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तारीख: जब हिटलर ने चलाई 7000 किलो की गोली

हिटलर की आत्मकथा - माइन कैम्फ पहली बार 1925 में छपी. और जल्द ही इतनी फेमस हो गई कि दुनियाभर की भाषाओँ में अनुवाद हुआ. किताब खूब बिकी. हालांकि एक देश था जहां ये किताब बैन थी - फ्रांस. और ये बैन खुद हिटलर ने लगाया था. क्यों?

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हिटलर फ़्रांस को अपना सबसे बड़ा दुश्मन बताता है. चांसलर बनने से पहले ही वो फ़्रांस को हराने का सपना देख रहा था. इसीलिए वो नहीं चाहता था, फ्रेंच लोगों को उसके इरादे का पता चले. चांसलर बनने के बाद भी उसने कई बार ये दिखाया कि वो फ़्रांस के साथ शांति का रिश्ता चाहता है. लेकिन पीछे पीछे युद्ध की तैयारी शुरू हो चुकी थी. साल 1936 में हिटलर हथियारों की एक फैक्ट्री का दौरा करता है. कहता है - फ़्रांस को तबाह करने के लिए मुझे बन्दूक चाहिए. हुक्म की तामील हुई. वजन - 14 लाख किलो. ऊंचाई - चार मंजिला इमारत के बराबर. मारक क्षमता - लगभग 40 किलोमीटर ये डिटेल्स हैं, उस बन्दूक की. जो हिटलर के लिए बनाई गई. दुनिया की सबसे बड़ी बंदूक. जिससे चलने वाली गोली का वजन था - सात हजार किलो. और एक गोली चलाने के लिए 500 लोग लगते थे. 

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