्यू में मलिक ने नरेंद्र मोदी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे. इसके कुछ दिन बाद, 21 अप्रैल को CBI ने सत्यपाल मलिक को पूछताछ के लिए नोटिस भेज दिया. कई लोग सीबीआई के इस नोटिस को सरकार की आलोचना से जोड़कर देख रहे हैं. सत्यपाल मलिक के सरकार पर आरोपों और सीबीआई नोटिस को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है. शाह ने कहा कि मलिक जो भी बोल रहे हैं, वो राज्यपाल रहते हुए क्यों नहीं बोला था.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
अब क्यों याद आई ये बातें- शाह

अमित शाह ने 22 अप्रैल को 'इंडिया टुडे राउंडटेबल' में हिस्सा लिया था. उनसे सवाल पूछा गया कि जब भी कोई सरकार की आलोचना करता है उसके खिलाफ कुछ ही दिनों में ED-CBI की जांच क्यों हो जाती है? इस पर अमित शाह ने जवाब दिया कि उनकी जानकारी के मुताबिक मलिक को तीसरी बार बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि मामले में जांच चल रही है. इसमें उन्होंने जो कहा है, उसके अलावा जो सबूत मिले होंगे तो बुलाया गया होगा. शाह के मुताबिक, हमारे खिलाफ बोलने के कारण बुलाया गया है, ये सच नहीं है.

अमित शाह ने आगे कहा कि आपको उनसे पूछना चाहिए कि हमसे अलग होने के बाद ही ये सब बातें क्यों याद आई. शाह ने कहा, 

Advertisement

"ये आत्मा उस वक्त क्यों नहीं जगी जब सत्ता में बैठे थे? लोगों को और पत्रकारों को इसकी विश्वसनीयता के बारे में भी सोचना चाहिए. अगर ये सबकुछ सही है तो जब वे राज्यपाल थे उस वक्त क्यों चुप रहे? खैर ये सब सार्वजनिक चर्चा के मुद्दे नहीं हैं. मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं बीजेपी की सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसे छिपाना पड़े. कोई अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए हमसे अलग होकर कुछ कहता है तो मीडिया को उसका मूल्याकंन करना चाहिए."

अमित शाह से ये भी पूछा गया कि क्या सत्यपाल मलिक को राज्यपाल पद के लिए चुनने के बाद कभी ऐसा लगा कि गलत व्यक्ति को चुना है? शाह ने जवाब दिया कि वे सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि मलिक काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं. अब समय-समय पर कोई अपना रुख बदल ले तो उसको क्या कर सकते हैं. जनता को ऐसे लोगों को पहचान लेना चाहिए.

300 करोड़ घूस देने की कोशिश हुई थी- मलिक

सत्यपाल मलिक ने बताया था कि रिलायंस इंश्योरेंस मामले में कुछ "स्पष्टीकरण" के लिए CBI उनसे पूछताछ करेगी. मलिक के मुताबिक, 28 अप्रैल को CBI की टीम 28 अप्रैल को उनके घर आएगी. 21 अप्रैल को दी लल्लनटॉप से बातचीत करते हुए मलिक ने कहा था, 

Advertisement

“ये समन नहीं है. मैंने जो इंश्योरेंस (स्कीम) कैंसिल की थी, उसमें वे लोग कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं. मुझे बताया गया था कि इसमें 300 करोड़ रुपये का मामला शामिल था. मुझे नहीं पता कि इसमें कौन शामिल था. मैंने कह दिया था ये पैसे नहीं चाहिए, इसे कैंसिल करो.”

पहली बार अक्टूबर 2021 में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए उन्हें दो फाइलों की मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत ऑफर की गई थी. इनमें एक मामला अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (RGIC) से जुड़ा हुआ था. मलिक ने आरोप लगाया था कि कश्मीर में कंपनी की बीमा योजना को लाने के लिए उन्हें घूस देने की कोशिश की गई थी. साथ ही RSS और बीजेपी नेता राम माधव ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. मलिक ने कहा था कि उन्होंने इसे कैंसिल कर दिया था. बाद में CBI ने इस कंपनी के खिलाफ केस भी दर्ज किया था.

न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ को दिये में सत्यपाल मलिक ने नरेंद्र मोदी सरकार पर कई और गंभीर आरोप लगाए थे. इस इंटरव्यू में मलिक ने कहा था कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमला (फरवरी 2019) हमारे सिस्टम और विशेष रूप से गृह मंत्रालय की लापरवाही का परिणाम था. उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि CRPF ने अपने जवानों को ले जाने के लिए विमान की मांग की थी. लेकिन गृह मंत्रालय ने मांग को ठुकरा दिया था.

मलिक ने ये भी बताया था कि जिस रास्ते से CRPF को जाना था, उसका सैनिटाइजेशन प्रभावी ढंग से नहीं किया गया था. मलिक ने दावा किया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने ये मुद्दा उठाया तो प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे इस बारे में चुप रहने और किसी को नहीं बताने की बात कही थी. 

वीडियो: नेतानगरी: पुलवामा पर सत्यपाल मलिक के आरोप पर कश्मीर के पत्रकार ने असल कहानी बता दी

Advertisement