हिमाचल प्रदेश में सरकार संकट में है. या यूं कहें कि मुख्यमंत्री सुक्खू की कुर्सी संकट में है. ये सारी कहानी शुरू हुई थी 27 फरवरी को राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस की हार से. कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन के बीच 34-34 मतों से मुकाबला टाई हो गया था. इसके बाद पर्ची सिस्टम से हर्ष महाजन की जीत हो गई. जब राज्यसभा चुनाव में मुकाबला टाई हो जाता है तो दोनों कैंडिडेट के नाम की पर्ची डाली जाती है. जिसके नाम की पर्ची निकलती है, वो चुनाव हार जाता है. न प्रबंधन कांग्रेस के पक्ष में था, न ही भाग्य.
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राज्यसभा चुनाव में मुकाबला टाई हो जाता है तो दोनों कैंडिडेट के नाम की पर्ची डाली जाती है.
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