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हम बिहार के लोग: आधी रात, चिता जलाते हुए डोम का जीवन कैसा होता है?

आकाश और उसके जैसे कई लोगों के लिए, यह सिर्फ़ एक पेशा नहीं, बल्कि आजीविका का एकमात्र साधन है. आकाश की कहानी के माध्यम से, हम एक डोम के रूप में जीवन जीने की वास्तविकताओं को उजागर करते हैं.

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किसी राज्य को सही मायने में समझने के लिए, आपको पहले उसके लोगों को समझना होगा. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, द लल्लनटॉप एक बिल्कुल नई सीरीज़ लेकर आया है जिसका नाम है “हम बिहार के लोग”. इस सीरीज़ में, हम आपके लिए बिहार के विभिन्न समुदायों, व्यवसायों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की अनकही कहानियां लेकर आएंगे. इस एपिसोड में, हम आपको आकाश नाम के एक डोम के जीवन से रूबरू कराएंगे हैं, जो बिहार के बक्सर स्थित मुक्ति धाम, श्मशान घाट पर काम करता है. आकाश हर दिन चिताओं को जलाने का काम करता है. यह ज़िम्मेदारी उसके परिवार में पीढ़ियों से चली आ रही है. आकाश और उसके जैसे कई लोगों के लिए, यह सिर्फ़ एक पेशा नहीं, बल्कि आजीविका का एकमात्र साधन है. आकाश की कहानी के माध्यम से, हम एक डोम के रूप में जीवन जीने की वास्तविकताओं को उजागर करते हैं. समाज में अक्सर प्रचलित रूढ़ियों और मान्यताओं से कहीं परे यह एपिसोड दिखाता है कि कैसे आकाश और उसका परिवार अस्तित्व, सम्मान और परंपरा की चुनौतियों का सामना करते हुए, कई पूर्वधारणाओं को तोड़ते हैं. हम बक्सर के घाटों से इस कच्ची और गहरी मानवीय यात्रा को कैमरे पर दिखा रहे हैं. जहां जीवन और मृत्यु एक-दूसरे से इस तरह मिलते हैं, जैसा हममें से अधिकांश लोग शायद ही कभी देखते हैं. आकाश के जीवन और बिहार और बिहारी समाज को करीब से समझने के लिए देखें “हम बिहार के लोग” का ये एपिसोड.

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