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कमल
महाभारत में समय होता था न. ये वहीं हैं. विज्ञान, राजनीति, खेल, देश विदेश, मुहल्ला. अस्तित्व के दायरे में जो कुछ आता है, पकड़ लेते हैं. और फिर पिरोते हैं कहानी में. तारीख नाम का डेली शो लिखते हैं. और जहां जैसी जरुरत हो. लिखना आता नहीं, लिख जाता है- ये ब्रह्म वाक्य सदा होंटो पर रहता है.