किताबवाला में इस बार हमारी मेहमान थीं, अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक और दीपा भास्ती. उनकी किताब Heart Lamp पर हुए इस बातचीत में उन्होंने कहानियों के लिखने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की. इसके साथ ही अपनी निजी जिंदगी के बारे में बात करते हुए बानू ने बताया कि कैसे कट्टरपंथियों की वजह से वे दो साल तक लिख नहीं पाई थीं. अधिक जानने के लिए देखें वीडियो.
किताबवाला: बानू मुश्ताक बुकर प्राइज और मुस्लिम कट्टरपंथियों पर क्या बोलीं?
अपनी निजी जिंदगी के बारे में बात करते हुए बानू ने बताया कि कैसे कट्टरपंथियों की वजह से वे दो साल तक लिख नहीं पाई थीं.
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