लेकिन अब तक जो कुछ भी इस मामले में सामने आया है, क्या वही पूरी सच्चाई है? क्या दिलशाद ने वाक़ई किसी लड़की का रेप किया था? अगर उसी मामले में उस पर केस चल रहा था तो लड़की के पिता ने दिलशाद को गोली क्यों मारी? हमने इन सब सवालों के जवाब जानने की कोशिश की. वायरल वीडियो की चर्चा शुरुआत करते हैं सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से. दिलशाद की हत्या के अगले दिन यानी 22 जनवरी 2022 को धीरेन्द्र प्रताप नाम के एक शख्स ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक वीडियो जारी किया
. इसमें धीरेन्द्र इस पूरे घटनाक्रम पर बात कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि दिलशाद ने लड़की से रेप नहीं किया था, बल्कि उससे शादी की थी, वो भी हिंदू रिवाज से. धीरेन्द्र ने ये भी दावा किया कि शादी के वक्त लड़की नाबालिग नहीं थी. धीरेन्द्र के मुताबिक लड़की के पिता को ये शादी मंज़ूर नहीं थी इसलिए उसने दिलशाद को गोली मार दी. इस जानकारी के आधार पर धीरेन्द्र प्रताप ने इस घटना को बलात्कारी की हत्या नहीं, बल्कि ऑनर किलिंग की घटना करार दिया है.
इस दावे के साथ धीरेन्द्र ने ये भी बताया कि आईपीसी की रेप की धाराओं और पॉक्सो ऐक्ट लगी होने के बावजूद दिलशाद को महज ढाई महीने में ही जमानत मिल गई थी. उनके मुताबिक, दरअसल लड़की ने ही पुलिस की पूछताछ में अपने अपहरण और रेप की बात को खारिज कर दिया था. उसने बताया कि वो और दिलशाद प्रेम संबंध में थे और उन्होंने भागकर आर्य समाज के मंदिर में शादी की थी. लेकिन उसके परिवार को ये बर्दाश्त नहीं हुआ. उसने पहले तो दिलशाद पर बेटी के अपहरण और रेप का मामला दर्ज करा दिया, और बाद में पिता ने दिलशाद की हत्या ही कर दी. दिलशाद के भाई ने क्या बताया? मामले को और बारीकी से समझने के लिए हमने बात की दिलशाद के भाई नौशाद हुसैन से. उन्होंने हमें पूरा घटनाक्रम समझाया. वहीं परिवार वालों ने दी लल्लनटॉप को दिलशाद और लड़की की शादी का प्रमाणपत्र और तस्वीरें भी भेजी हैं.
नौशाद ने कहा,
दिलशाद और लड़की पहले से एक दूसरे को जानते थे और दोनों के पारिवारिक संबंध भी हैं. दोनों के पिता एक दूसरे को जानते हैं. दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे. लेकिन लड़की के पिता इससे राजी नहीं थे. दिलशाद और लड़की 11 फरवरी 2020 को घर से निकले और 13 फरवरी 2020 को उन्होंने हैदराबाद में आर्य समाज के मंदिर में जाकर शादी कर ली. दिलशाद ने अपना नाम बदलकर दिलराज भी रख लिया था. उसके बाद 17 फरवरी 2020 को बड़हलगंज थाने में दिलशाद के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज हो गया. और 20 फरवरी 2020 को दिलशाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

लड़की और दिलशाद के शादी की तस्वीर
नौशाद का कहना है कि ये मुकदमा फ़र्ज़ी ढंग से करवाया गया था. इसमें लड़की को नाबालिग बताया गया था जो सच नहीं है. उनका कहना है कि लड़की के दस्तावेजों के हिसाब से शादी के समय उसकी 21 साल थी. वही उम्र उसके मैरिज सर्टिफिकेट पर भी लिखी गई है.

