The Lallantop

फ्लाइट से शव को भेजने के लिए क्या नियम हैं, कितने पैसे देने पड़ते हैं?

इंडिगो की फ्लाइट से भेजे जा रहे एक शव की पैकेजिंग के ऊपर हाथी का स्टीकर लगा हुआ था और लिखा था अत्याधिक भारी सामान. इस स्टीकर के लिए सोशल मीडिया पर इंडिगो की आलोचना हो रही है. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि शव को फ्लाइट में ले जाने के लिए नियम क्या हैं और इसका चार्ज क्या है.

Advertisement
post-main-image
शव का पैक्ड शिपमेंट जिस पर विवाद है (दाएं), फ्लाइट की प्रतीकात्मक तस्वीर (बाएं) (Photo: ITG/X)

पार्थिव शरीर के एक शिपमेंट पर हाथी के स्टीकर लगाने को लेकर इंडिगो एयरलाइन्स की आलोचना हो रही है. एक यूजर ने एक्स पर इसकी तस्वीर पोस्ट करते हुए एयरलाइन्स से अनुरोध किया कि उन्हें यह स्टीकर बदलने पर विचार करना चाहिए. दरअसल, इंडिगो से दिल्ली से पटना जा रहे एक पार्थिव शरीर के शिपमेंट की तस्वीर वायरल हो रही है. शिपमेंट के ऊपर हाथी के स्टीकर के साथ चेतावनी लिखी है- 'अत्याधिक भारी, 100 किलो से ऊपर'.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

एक शख्स ने सोशल मीडिया में तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि शायद ये बात थोड़ी अजीब लगे, लेकिन इंडिगो, शवों के कार्गो शिपमेंट के लिए आपको शायद हाथी वाले "अत्यधिक भारी" स्टिकर को बदलना चाहिए. बस उस दिवंगत व्यक्ति के सम्मान में. शख्स ने बताया कि यह वीडियो इंस्टाग्राम पर शवों के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी एक एजेंसी ने शेयर किया है.

Advertisement
लोगों ने किया रिएक्ट

यूजर की पोस्ट पर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन आए हैं. एक व्यक्ति ने स्टीकर का बचाव करते हुए लिखा कि मुझे नहीं लगता कि शवों को फ्लाइट में नियमित रूप से ले जाया जाता है. दूसरी बात, हाथी का स्टिकर कर्मचारियों को यह संकेत देने के लिए है कि वे अपनी पीठ को नुकसान पहुंचाए बिना इसे सावधानी से उठाएं. बहस के बीच, आइए जान लेते हैं कि आखिर शवों को फ्लाइट में ले जाने के नियम क्या हैं और इसके लिए क्या चार्ज लगते हैं.

क्या हैं फ्लाइट में शव भेजने के नियम? 

बता दें कि शवों को फ्लाइट में कार्गो यानी माल ढुलाई सर्विस के रूप में लेकर जाया जाता है. यानी जैसे फ्लाइट में अन्य सामान भेजे जाते हैं, उसी तरह शव को भी ताबूत में पैक करके भेजा जा सकता है. हालांकि शवों को फ्लाइट में लेकर जाने से जुड़े कुछ नियम हैं, जिन्हें फॉलो करना होता है. एयर इंडिया की वेबसाइट में बताया गया है कि इंसान के शवों को फ्लाइट से दो प्रकार से लेकर जाया जा सकता है. उनके मृत शरीर को ताबूत में रखकर या फिर उनके जले हुए अवशेषों को अस्थि कलश में रखकर. दोनों मामलों में कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, जिन्हें शव को भेजने से पहले बुकिंग के समय जमा कराना होता है.

कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
  • जिसका शव है, उस व्यक्ति का मृत्य प्रमाण पत्र यानी डेथ सर्टिफिकेट.
  • यदि शव को कलश में राख के रूप में ले जाया जा रहा है तो उसका दाह संस्कार प्रमाण पत्र.
  • यदि शव को ताबूत में ले जाया जा रहा है तो Embalming Certificate. यह एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जो बताता है कि किसी शव को केमिकल प्रोसेस के ज़रिए सुरक्षित किया गया है, जिससे वह लंबी दूरी की यात्रा के दौरान खराब न हो.
  • इसके अलावा स्थानीय पुलिस का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी जरूरी होता है.
  • मरने वाले व्यक्ति का रद्द किया हुआ पासपोर्ट.
  • कांसुलर सर्टिफिकेट (मृतक जिस देश का हो, वहां के कांसुलर कार्यालय से)
  • यदि विदेशी व्यक्ति की भारत में मृत्यु हुई है तो विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) सर्टिफिकेट की कॉपी.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइन्स के अनुसार शवों की पैकेजिंग का सर्टिफिकेट.
  • भेजने वाले व्यक्ति का सर्टिफिकेट या घोषणा पत्र कि ताबूत में केवल उस व्यक्ति का मृत शरीर या मानव अवशेष हैं, जिसके दस्तावेज एयरपोर्ट के स्वास्थ्य अधिकारी के पास जमा किए गए हैं.

वेबसाइट में बताया गया है कि सभी दस्तावेज़ अंग्रेज़ी में ही जमा किए जाने चाहिए. यदि दस्तावेज़ स्थानीय भाषा में हैं तो शिपर या मृतक के साथ आने वाले व्यक्ति को अंग्रेजी में उसका पूरा और सही ट्रांसलेशन उपलब्ध कराना होगा.

Advertisement
शवों को फ्लाइट से भेजने के लिए गाइडलाइंस
  • शव को जिस ताबूत में रखा गया है, उसका पहले उपयोग नहीं हुआ होना चाहिए.
  • ताबूत का पैकिंग मटेरियल मजबूत होना चाहिए, जिससे वह शव का वजन उठा सके.
  • पैकिंग में भेजने वाले का नाम और पता लिखा होना चाहिए. साथ ही सिर की ओर या ऊपर की तरफ इशारा करने वाला लेबल लगा होना चाहिए.
शवों को फ्लाइट से भेजने का चार्ज

शवों को फ्लाइट से भेजने पर एयरलाइन्स कई प्रकार के चार्ज वसूलती हैं. इसमें मुख्य फीस होती है, एयरलाइन का कार्गो चार्ज. यह शिपमेंट के वजन और उड़ान की दूरी से तय किया जाता है. अन्य शिपमेंट की तरह शवों को भेजने के लिए भी कार्गो के तय रेट पर चार्ज लिया जाता है. इसके अलावा शव को सुरक्षित रखने के लिए Embalming चार्ज भी जुड़ा होता है. यह एक कानूनी आवश्यकता होती है, जिसमें शव को संरक्षित करना होता है. इसके अलावा शव को अच्छे से पैक करने के लिए ताबूत की जरूरत होती है. इसका भी चार्ज शव भेजने वाले को देना होता है. डॉक्यूमेंट्स औऱ परमिट के लिए भी अलग चार्ज होते हैं. वहीं एयरपोर्ट में शिपमेंट को हैंडल करने के लिए और एम्बुलेंस से शव को ले जाने और लाने के लिए भी चार्ज देना पड़ता है. मोटे तौर पर अगर डोमेस्टिक फ्लाइट से एक शव को भेजने के लिए 20 हजार रुपये से 55 हजार रुपये के बीच खर्च करने पड़ सकते हैं. असल कीमत संबंधित एयरलाइंस से इन्क्वायरी करने पर पता की जा सकती है.

वीडियो: वाराणसी आ रही एयर इंडिया फ्लाइट में दरवाजा खोलने की कोशिश, लैंड होते ही CISF ने धर लिया

Advertisement