यूं तो अगली पीढ़ियों का प्रजनन इंसानों के बने रहने की अनिवार्य शर्त है. लेकिन उनका क्या जो क्लीनिकली या नैचुरली इस प्रक्रिया के लिए ‘अनफिट’ हों. पैरेंट बनने का सुख सबके हिस्से नहीं होता. इसीलिए आया रिप्रोडक्टिव साइंस. और इसी विज्ञान को 20वीं सदी में एक क्रांति ने धार दी. IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन. आम बोलचाल में टेस्ट ट्यूब बेबी. क्या है IVF ? किसने इज़ाद किया इस प्रोसेस को, जो आज लाखों घरों में खुशियां ला चुका है? भारत से क्या ख़ास नाता हैं इस तकनीक का? किसी को मेडल और किसी को मौत तक कैसे ले गया IVF? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: भारत के पहले IVF के बाद डॉक्टर ने क्यों दी थी जान?
आज भारत में IVF आम शब्द है. IVF का सक्सेस रेट और इसकी प्रक्रियाओं में इनोवेशन की मांग होती रही है.
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