लड़की और दिलशाद का मैरिज सर्टिफिकेट
17 सितंबर 2020 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिलशाद को जमानत दे दी थी. उसने अपनी बेल एप्लिकेशन में भी इस बात का ज़िक्र किया है कि लड़की का जन्म 5 दिसंबर 1998 का है और वो बीए के दूसरे साल की छात्रा है. उन दोनों ने अपनी मर्ज़ी से 13 फरवरी 2020 को आर्य समाज के मंदिर में जाकर शादी कर ली थी. दोनों अपनी सहमति से एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं.

दिलशाद की बेल एप्लीकेशन
परिवार ने बताया कि ज़मानत मिलने के बाद दिलशाद हर पेशी में जाया करता था. 21 जनवरी 2022 को भी वो मामले की पेशी में ही गया था. तभी लड़की के पिता ने उसे गोली मार दी.
नौशाद ने हमें दिलशाद का एक ऑडियो भी भेजा. इसमें वो लड़की के पिता से दोनों के साथ रहने की गुहार करता सुना जा सकता है. ऑडियो में दिलशाद अपने ससुर से कह रहा है,
हम दोनों साथ रहे हैं. इसमें (विवाद में) हम दोनों की ज़िन्दगी ख़राब हो रही है. हम कभी अलग नहीं रह सकते हैं. खुद अपनी बेटी से पूछिए. हैदराबाद में कमाने के सक्षम हैं. दोनों साथ खुश रहेंगे. क्या मुस्लिम होना ही गुनाह है क्या? हम साथ में हिन्दू बनकर रहने को तैयार हैं ना!! हम हर चीज़ में तैयार हैं. आप दूसरों की बात में मत जाइए. आप कोर्ट में आइए.पुलिस का क्या कहना है? इस मामले में और जानकारी लेने के लिए हमने बात की गोरखपुर के DSP श्याम देव से. उन्होंने हमें बताया,
21 जनवरी को दिलशाद हुसैन नाम के शख्स की जिसने गोली मार कर हत्या की है, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. और आगे उचित कार्रवाई की जाएगी.हमने DSP श्याम देव से दिलशाद पर लगाए गए आरोपों को लेकर भी सवाल किया. उन्होंने बताया कि गोरखपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल से दिलशाद के रेप के आरोपी होने की बात कही गई है.
इस मामले में लड़की नाबालिग थी. और नाबालिग लड़की से शादी नहीं की जा सकती. हमारे पास जो रिपोर्ट शिकायत दर्ज है उसमें उसकी दसवीं की मार्क शीट के आधार पर उसकी उम्र बताई गई है. और उसके मुताबिक वो शादी के समय नाबालिग थी.हमने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से लड़का-लड़की के आर्य समाज के मंदिर में जाकर शादी करने और मैरिज सर्टिफिकेट में लड़की की उम्र 21 साल होने को लेकर भी सवाल किया. इसके जवाब में DSP श्याम देव ने हमसे कहा,
किसी की उम्र के लिए हम 10वीं की मार्कशीट को पहले तरजीह देते हैं. फिर चाहे दूसरे दस्तावेज में उसकी उम्र कुछ भी लिखी हो. हम उसको नहीं मानते.वहीं दिलशाद के भाई ने हमें बताया कि लड़की की 10वीं की मार्कशीट में उसकी उम्र कुछ और लिखाई गई थी. लेकिन शादी के समय सही उम्र वाले दस्तावेज से ही शादी हुई थी.
इसका पता लगाने के लिए हमने दिलशाद के मैरिज सर्टिफिकेट से उस आर्य मंदिर का पता निकाला जहां दोनों ने शादी की थी. हमने आर्य समाज मंदिर की चेंगिचेर्ला तेलंगाना शाखा में संपर्क किया. आर्य समाज मंदिर चेंगिचेर्ला के अध्यक्ष गणेश कुमार शास्त्री ने हमें बताया कि आर्य समाज के मंदिर में दस्तावेजों की जांच के बिना शादी नहीं करवाई जाती. दिलशाद और लड़की के केस में भी ऐसा ही हुआ था. दोनों शादी के समय वयस्क थे, इसलिए ही वहां दोनों की शादी कराई गई थी.