मोदी 3.0 का पहला आम बजट 23 जुलाई को पेश किया गया. इसमें बिहार को एक्सप्रेसवे, टेम्पल कॉरिडोर, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ़्रास्ट्रक्चर के लिए पैसा दिया गया है. बिहार को कम से कम 58 हज़ार 900 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स मिले हैं. इसमें से 26 हज़ार करोड़ रुपये सड़क प्रोजेक्ट्स के लिए पावर प्लांट के लिए 21 हज़ार 400 करोड़ और बाढ़ रोकने के लिए 11 हजार 500 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. लेकिन सवाल ये उठता है कि इससे बिहार का कितना भला होगा? और, क्या इससे स्पेशल स्टेटस की मांग अब नहीं रहेगी? इसी विषय पर विस्तार से बात करेंगे. समझेंगे,
क्या इस बजट से बदलेगी बिहार की तस्वीर?
बजट से सबसे ज़्यादा मौज आई है बिहार की. देश के 28 राज्यों में सबसे ज़्यादा आर्थिक मदद बिहार को मिली है. पर इसका फायदा बिहार वासियों को कैसे होगा, ये बताएंगे लेकिन पहले टाइम मशीन की सैर. दो-ढाई हज़ार बरस पीछे चलते हैं. जिसमें मगध का वैभवशाली इतिहास है. चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक जैसे सम्राटों का यश है. राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर एकाधिकार है.
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- एक्सप्रेसवे से क्या फ़ायदा होगा?
- टूरिज़्म बढ़ाने में टेम्पल कॉरिडोर्स की कितनी भूमिका होती है?
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- और, क्या इससे बिहार के लोगों की आर्थिक हालत सुधर जाएगी?