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एक कविता रोज़ में दुष्यंत कुमार की गज़ल

ये नज़र है कि कोई मौसम है/ये सबा है कि वबाल आया है

पिछली वीडियोज़ के कमेंट्स में कुछ लोगों ने दुष्यंत कुमार का लिखा सुनने की मांग की तो आज एक कविता रोज़ में उन्हीं की एक गज़ल आपको सुनाते हैं. दुष्यंत कुमार हिंदी साहित्य में अपने अनोखे ग़ज़ल फॉर्मैट के लिए जाने जाते रहे हैं. आज जो उनकी गज़ल हम पढ़ने जा रहे हैं उसका नाम है -  जाने किस किस का ख़याल आया है. देखिए वीडियो.