एक बकरी अपने जीवन काल में जितना मिमियाती है, उससे ज्यादा 'मैं मैं' इंसान एक हफ्ते में कर देता है. ‘मैं’ में इसी दिलचस्पी के चलते अपने बारे में सब कुछ जानना है इस होमो सेपियन को. लाखों साल पहले हम खाते क्या थे? रहते कैसे थे? ये इंटरेस्टिंग सवाल हैं, लेकिन इनके जवाब मिलना थोड़ा मुश्किल है. क्यों ? क्योंकि वक्त के साथ है मिट्टी का सफर सदियों से. खाना हो या कपड़े, वक्त के साथ सब मिट्टी में मिल जाते हैं. इसलिए लाखों तो छोड़िए, पांच दस हजार साल पहले भी हम क्या खाते थे, या पहनते थे (clothing origins) . ये पता करने के लिए भी हमारे पास बस गिनती के प्रमाण है. और वो भी किस्मत से मिले हैं. अंत में इंसानों तो मदद मिली ‘जुएं’ से. वीडियो देखें.
तारीख: इंसान के कपड़े पहनने का इतिहास, जुएं ने जानकारी जुटाने में कैसे मदद की?
शुरुआत में हम पेड़ों की छाल, जानवरों की खाल, पत्ते, बेल लताएं, ये सब पहनते थे. लेकिन सवाल ये कि हमने ऐसा किया क्यों? और कब (history of clothing)? क्या शर्म-लिहाज के चलते हम अंग ढकने लगे? या फिर वजह कुछ और थी?
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