मानव दुनिया में आया तब से ही 'अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा' का मारा हुआ था. दुनिया घूमता रहा. इंसान के पांव का चक्कर उसे एक जगह थमने नहीं देता था . नई-नई खोजें करता रहा मानव. और आज से तक़रीबन 178 साल पहले सभ्य समाज के कुछ लोगों ने भी एक खोज की. खोज क्या थी. एक तरह की क्रांति थी. घुमक्कड़ी क्रांति. दुनिया घूमने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए एक नया टर्म आया. पैकेज. घूमने निकलो तो रहने-खाने का भी इंतजाम हो जाए. पहले से प्लान रहे कि कहां-कहां जाना है तो और बढ़िया. अकेले नहीं पूरे परिवार के साथ घूमो, दोस्तों के साथ, रिश्तेदारों के साथ घूमो.
178 साल पुरानी Thomas Cook कंपनी क्यों दिवालिया हुई, जिसकी वजह से डेढ़ लाख लोग फंसे हुए हैं
पहली बार Tour Travel पैकेज लाने वाली यही कंपनी थी.

Thomas Cook. दुनिया की उन सबसे पुरानी कंपनियों में से एक थी जिन्होंने Tour & Travel पैकेज की शुरुआत की. 'थी' क्यों कहा? क्योंकि बीते सोमवार 23 सितंबर को थॉमस कुक बंद हो गई. ये बंद होना कोई मामूली बंद होना नहीं था. कंपनी लगातार उधार लेने की कोशिश करती रही, इन्वेस्टर्स से मिलती रही लेकिन आख़िरकार कंपनी बंद हो गई. और तब बंद हुई जब कंपनी के पैकेज पर लाखों लोग दुनिया भर में घूमने गए हुए थे.

थॉमस कुक का बंद होना कई और कंपनियों के लिए 'सोचने का वक़्त' भी है
अब आप जिस कंपनी के पैकेज पर गोवा घूमने आए हों, बीच रास्ते में पता चले कि वो कंपनी अब 'Non Operational' हो गई है तो? क्या करेंगे? जिन्हें अपने ठहरने और वापसी के टिकट का ठेका आपने दिया था, वो तो दुकान बंद करके निकल लिए. डेढ़ लाख लोग पूरी दुनिया में थॉमस कुक के पैकेज पर घूम रहे थे, उनमें से हज़ारों तो अकेले UK से हैं.

कंपनी बंद होने से डेढ़ लाख टूरिस्ट दुनिया भर में फंसे हुए हैं
इस तरह के कई पॉइंट्स पर हम बात करेंगे. लेकिन पहले ये जानना ज़रूरी है कि एक कंपनी जो पौने दो सौ साल से लोगों को दुनिया घुमा रही थी, वो अचानक बंद कैसे हो गई? क्या लोग अब घूमने नहीं जा रहे? क्या हुआ उस 'अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा' का? आप सोचेंगे कि अब दुनिया पहले से ज़्यादा घूम रही है. कुछ साल पहले तक जो लोग मसूरी-शिमला जाते थे वो अब बाली-बैंकॉक जा रहे हैं. मतलब घुमक्कड़ी और तगड़ी हुई है, तो कंपनी बंद कैसे हुई? क्या वजहें थीं. आइए एक-एक करके समझते हैं.

178 साल पुरानी कंपनी के इस तरह बंद होने से मार्केट में भारी तबाही है
# काहे लगा इत्ती पुरानी दुकान पर अलीगढ़ी ताला?
क़र्ज़. कंपनी बंद हुई भारी भरकम उधार से. लेकिन इसकी बात बाद में करेंगे. पहले बात करेंगे उन फैक्टर्स की जिसकी वजह से कंपनी लगातार घाटे में रही और ये उधारी चढ़ी.
इंटरनेट -आपने आख़िरी टूर पैकेज कहां से लिया था. आपमें से ज़्यादातर का जवाब होगा 'ऑनलाइन'. दुनिया भर के ट्रैवेल पैकेज दिखते हैं इंटरनेट पर. लगभग सारी कंपनियां इंटरनेट के सहारे ही ग्राहकों तक पहुंचती हैं. लेकिन इंटरनेट के इस झमाझम दौर में भी थॉमस कुक मैनुअल दफ़्तर चलाती थी. दुनिया भर में इसके 600 दफ़्तर थे जिन्हें 'हाई स्ट्रीट' कहा जाता है. इनके नब्बे फ़ीसदी से ज़्यादा ग्राहक इन्हें फोन करके या दफ़्तर जाकर पैकेज बुक कराते थे. शायद यही वजह है कि थॉमस कुक ट्रेडिशनल ग्राहकों के भरोसे ही चलती रही और आम ग्राहक तक नहीं पहुंच पाई. आपने भी शायद ही इससे पहले इस कंपनी का नाम सुना होगा. ये रही पहली वजह.

