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UPI PIN को बोलिए टाटा! अब चेहरे और फिंगरप्रिंट से होगा पेमेंट, 5 पॉइंट में सब समझें

UPI Payment New Rule: फिंगरप्रिंट या चेहरे से पेमेंट करना PIN से ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है. PIN चोरी या शेयर किया जा सकता है, लेकिन बायोमेट्रिक डेटा नकली बनाना मुश्किल होता है.

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UPI में बायोमेट्रिक तरीके से होगी डिजिटल पेमेंट. (India Today)

भारत का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस' (UPI) में बड़ा बदलाव हो गया है. अब आप पेमेंट पासवर्ड यानी PIN डालने की बजाय अपने चेहरे या फिंगरप्रिंट से पेमेंट कर सकते हैं. यह नई टेक्नोलॉजी आधार के बायोमेट्रिक डेटा पर काम करेगी, जिससे पेमेंट करना और भी आसान, तेज और सुरक्षित हो जाएगा. चलिए, इस नए सिस्टम को 5 आसान पॉइंट्स में समझते हैं.

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1. बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), UPI को चलाती है. NPCI ने बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन फीचर लॉन्च कर दिया है. इसके तहत आप अपना चेहरा या फिंगरप्रिंट स्कैन करके पेमेंट की मंजूरी दे सकते हैं. PIN डालना जरूरी नहीं होगा. यह बदलाव डिजिटल ट्रांजैक्शन को ज्यादा आसान और फास्ट बनाएगा. शुरुआत में UPI बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से 5,000 रुपये तक का लेनदेन होगा.

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2. आधार डेटा से होगा ऑथेंटिकेशन

नया सिस्टम आधार के बायोमेट्रिक डेटा पर काम करेगा. आधार में लोगों का फिंगरप्रिंट, चेहरा और आईरिस स्कैन सुरक्षित रखा जाता है. UPI पेमेंट करते वक्त आपका मोबाइल या ऐप आपके फिंगरप्रिंट या चेहरे को स्कैन करके पहचान करेगा और पेमेंट की इजाजत देगा. इससे PIN याद रखने की जरूरत खत्म हो जाएगी.

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3. RBI के नए नियमों ने खोली राह

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में डिजिटल पेमेंट्स के लिए नए नियम बनाए हैं, जिनमें PIN के अलावा दूसरे ऑथेंटिकेशन तरीके भी मंजूर किए गए हैं. इसी वजह से अब NPCI और बैंक बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को अपनाने लगे हैं.

4. सुरक्षित और आसान लेनदेन

फिंगरप्रिंट या चेहरे से पेमेंट करना PIN से ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है. PIN चोरी या शेयर किया जा सकता है, लेकिन बायोमेट्रिक डेटा नकली बनाना मुश्किल होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे फ्रॉड कम होगा और खासकर बुजुर्गों और गांव-देहात के इलाकों के लोगों के लिए ऑनलाइन पेमेंट और भी आसान होगा.

5. प्राइवेसी और सुरक्षा

नए सिस्टम के साथ प्राइवेसी की चिंता भी बढ़ जाएगी. बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करने के लिए यूजर की इजाजत जरूरी होगी और डेटा की सिक्योरिटी के लिए मजबूत इंतजाम करने होंगे. क्योंकि आधार डेटा इस सिस्टम की नींव है, इसलिए उसके गलत इस्तेमाल और उस तक गैरकानूनी पहुंच को रोकना होगा. इसके लिए सिक्योर एन्क्रिप्शन और साफ कंसेंट फ्रेमवर्क की जरूरत होगी.

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