कहानी की शुरुआत होती है 1929 से. भयानक मंदी का ऐसा दौर शुरु हुआ कि ऑस्ट्रेलिया पर भोजन का संकट आ सकता था. सरकार हरकत में आई. किसानों से वादा किया- आप गेहूं उगाओ, हम खरीदेंगे, बीज और उर्वरकों पर सब्सिडी मिलेगी अलग. किसान मान गए. गेहूं के बीज बो दिए गए. और जल्द ही लहलहाती फसल तैयार हो गई. अब बारी थी फसल काटने की. लेकिन ऐन मौके पर सरकार पलट गई. उन्होंने सही दाम चुकाने से इनकार कर दिया. किसान भी अड़े रहे. बोले - जब तक सही दाम नहीं मिलेंगे, फसल नहीं काटेंगे. सरकार और किसानों के बीच ये लड़ाई चल ही रही थी. कि तभी एक तीसरे प्लेयर की एंट्री हो गई.
तारीख: जब ऑस्ट्रेलिया की फौज एक चिड़िया से युद्ध हार गयी
1929 में दुनियाभर में भयानक मंदी का दौर शुरू हुआ. फसलों की कीमत कम हुई. लिहाजा किसानों ने खेती करना बंद कर दिया. पूरे ऑस्ट्रेलिया पर भोजन का संकट आ सकता था.
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इमू - ये नाम है एक चिड़िया का. यहां से कहानी शुरू होती है इमू युद्ध की. जो 1932 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था. इस पूरे अजीबोगरीब युद्ध की कहानी जानने के लिए वीडियो देखिए.
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