'एक्सीडेंट के बाद हमने पापा को जल्दी अस्पताल ले जाने के लिए कहा. कोई मदद के लिए राजी नहीं हुआ. स्मृति ईरानी नीचे उतरीं. सब कुछ देखा. हमने उनसे मदद की भीख मांगी लेकिन वो कार में बैठीं. कार के शीशे चढ़ाए और वहां से चली गईं.'ये आरोप है उस बेटी सांदली का, जिसके पापा की HRD मिनिस्टर स्मृति ईरानी के काफिले से हुई टक्कर में मौत हो गई थी. जगह थी आगरा-दिल्ली यमुना एक्सप्रेस हाईवे. हादसे में बाइक सवार रमेश कुमार नागर की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग घायल हुए थे. https://twitter.com/ANI_news/status/706745973762977792 इन आरोपों पर HRD मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा, 'सड़क हादसे से स्मृति ईरानी के काफिले का कोई लेना-देना नहीं था. स्मृति ईरानी ने खुद मथुरा SSP को फोन कर पीड़ितों की मदद के लिए कहा था. उन्होंने एंबुलेंस भेजने के लिए कहा.' एक्सीडेंट के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा था, 'एक्सीडेंट में घायल शख्स काफी वक्त से सड़क पर था. हमने उस शख्स की मदद की कोशिश की. और अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम किया. मैं उनके लिए दुआ करती हूं.' https://twitter.com/smritiirani/status/706190464836186112 रमेश के बेटे अभिषेक ने कहा, 'हादसे के बाद स्मृति ईरानी ने एक भी बार हमारी हालत जानने की कोशिश नहीं की. मेरी बहन ने हाथ जोड़कर स्मृति ईरानी से मदद मांगी थी. पर वो नहीं रुकीं. और वहां से चली गईं.' https://twitter.com/ANI_news/status/706747245006172160 कब हुआ था एक्सीडेंट? स्मृति ईरानी शनिवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के सम्मेलन से दिल्ली लौट रही थीं. तभी यमुना एक्सप्रेस-वे पर ये हादसा हुआ.
'स्मृति से हाथ जोड़ मांगी मदद, पर वो शीशे चढ़ाकर निकल गईं'
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में मृतक की लड़की का आरोप.
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फोटो - thelallantop
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