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परमाणु अटैक में सक्षम, 1 हजार किमी तक मार, पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइल का टेस्ट सफल

भारत ने दो बैलिस्टिक मिसाइल्स पृथ्वी-2 (Prithvi 2) और अग्नि-1 (Agni 1) का सफल टेस्ट किया है. रक्षा मंत्रालय ने इस टेस्ट की जानकारी देते हुए बताया कि इस टेस्ट में सारे तकनीकी और ऑपरेशनल मानकों को पूरा किया गया है.

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भारत ने कम दूरी की 2 बैलिस्टिक मिसाइल्स का टेस्ट किया है (PHOTO-DRDO)

भारत ने अपने मिसाइल बेड़े को और उन्नत बनाते हुए कम दूरी (Short Range Ballistic Missile) की दो बैलिस्टिक मिसाइल्स पृथ्वी-2 (Prithvi 2) और अग्नि-1 (Agni 1) का सफल टेस्ट किया है. ये टेस्ट ओडिशा स्थित चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्टिंग रेंज में किया गया. रक्षा मंत्रालय ने इस टेस्ट की जानकारी देते हुए बताया कि इस टेस्ट में सारे तकनीकी और ऑपरेशनल मानकों को पूरा किया गया है. ये टेस्ट सेना की स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (Strategic Forces Command) की देखरेख में पूरा किया गया. Strategic Forces Command सेना की वो इकाई है जिसके पास देश के न्यूक्लियर हथियारों का जिम्मा है. ऐसे में इस टेस्ट को काफी अहम माना जा रहा है. तो जानते हैं इन दो मिसाइल्स की खासियत, और समझते हैं कि कैसे ये भारत के मिसाइलें बेड़े को नई ताकत देंगी.

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बैलिस्टिक मिसाइल 

भारत द्वारा टेस्ट की गई दोनों मिसाइल्स, बैलिस्टिक मिसाइल की श्रेणी में आती हैं. यानी ये फायर होने के बाद सबसे पहले वायुमंडल में काफी ऊंचाई पर जाती हैं. इसे बूस्ट फेज कहा जाता है. वहां पहुंचने पर इनका बूस्टर बंद हो जाता है. इसके बाद ये अपने टारगेट की तरफ आना शुरू करती हैं जिसे मिडकोर्स फेज कहा जाता है. 

फिर ये वापस से वायुमंडल में प्रवेश कर अपने टारगेट पर अटैक करती हैं. इसे टर्मिनल फेज कहा जाता है. इन मिसाइल्स में पारंपरिक विस्फोटक (Conventional Warhead) के साथ-साथ न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने की भी क्षमता होती है. इसीलिए बैलिस्टिक मिसाइल्स को आज की तारीख में काफी अहम माना जाता है. रेंज के आधार पर देखें तो बैलिस्टिक मिसाइल्स को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. 

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  • शॉर्ट रेंज : एक हजार किलोमीटर से कम रेंज होती है. इन्हें टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल भी कहा जाता है. 
  • मीडियम रेंज:  इनकी रेंज 1 हजार से 3 हजार किलोमीटर तक होती है. इन्हें थिएटर बैलिस्टिक मिसाइल भी कहते हैं. 
  • इंटरमीडिएट रेंज: इनकी रेंज 3 हजार से 5 हजार किलोमीटर तक होती है. लॉन्ग रेंज: इनकी रेंज 5 हजार किलोमीटर से अधिक होती है. इन्हें इंटरकंटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी कहा जाता है.

भारत ने फिलहाल जो टेस्ट किए हैं, वो दोनों शॉर्ट रेंज यानी 1 हजार किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइल्स हैं. क्या है इनकी खासियत, समझते हैं.

पृथ्वी 2 बैलिस्टिक मिसाइल

पृथ्वी 2 एक जमीन से जमीन (Surface to Surface) पर हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन (DRDO) ने इंटीग्रेटेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत विकसित किया है. पृथ्वी 2 की रेंज 250 से 300 किलोमीटर तक है. और ये 500 से 1 हजार किलोग्राम तक का पेलोड यानी भार ले जाने में सक्षम है. इस मिसाइल में हाई एक्सप्लोसिव, क्लस्टर वेपन के अलावा न्यूक्लियर हमला करने की भी क्षमता है.

अग्नि 1

अग्नि 1 एक 15 मीटर लंबी और करीब 12 हजार किलोग्राम वजनी एक बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 500 से 700 किलोमीटर है. साथ ही ये लगभग 1 हजार किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. हालांकि रक्षा मामलों से जुड़ी वेबसाइट्स दावा करती हैं कि पेलोड कम करने पर इसकी रेंज 1200 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है.

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मिसाइल वॉरफेयर 

नए जमाने के युद्ध में आमने-सामने की लड़ाई अब काफी कम देखने को मिलेगी. अधिकतर देश युद्ध के दौरान अब मिसाइल और ड्रोन जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें खुद का नुकसान कम से कम होता है. जबकि दुश्मन को सटीकता के साथ ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है.  बीते दशकों में भारत ने लगातार अपनी मिसाइल क्षमता को डेवलप किया है क्योंकि भारत के दोनों पड़ोसी समय-समय पर उकसावे की कार्रवाई करते रहे हैं.

वीडियो: पाकिस्तान का दावा, भारत ने दागी 6 बैलिस्टिक मिसाइलें

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