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आजम खान की भैंस खोज सकते हो, हमारा कुत्ता भी खोजो!

बीजेपी सांसद का कुत्ता खो गया है, उनकी श्रीमती जी पुलिस थाने पहुंचीं और ये लॉजिक दिया.

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राम शंकर कठेरिया अपनी पत्मंनी के साथ (बाएं). कालू (दाएं)
यूपी पुलिस की हाय रे फुटही किस्मत. चोर-उच्चकों को छोड़ नेताओं के गाय-भैंस, कुत्ता-बकरी खोजना पड़ रहा है. अरे आपको तो याद ही होगा. कुछ दिन पहले आजम खान की भैंस गुम गई थी. जिसे खोजने के लिए पुलिस टीम भेजी गई थी. इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ है. लेकिन आजम खान के साथ नहीं. बल्कि आगरा से बीजेपी के सांसद और राज्यमंत्री पूर्व राम शंकर कठेरिया के साथ.
बेचारे नेताजी का कुत्ता गुम भुला गया है. पता उसका नाम क्या है. कालू. अगर तुम्हें पता चले तो प्लीज नेताजी को बता देना. इनाम-विनाम मिल जाए. कालू मंगलवार की सुबह सूसू-पॉटी करने गया था. उसके साथ लोग भी थे. पर वहां से घर वापस ही नहीं आया. कालू घर नहीं आया तो नेताजी की बीवी मृदुला पुलिस थाने जा टपकी. शहर के एसपी से अपने कालू के गुम होने की बात कही. मानों कालू कुत्ता नहीं, सोने के अंडे देने वाली मुर्गी हो.
मृदुला जी का कहना है कि अगर पुलिस आजम खान का कुत्ता खोज सकती है तो फिर मेरे कालू को क्यों नहीं. सांसद की बीवी के इस तर्क का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं. आगरा थाने के चौकी इंचार्ज को ऊपर से फोन आया है. और मंत्री जी का कुत्ता खोजने में जुटने बोला गया है. अब उनको कौन समझाए कुत्ते और भैंस में फर्क होता है मेम साब. आजम खान की भैंस को तो क्वीन विक्टोरिया से ज्यादा पॉपुलैरिटी मिली है. वही तो बताए थे. यूपी में लॉ एंड ऑर्डर की क्या स्थिति है ये तो बुलंदशहर रेप और लूट की घटना से पता चल गया है. बची-खुची कसर इन कुत्ता-भैंस बकरियों ने निकाल दी है. पुलिस जितनी फुर्ती से मंत्रियों के कुत्ते-बिल्ली, गाय-भैंस खोजने में जुटती है, अगर आरोपियों को इतनी तन्मयता के साथ खोजे तो क्राइम खत्म हो जाएगा यूपी से. पर नहीं. वो ऐसा काहे करने ही पाएंगे.

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