अयोध्या में मंगलवार, 25 नवंबर को राम मंदिर में ध्वजारोहण का कार्यक्रम संपन्न हुआ. जिसकी वजह से राम मंदिर एक बार फिर नेशनल पॉलिटिक्स का सेंटर बन गया है. इस बार बड़े राम मंदिर उद्घाटन के लिए नहीं, बल्कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. राम मंदिर में जगतगुरु रामभद्राचार्य को न बुलाने पर क्यों विवाद हो रहा? क्या बीजेपी का प्रतीकों के सहारे जातियों को साधने की कोशिश कर रही? अखिलेश PDA के किस फॉर्मूले के साथ मैदान में है? क्या प्रतीकों के साथ वोट बैंक मजबूत करती बीजेपी? जानने के लिए राजधानी का यह एपिसोड देखें.
राजधानी: राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में किसे बुलाया गया और किसे नहीं?
Ayodhya के राम मंदिर में ध्वजारोहण के कार्यक्रम में PM Modi RSS प्रमुख Mohan Bhagwat शामिल हुए.
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