एयर इंडिया (Air India) की फ़्लाइट में महिला पर पेशाब करने वाले आरोपी पर बुद्धवार, 11 जनवरी को सुनवाई हुई. सुवनाई के दौरान ये पता चला कि घटना के कुछ ही समय बाद आरोपी और पीड़िता के बीच टिकट के रिफ़ंड के बारे में बात हुई थी. आरोपी के वक़ील ने कोर्ट से कहा कि पीड़िता को मुआवज़ा दिया गया था, लेकिन उन्होंने धमकी दी थी कि अगर टिकट का पूरा पैसा नहीं दिया गया, तो वो मीडिया को बता देंगी.
फ्लाइट में महिला पर की थी पेशाब, वकील का आरोप- "पैसों के लिए मामला लीक करने की धमकी दी"
आरोपी शंकर मिश्रा के वकील ने लगाए हैं आरोप. कहा कि 15 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए थे.

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 7 जनवरी की सुबह शंकर मिश्रा को बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया था और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. अब सुनवाई के बाद दिल्ली की एक अदालत ने मामले में फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है.
मामले में आरोपी ने ये कहते हुए ज़मानत याचिका दायर की थी कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. ये भी आरोप लगाए कि गिरफ़्तारी अवैध है. याचिका में आरोपी ने कहा कि उसे नो-फ़्लाई सूची में डाले जाने का जोख़िम था, इसके बावजूद वो ख़ुद ही जांच समिति के सामने आया था. और, इस वजह से उसके फ़रार होने की कोई संभावना ही नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के बाद टिकट रिफ़ंड को लेकर दोनों पक्षों में बात हुई थी. आरोपी के वक़ील ने आरोप लगाए हैं कि पीड़ित महिला को मुआवज़े के तौर पर 15,000 रुपये दिए गए थे, लेकिन उन्होंने वो पैसे लौटा दिए. सुनवाई के दौरान कहा,
"हमने उन्हें पंद्रह हज़ार रुपये दिए थे. फिर उसके दामाद ने एक मेल भेजा कि अगर उन्हें हवाई टिकट का पूरा पैसा नहीं दिया गया, तो ये मामला मीडिया को बता दिया जाएगा. इस मेल के बाद, महिला ने पैसे वापस कर दिए. मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता था लेकिन मुवक्किल पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं."
इससे पहले 4 जनवरी को खबर आई थी कि एयर इंडिया की फ़्लाइट में आरोपी शंकर मिश्रा ने एक बुज़ुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया था. ये घटना 26 नवंबर की है. ये भी जानकारी आई कि फ़्लाइट में महिला पर कथित रूप से पेशाब करने के दौरान वो नशे में था. महिला की शिकायत के बाद शंकर मिश्रा के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू की गई है.
केस दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, गिरफ़्तारी से बचने के लिए शंकर मिश्रा लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था. दिल्ली पुलिस मुंबई और बेंगलुरु में लगातार छापेमारी कर रही थी. 3 जनवरी को उसने बेंगलुरु में अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था. 6 जनवरी की देर रात शंकर मिश्रा की लोकेशन मैसूर में मिली. लेकिन जब तक दिल्ली पुलिस वहां पहुंचती, वो टैक्सी से उतरकर जा चुका था. इसके बाद पुलिस ने ट्रैक्सी ड्राइवर से पूछताछ की तो उसकी लीड मिली, जहां से गिरफ़्तारी हुई.
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