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बांग्लादेश में अभिनेता शांतो खान और उनके पिता को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला

शांतो और उनके पिता भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी उनका सामना गुस्साई भीड़ से हुआ. एक भीड़ से वो बचकर निकले, कुछ दूर बाद दूसरी भीड़ ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया.

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एक्टर शांतो खान की तस्वीर. (फोटो- फेसबुक)

बांग्लादेश में पसरी हिंसा के बीच वहां की फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता शांतो खान और उनके पिता सलीम खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. सलीम खान लक्ष्मीपुर मॉडल यूनियन परिषद के अध्यक्ष और फिल्म निर्माता थे. उन्हें और शांतो को 5 अगस्त को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शांतो और उनके पिता बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी उनका सामना गुस्साई भीड़ से हुआ. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने बचाव में अपनी पिस्तौल से गोलियां चलाईं. लेकिन कुछ दूर बाद उनका सामना दूसरी भीड़ से हुआ, जहां उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया.

बांग्लादेश में पहले से चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन ने 5 अगस्त को विकराल रूप ले लिया. इस कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भागकर भारत आना पड़ा. इस दौरान भीड़ ने हसीना की पार्टी अवामी लीग के कई सदस्यों को निशाना बनाया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सलीम खान अवामी लीग के निष्कासित नेता थे. उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भी जाना पड़ा था. सेलिम ढाका स्थित मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी शापला मीडिया के मालिक थे, जो बंगाली फिल्मों का निर्माण और डिस्ट्रिब्यूशन करती थी.

उनकी हत्या की खबर से भारतीय फिल्म उद्योग के लोग भी सकते में हैं. फिल्म निर्माता सुदीप्तो सेन ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया,

"होनहार अभिनेता शांतो खान और उनके निर्माता पिता सलीम खान की भीड़ द्वारा हत्या की दुखद खबर से मैं बहुत व्यथित और क्रोधित हूं. यह स्वीकार्य नहीं है और मैं इस क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. यह भयावह है."

इस घटना पर इंडियन एक्टर रजतव दत्ता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने PTI से बात करते हुए कहा,

मैं यह खबर सुनकर स्तब्ध रह गया कि शांतो और उसके पिता की हत्या कर दी गई. हम नहीं जानते कि उनकी मौत किन परिस्थितियों में हुई, लेकिन ये दुखद है. हम जैसे कलाकार जो कला और रचनात्मकता से पनपते हैं, हमेशा शांति, सौहार्द और भाईचारे की कामना करते हैं.

बांग्लादेश के मौजूदा हालात की बात करें तो वहां अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. इस सरकार का नेतृत्व 84 साल के नोबेल प्राइज़ विजेता मोहम्मद यूनुस करेंगे. इस बीच शेख हसीना को भारत सरकार ने अस्थाई आश्रय दे दिया है.

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