आईएनएस विक्रमादित्य के साथ कुछ बुरा होता है, तो चिंता इसलिए भी होती है क्योंकि ये नेवी का सबसे बड़ा विमान वाहक पोत है. ऐसी गैस रिसने की ख़बरें, उसकी सुरक्षा को लेकर डर पैदा करती हैं. और उसकी क्षमताओं पर जाहिर है सवाल खड़े करती हैं.जहाज का जो सीवेज ट्रीटमेंट रूम था वहां से गैस लीक हुई और चार लोग शिकार बन गए. उन सबको पास के सेना के अस्पताल भी ले गए लेकिन दो लोग मारे गए. मरने वालों में एकएक शिपराइट मैकेनिक थे, जिनका नाम राकेश कुमार था और दूसरे का नाम मोहनदास कोलांबर था. वो ठेका कर्मचारी थे.

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बाकी दो ही हालत ठीक ही बताई गई थी. जांच के ऑर्डर दे दिए गए. मनोहर पर्रीकर ने कहा. गैस रिसाव दर्दनाक चीज है, लेकिन इसका आईएनएस विक्रमादित्य के वार पोटेंशियल से कोई लिंक नहीं है.