‘थर्ड डिग्री’ शब्द सुनते ही, याद आते हैं फिल्मों के सीन. जैसे बिहार के बैकग्राउंड पर बनी गंगाजल इसकी एक बानगी है. लेकिन पढ़ते-लिखते जब काला पानी की सज़ा का इतिहास खंगाला तो एक तरफ यातनाएं दिखाई दी और दूसरी तरफ आज़ादी की ज़िद. क्या होती थी काला पानी की सज़ा? किसको भेजा जाता था इस जेल में? कैसी वीभत्स यातनाएं दी जाती थी, जो अब भी अगर जेहन में आती है तो रुंह कांप उठती है? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: कहानी अंडमान की सेल्युलर जेल की जो 'काला पानी' नाम से मशहूर हुआ
अंडमान में कैदियों की पहली खेप 1857 की क्रांति के बाद भेजी गई थी. लेकिन अंग्रेजों ने इसको जेल में तब्दील करने का पहला प्रयास 1788 में इंजीनियर कोलब्रुक और कैप्टेन ब्लेयर के दिशा-निर्देशन में किया गया था.
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