पुणे (Pune) क्राइम ब्रांच ने बिहार के एक ‘एजुकेशन काउंसलर’ (Bihar Education Counsellor) को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी कुणालकुमार पुणे स्थित एक बड़े शैक्षणिक संस्थान के नाम पर ठगी कर रहा था. आरोप है कि उसने संस्थान के नाम पर फर्जी विज्ञापन बनाकर ऑनलाइन वेबासइट पर चलाया. उसने संस्था के लोगो और फोटोज का इस्तेमाल किया. इसके बाद उसने बच्चों को संस्थान के नाम पर फर्जी एडमिशन के जाल में फंसाया.
फर्जी एडमिशन, झूठा विज्ञापन और भ्रामक दावे, कोलकाता एयरपोर्ट से पकड़ा गया बिहार का शातिर ठग
Pune News: पुलिस की पूछताछ में पता चला कि कुणाल कुमार एक और मामले में वांटेड है. साल 2021 में पुणे साइबर क्राइम पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया था. सेशन कोर्ट ने कुणाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी. इसके बावजूद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया.

सीनियर इंस्पेक्टर उल्हास कदम ने बताया कि कुणाल अपनी पत्नी के साथ थाईलैंड जाने की तैयारी कर रहा था. लेकिन उनको कोलकाता एयरपोर्ट पर रोक लिया गया. पुलिस को आरोपी के बारे में खुफिया सूचना मिली थी कि वो देश छोड़कर भागने वाला है. इसी सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई. थाईलैंड के लिए उसकी फ्लाइट के उड़ने से कुछ मिनट पहले ही उसे पकड़ लिया गया. कुणाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.
जांच में पता चला कि आरोपी ने छात्रों से झूठ बोलकर पैसे ऐंठे. उसने अपने ऐड में झूठा वादा किया कि वो अलग-अलग कोर्स में एडमिशन दिलाएगा. पुलिस का मानना है कि ये प्रचार भ्रामक थे.
इस धोखाधड़ी के बारे में तब पता चला जब इससे वो संस्था प्रभावित होने लगी, जिसके नाम पर कुणाल ने फर्जी वेबसाइट बनाई थी. इस संस्थान ने 2 अप्रैल, 2024 को डेक्कन जिमखाना पुलिस स्टेशन में कुणाल और उसके दो साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
पुलिस ने आरोपी का पता लगाने के लिए महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में तलाशी ली. लेकिन वो बार-बार अपने ठिकाने बदलता रहा और गिरफ्तारी से बचता रहा.
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पुलिस की पूछताछ में ये भी पता चला कि कुणाल कुमार एक और मामले में वांटेड है. साल 2021 में पुणे साइबर क्राइम पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया था. सेशन कोर्ट ने कुणाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी. इसके बावजूद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया.
आशंका थी कि आरोपी देश से भागने की कोशिश कर सकता है. इसलिए उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था. खुफिया सूचनाओं के आधार पर अधिकारियों ने तेजी से कार्रवाई की.
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