देश के 24 राज्यों में भीषण बारिश, आंधी तूफान के चलते अलर्ट जारी किया गया है. हाल ये है कि पिछले कुछ दिनों में देश के बड़े शहरों में सड़कों पर गाड़ियां नहीं बल्कि मोटर बोट नजर आईं. देहरादून, पुणे, वायनाड, डिब्रूगढ़, जामनगर. जैसे कई शहर बाढ़ की चपेट में आए. 27 मई 2024 को मौसम विभाग ने अपनी प्रेस रिलीज़ में इस बात की आशंका जताई थी कि इस साल सेंट्रल और साउथ इंडिया में नॉर्मल से ज्यादा बारिश होगी और नार्थ ईस्ट इंडिया में नॉर्मल से कम बारिश होगी. कई कंट्रास्टिंग बातें एक साथ आ गई न? जैसे जिस इलाके में सूखा था उसी इलाके में बाढ़ आ गई, किसी एरिया में जरूरत से ज्यादा बारिश के अनुमान थे तो कहीं कम. तब सवाल ये उठता है कि आखिर ये मॉनसून अच्छा था या खराब?
वायनाड में बारिश, लैंडस्लाइड, क्या है कारण?
देश की 70% से ज्यादा बारिश सिर्फ 4 महीने में होती है. भारत में करीब 61% किसान बारिश पर निर्भर हैं. जो भारत के 40 सबसे जरूरी फसलों में से 34 फसल उगाते हैं.
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इस वीडियो में जानते हैं-
-आखिर अच्छा मानसून और खराब मानसून क्या होता है?
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-देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है मानसून?
-मानसून को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय पहलू क्या हैं?