जब पूरी दुनिया इंटरनेट पर धंधा कर रही है तब थॉमस कुक दफ्तरों में टेलीफोन से बुकिंग करवा रही थी
अपनी ख़ुद की एयरलाइन -
थॉमस कुक साल 2000 के क़रीब एयरलाइन बिज़नेस में आई. 2003 में कंपनी ने अपनी ख़ुद की प्रॉपर एयरलाइन शुरू कर दी. 'थॉमस कुक एयरलाइन्स'. ख़ुद के 34 हवाई जहाज़ और 82 जगहों के लिए उड़ानें. यहां से कंपनी की कमर चटकनी शुरू हुई. कंपनी को सबसे बड़ी टक्कर मिल रही थी TUI ग्रुप से. ये भी एक ट्रैवल कंपनी ही थी और इसके पास भी अपनी एयर लाइन थी. लेकिन TUI ने कई और कंपनियों के साथ मिलकर पानी के 17 क्रूज़ जहाज़ और 380 होटल भी ले लिए. TUI के मुनाफ़े का 70 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं होटलों और पानी के क्रूज़ जहाज़ों से आने लगा. थॉमस कुक रह गई हवा में.

जहाज़ी बेड़ा शुरू करने से पहले थॉमस कुक को मार्केट के स्पेशलिस्ट लोगों ने बहुत मना किया था लेकिन तड़ चढ़ गई थी इन्हें जहाज़ उड़ाने की
ब्रेग्ज़िट भी एक वजह -
ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ. ब्रिटेन एग्ज़िट माने ब्रेग्ज़िट. इस वजह से भी थॉमस कुक को बड़ा झटका लगा. और ये झटका था दोतरफ़ा. एक तो टूरिस्ट कम हो गए. और ज़्यादातर ने घूमने का प्लान होल्ड पर डाल दिया. दूसरा था ब्रेग्ज़िट की वजह से डॉलर के मुक़ाबले पाउंड की कमज़ोरी. थॉमस कुक को अपनी एयरलाइन के लिए तेल ख़रीदना होता था डॉलर में. उधार थे सारे डॉलर में. इसलिए कंपनी को ठीक उसी समय ये ज़ोर का झटका लगा जब कंपनी पहले से ताबड़तोड़ कर्ज़ में थी.

जब ब्रेग्ज़िट रेफरेंडम हो रहा था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इसके ये नतीजे भी निकलेंगे
2007 में माय ट्रैवल के साथ विलय ने भी रखी पतन की नींव -
2007 में थॉमस कुक और यूके बेस्ड पैकेज ट्रैवल कंपनी ‘माय ट्रैवल’ का विलय हुआ जो आत्मघाती साबित हुआ. यहीं से उसके पतन की शुरुआत हुई. इस वजह से थॉमस कुक क़र्ज़ के बोझ तले दब गई, जिससे उबर नहीं पाई. पिछले महीने थॉमस कुक के संकट से निकलने की तब उम्मीद बंधी जब उसने चीन की इन्वेस्टमेंट कंपनी फोसन के साथ 1.1 अरब डॉलर का रेस्क्यू डील किया. हालांकि, ये भी काम नहीं आ पाया. उस पर 1770 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे वह नहीं चुका पाई.

Don't just book it, Thomas cook it
# कंपनी के विमान भी खड़े हुए
थॉमस कुक ने कहा ‘ये कंपनी और कंपनी बोर्ड के बाकी सदस्यों के लिए गहरे खेद का विषय है कि हम सफल नहीं हो पाए. ये कंपनी के लिए बहुत बुरा दिन है’. दिवालिया होने के साथ ही कंपनी के विमान भी खड़े हो गए. कंपनी के दुनियाभर में फैले 22,000 कर्मचारी नौकरी गंवा चुके हैं. इनमें से 9,000 तो अकेले ब्रिटेन में हैं.

अब मामला यही है कि जो लोग घर से निकल चुके हैं वो लौटेंगे कैसे
# अब डेढ़ लाख नागरिकों की वापसी बड़ा सवाल है
ब्रिटेन सरकार ने छुट्टियां बिताने बाहर गए डेढ़ लाख नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए आपात योजना पर काम शुरू किया है. सरकार ने बुल्गारिया, क्यूबा, तुर्की और अमेरिका गए लोगों को वापस लाने के लिए विमानों की व्यवस्था की है. ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि सरकार और ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने थॉमस कुक के ग्राहकों को स्वदेश लाने के लिए कई विमानों को किराये पर लिया है. बहरहाल, ब्रिटेन ने वादा किया है कि दो हफ़्तों के भीतर लोगों की वापसी सुनिश्चित करा दी जाएगी.
# थॉमस कुक इंडिया भी तो है
थॉमस कुक इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि यहां कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है. दरअसल थॉमस कुक इंडिया का 77 फीसदी हिस्सा 2012 में कनाडा के ग्रुप फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने खरीद लिया था. तब से थॉमस कुक यूके का थॉमस कुक इंडिया में कोई हिस्सा नही है.
थॉमस कुक के बंद होने से भारत पर भी असर पड़ेगा, और गहरा असर पड़ेगा. थॉमस कुक से ट्रैवेल पैकेज लेकर लाखों टूरिस्ट भारत घूमने आते हैं. UK से गोवा आने वाले नब्बे प्रतिशत टूरिस्ट थॉमस कुक के पैकेज पर ही आते थे. अब ज़ाहिर सी बात है कि इससे भारत की टूरिज़्म इंडस्ट्री पर भी असर पड़ेगा. तो थॉमस कुक कंपनी अकेले ही नहीं डूबी है बल्कि ढेर सारी संभावनाओं को भी ले डूबी है.# लेकिन भारत पर असर पड़ेगा
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