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छत्तीसगढ़: माओवादियों ने अगवा किए इंजीनियर और राजमिस्त्री को छोड़ा

अपहरण के वक्त इंजीनियर अशोक पवार बीजापुर में एक पुल के निर्माण कार्य में लगे थे.

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(बाएं) इंजीनियर अशोक पवार और उनका परिवार, दाईं तस्वीर सांकेतिक है. (साभार- पीटीई, इंडिया टुडे)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से अगवा किए गए इंजीनियर और उनके एक सहयोगी को माओवादियों ने बीते मंगलवार शाम को छोड़ दिया. बस्तर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) सुंदरराज पी. ने कहा, 'इंजीनियर अशोक पवार और राजमिस्त्री आनंद यादव को छोड़ दिया गया है और मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है.' कुछ दिनों पहले ही माओवादियों ने अशोक पवार और आनंद यादव का अपहरण कर लिया था. इनके परिजन माओवादियों से लगातार गुहार लगा रहे थे कि दोनों को छोड़ दिया जाए. आदिवासी नेता नंद कुमार साई ने भी माओवादियों से अपील किया था कि इंजीनियर और राजमिस्त्री को रिहा कर दिया जाए.

पत्नी की माओवादियों से अपील

इससे पहले अशोक पवार की पत्नी सोनाली पवार बीजापुर स्थित बेदरे के आसपास के जंगलो में अपने पति को खोज रही थीं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से माओवादियों को बताया था कि जब तक वे उनके पति को सकुशल रिहा नहीं किया जाता है, तब तक वह बेदरे में ही डटी रहेंगी. उन्होंने अपनी बच्चियों का हवाला देते हुए कहा था,
'हमारी दो बेटियां हैं, जो अपने पिता की रिहाई की मांग कर रही हैं.'
अशोक और सोनाली मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं. पेशे से इंजीनियर अशोक एक प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते हैं. अगवा होने से करीब एक महीने पहले वो छत्तीसगढ़ आए थे. उनकी पत्नी ने अपने 25 सेकंड के वीडियो में कहा था,
'हम 15-20 दिन पहले ही काम करने के लिए यहां आए थे. आपसे विनती है कि उन्हें छोड़ दीजिए, मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. एक बच्ची पढ़ रही है, एक बच्ची छोटी है, हम कहां जाएंगे. छोड़ दीजिए उन्हें, उनको कुछ मत करिये. हम घर चले जाएंगे.'
वहीं अशोक की छोटी बेटी ने एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि वो उनके पिता का पता लगाने में मदद करें. वीडियो में उसने कहा है,
'मोदी जी, हमारे पापा को छुड़वा दीजिए. हमारी मम्मी को पता नहीं चल रहा है. हमारा आपसे ये निवेदन है.'
अशोक पवार माओवादी प्रभावित क्षेत्र में इंद्रावती नदी के ऊपर पुल बनाने के प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे थे. निर्माण कार्य भैरमगढ़ जिले के बेदरे गांव में चल रहा था, जो कि जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर है. इससे पहले नवंबर 2021 में माओवादियों ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में काम कर रहे एक इंजीनियर अजय रौशन को बीजापुर में अगवा कर लिया था. उनकी पत्नी अर्पिता ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर उन्हें छोड़ने की अपील की था. वो अपने पति को छुड़ाने के लिए उनकी पत्नी जंगलों में चली गई थीं. सात दिन बाद माओवादियों ने उन्हें रिहा कर दिया था.