तारीख़. जिसमें हम सुनाते हैं उस तारीख़ से जुड़ी हुई भारत की ऐतिहासिक कहानियां. आज 25 जनवरी है. और आज की तारीख का संबंध है आचार्य विनोबा भावे से. 1975 का साल. देश में इमरजेंसी लगी. नेता जेल गए. विपक्ष को लीड कर रहे थे गांधीवादी नेता जय प्रकाश नारायण, JP . देश में उनका क़द बहुत ऊंचा हुआ करता था. दूसरा ख़ेमा था इंदिरा की सत्ता में सूडो राज चला रहे संजय गांधी का. एक तीसरा ख़ेमा भी था. जिसमें सिर्फ़ एक व्यक्ति था, आचार्य विनोबा भावे. JP और विनोबा दोनों गांधीवादी थे. JP मान कर चल रहे थे कि विनोबा का समर्थन विपक्ष को ही रहेगा. और वो सत्ता के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करेंगे. लेकिन इत्तेफ़ाक कुछ यूं बना कि 25 दिसंबर, 1974 से विनोबा ने एक साल का मौन धारण कर रखा था. 25 जून, 1975 को इमरजेंसी की घोषणा हुई. विनोबा मौन साधे हुए थे. राजनीति में कभी उनकी दिलचस्पी रही भी नहीं. वो गांधी की आध्यात्मिक विरासत लेकर चल रहे थे.सरकार को लगा कि विनोबा से एक बार मुलाक़ात करनी चाहिए. देखिए वीडियो.
तारीख: विनोबा भावे को क्यों कहा गया 'सरकारी संत'?
आज की तारीख का संबंध है आचार्य विनोबा भावे से.
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