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हरियाणा में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई, पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने इस मामले में अभी तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक कांग्रेस नेता और जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता के बेटे भी शामिल हैं.

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जांच के लिए SIT का गठन किया गया है (फ़ोटो- आजतक)

हरियाणा में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 19 हो गई है. गुस्साए लोगों ने शराब डीलरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक कांग्रेस नेता और जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता के बेटे भी शामिल हैं. शराब से ये मौतें पिछले चार से पांच दिनों में हुई हैं.

NDTV की रिपोर्ट मुताबिक़ मरने वाले लोग यमुनानगर के मंडेबरी, पंजेटो का माजरा, फूसगढ़ और सारन गांव और अंबाला ज़िले के थे. अंबाला पुलिस ने एक बंद फैक्ट्री में बनी नकली शराब की 200 पेटी और 14 खाली ड्रम जब्त किए हैं. साथ ही पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन भी किया है. ये टीम शराब बनने के प्रोसेस पर भी नज़र रखेगी.  

NDTV से बातचीत को दौरान रविंदर नाम के एक व्यक्ति ने बताया,

"कल रात मेरे पिता की ज़हरीली शराब पीने से मौत हो गई. उन्हें शराब की लत थी लेकिन आमतौर पर बहुत कम मात्रा में शराब पीते थे. वह अपने दोस्तों के साथ शराब पीते थे, जिनकी भी पहले ज़हरीली शराब पीने से मौत हो गई थी."

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पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. पुलिस का कहना है कि गांव के लोग शराब कारोबारियों के ख़िलाफ़ कुछ भी बोलने से डर रहे हैं. उन्हें अपनी जान जाने का डर है.

एक ग्रामीण ने बताया, 

"मुझे डर है. अगर हमने आवाज़ उठाई तो हमारी जान खतरे में पड़ सकती है."

समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि अंबाला में जान गंवाने वाले दोनों लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले मजदूर थे. उन्होंने अंबाला जिले शराब का सेवन किया था. पुलिस ने कहा कि दोनों अंबाला के एक गांव में किराये के मकान में रह रहे थे और यहां एक कारखाने में काम करते थे.

यमुनानगर की एएसपी हिमाद्री कौशिक ने ANI को बताया कि सभी गिरफ्तार आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं. जितने भी लोग संलिप्त हैं, उन्हें पकड़ने की कोशिश हो रही है. पुलिस हर गांव में जाकर लोगों को बता रही है कि वे संदिग्ध जगहों से शराब न खरीदें. 

विपक्षी दलों ने ज़हरीली शराब से हुई मौतों पर मनोहर लाल खट्टर सरकार की आलोचना की है. पार्टियों ने हरियाणा सरकार पर अतीत में इसी तरह की घटनाओं से सबक लेने में विफल रहने का आरोप लगाया है. 

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