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तारीख: द्वितीय विश्व युद्ध के सबसे शातिर जासूस की कहानी

जर्मनी को लग रहा था कि उन्हें ब्रिटेन और मित्र राष्ट्रों के खूफिया सन्देश मिल रहे हैं. जबकि असलियत ये थी कि हिटलर सीक्रेट सर्विस तक पहुंच रहे सारे सन्देश झूठे थे.

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आज की के दिन साल 1940 में इटली ने ब्रिटेन और फ़्रांस के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी. इसी दौरान कोलकाता में बैठा का एक शख्स एक लम्बे सफर की तैयारी कर रहा था. एक सफर जिसका अंत बर्लिन में होना था. नेताजी सुभाष चंद्र बोस घर में नजर बंद थे. बर्लिन पहुंचने के लिए उन्हें पहले पेशावर और वहां से काबुल तक पहुंचना था. जर्मनी को लग रहा था कि उन्हें ब्रिटेन और मित्र राष्ट्रों के खूफिया सन्देश मिल रहे हैं. जबकि असलियत ये थी कि हिटलर सीक्रेट सर्विस तक पहुंच रहे सारे सन्देश झूठे थे. इन्हें दिल्ली वाईसरीगल पैलेस (राष्ट्रपति भवन) में बनाकर भेजा जा रहा था, ताकि नाजियों को गुमराह किया जा सके. देखिए वीडियो.

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