The Lallantop

IOC ने रोकी 2036 ओलंपिक के मेजबान चुनने की प्रक्रिया, भारत पर रुख साफ़ होने में लगेगा समय

India 2036 Olympic की मेज़बानी के लिए दावेदार है. IOC सदस्य Neeta Ambani के नेतृत्व में भारत ने पिछले साल अक्टूबर में IOC के सामने ओलंपिक मेज़बानी की इच्छा ज़ाहिर की थी.

post-main-image
(फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने 2036 ओलंपिक गेम्स (Olympic Games 2036) के मेजबान शहर को चुनने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. IOC की नई अध्यक्ष कर्स्टी कोवेंट्री (Kirsty Coventry) का कहना है कि शहर चुने जाने की प्रक्रिया की नए सिरे से समीक्षा की जाएगी. IOC ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब भारत 2036 ओलंपिक को होस्ट करने के लिए दावेदारी पेश कर रहा है. माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद भारत की दावेदारी पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, IOC अध्यक्ष कर्स्टी कोवेंट्री ने बोर्ड मीटिंग के बाद गुरुवार 26 जून को इसका एलान किया. कोवेंट्री ने बताया कि यह फैसला दो मुख्य वजहों से लिया गया है. पहली यह कि IOC सदस्य इस प्रक्रिया में शामिल होना चाहते थे. दूसरा, होस्ट सिटी के चयन का समय फिर से तय करना ज़रूरी है.

उन्होंने कहा,

IOC सदस्यों की ओर से बड़ी संख्या में समर्थन मिला है कि इस प्रक्रिया को रोका जाए और फिर इसकी समीक्षा की जाए. हम इसके लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाएंगे.

IOC New President
IOC अध्यक्ष कर्स्टी कोवेंट्री. (फोटो- AP)

यह बदलाव कर्स्टी से पहले कमेटी के अध्यक्ष के फैसले से उलट है. पिछले अध्यक्ष ने पारंपरिक बोली प्रक्रिया के बगैर ही 2032 ओलंपिक की मेज़बानी जल्दबाज़ी में ब्रिस्बेन को दे दी थी. इस फैसले के बाद कई IOC सदस्य नाराज़ हो गए थे. उनका कहना था कि उन्हें प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया था.

कमेटी की नई अध्यक्ष कोवेंट्री का कहना है कि हाल में जिन शहरों को मेज़बानी दी गई है, उनके चयन प्रक्रिया की भी समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के दौरान देखा जाएगा कि अगले मेज़बान को चुनने का सही समय क्या है और उन्हें किस आधार पर और कैसे चुना जाना चाहिए. इससे न सिर्फ़ पारदर्शिता आएगी, बल्कि मेज़बानी के दावेदारों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा.

भारत पर ओलंपिक मेज़बानी का असर

मालूम हो कि भारत 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए सबसे अग्रणी दावेदार है. IOC सदस्य और उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी के नेतृत्व में भारत ने पिछले साल अक्टूबर में IOC के सामने ओलंपिक मेज़बानी की इच्छा ज़ाहिर की थी. इसके लिए IOC को आशय पत्र (Letter of Intent) सौंपा था. 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनका समर्थन किया था. पीएम मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि भारत के लिए ओलंपिक की मेज़बानी खेलों और देश के विकास के लिए बेहद अहम है.

भले ही शहर चुनने की प्रक्रिया पर रोक लग गई हो. लेकिन भारत मेजबानी के लिए अपना पक्ष मज़बूती से रखने और बातचीत लगातार जारी रखेगा. कोवेंट्री के मुताबिक वे चाहती हैं कि सभी इच्छुक देश इस प्रक्रिया और समीक्षा का हिस्सा बनें. अगले हफ्ते कई प्रतिनिधिमंडल आ रहे हैं. वे उनसे बातचीत करेंगी.

गौरतलब है कि भारत ने आख़िरी बार किसी बड़े खेल की मेज़बानी 2010 में की थी. तब दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन करवाया गया था.

वीडियो: नौसेना भवन से पाकिस्तान को खूफिया जानकारी भेजने वाला शख्स गिरफ्तार