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ये शिगेला बीमारी क्या है, जो केरल में डर की नई वजह बन रही है?

आमतौर पर बच्चों की इस बीमारी से एक की मौत हो चुकी है, कई बच्चे बीमार हैं.

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शिगेला नाम के बैक्टीरिया से फैलने वाली ये बीमारी आमतौर पर बासी खाना और गंदा पानी पीने से होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)
कोरोना वायरस की दहशत अभी कमजोर पड़ती दिखाई नहीं दे रही, वहीं केरल में एक नए बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है. शिगेला नाम के बैक्टीरिया से फैलने वाली इस बीमारी से कोझीकोड में 11 साल के एक बच्चे की मौत हो चुकी है. हाल के दिनों में उत्तरी केरल में शिगेला के कई मामले देखे गए हैं. इसके बाद केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने सावधानी बरतने की अपील की है. अबकी केरल में पहला केस कहां से आया? इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, कोझीकोड के जिला चिकित्सा अधिकारी वी. जयाश्री ने बताया कि शिगेला एक तरह की संक्रामक बीमारी है. हाल के दिनों में जिले में डायरिया के 26 नए मामले सामने आए हैं. अब तक 56 संदिग्ध लोगों के शिगेला टेस्ट किए गए हैं. इनमें से अब तक छह लोग संक्रमित पाए गए हैं. मरीजों को कोझीकोड के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कुछ लोग ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. कोई भी मरीज़ नाजुक स्थिति में नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने कहा कि केरल में इससे पहले भी शिगेला वायरस से लोग संक्रमित हुए हैं. आमतौर पर ये बीमारी दूषित पानी से फैलती है. ऐसे में घनी आबादी में रहने वाले लोगों को गुनगुना पानी पीने की सलाह दी जाती है. लोग सावधानी रहें और स्वच्छता का ख्याल रखें. जयाश्री ने बताया है कि हम संक्रमण के मूल कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. बीमारी को ट्रेस करने के लिए हमने प्रभावित क्षेत्र से पानी और खाने के सैंपल जमा किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. हालांकि उन्होंने अब हालात काबू में होने का दावा किया है. शिगेला वायरस है क्या? यह बीमारी शिगेला नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है. 10 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है. हालांकि बड़े भी इसकी चपेट में आते हैं. कोई व्यक्ति दूषित पानी पीने, बासी खाना खाने और शिगेला से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने में से शिगेला बीमारी से संक्रमित हो सकता है. शिगेला से प्रभावित लोगों को दस्त के साथ ही बुखार और पेट दर्द की दिक्कत हो सकती है. खूनी दस्त भी हो जाते है. यह असर लोगों को प्रभावित होने के एक-दो दिन बाद शुरू होता है, जो एक सप्ताह तक रह सकता है. इसकी कोई वैक्सीन अभी नहीं है. आमतौर पर एंटीबायोटिक्स दवाओं से इसका असर कम किया जाता है. शिगेला से बचने के लिए डॉक्टर बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह देते हैं.

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