एक ऐसा भी दौर था जब दुनिया को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों की जानकारी नहीं थी. लोग एयरप्लेन और यहां तक कि अस्पताल में भी तंबाकू का सेवन करते दिख जाते थे. फिर जैसे-जैसे तंबाकू के ऊपर शोध बढ़ा तो पता चला कि इसके कितने हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं. साल 1987 में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन ने तय किया कि हर साल 31 मई को ‘नो टोबैको डे’ के रूप में मनाया जाएगा. इस मौक़े पर हमने सोचा क्यों ना भारत में तंबाकू के इतिहास के बारे में जाना जाए. देखें वीडियो.
तारीख: भारत में तंबाकू का 400 साल पुराना इतिहास
एक ऐसा भी दौर था जब दुनिया को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों की जानकारी नहीं थी.
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