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सायनाइड से नहीं मरा तो गोलियां मारी गईं, पर उठ के कातिल को पकड़ लिया!

रास्पुतीन की वो बातें, जो उसे इतिहास में 'सबसे ख़तरनाक़' बनाती हैं.

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रास्पुतिन सोता ही नहीं था. (तस्वीर - विकीमीडिया कॉमन्स)

हर शासक का एक नजदीकी होता है. जिस पर उसे बहुत भरोसा होता है. बहुत बार ऐसा होता है कि वो नजदीकी शासक की डार्क एनर्जी का प्रतिरूप होता है. बहुत बार ऐसा होता है कि वो शासक के दिमाग पर हावी रहता है और ऐसे-ऐसे काम करवा लेता है, जो सोचा भी नहीं जा सकता. ऐसा ही एक आदमी था रास्पुतिन, जिसका नाम आज की राजनीति के रेफरेंस में भी लिया जाता है. बहुत छूट लेकर कहा जाए तो राजनीति में ऐसे बहुत सारे नाम हैं. जैसे प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमित शाह. जयललिता के साथ शशिकला. इंदिरा गांधी के साथ धीरेंद्र ब्रह्मचारी.

पर इनमें से कोई भी रास्पुतिन के करीब नहीं पहुंच सकता. पहुंचना भी नहीं चाहिए. क्योंकि शासक और देश के साथ ये सबके लिए खतरनाक हो जाएगा.

कौन था ये रास्पुतिन?

30 दिसंबर 1916 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग नदी के बर्फीले पानी से एक जोगी की लाश निकाली गई. इस जोगी को सायनाइड जहर दिया गया था. तीन बार गोली मारी गई थी. इसे ठंडे पानी में फेंकने से पहले बहुत मारा गया था.

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पानी से निकली लाश (फोटो -विकीमीडिया कॉमन्स)

रूस के सबसे धनी इंसान राजकुमार फेलिक्स युसुपोव के मोइका पैलेस के बेसमेंट में हुआ था ये कत्ल.

रूस के इतिहास में इससे खतरनाक इंसान नहीं हुआ था. ग्रेगरी रास्पुतिन. कचरे पर घूमने वाला रास्पुतिन रूस के शाही महल में कब दाखिल हुआ किसी को समझ नहीं आया. वो रूस के रोमानोव वंश का काल बनकर आया था. उस वक्त के रूस के राजा जार निकोलस सेकेंड और उसकी बीवी अलेक्जेंड्रा पर रास्पुतिन का जादू आज भी कहानियों में गाया जाता है.

“जोगी वो होता है जो तुम्हारी आत्मा को ले लेता है और उसे खुद का बना लेता है. जब तुम अपने जोगी को चुनते हो तो तुम अपनी इच्छा उसे सरेंडर कर देते हो. पूरी तरह. सब कुछ छोड़ के.” 

- फ्योडोर दोस्तोवस्की, द ब्रदर्स करमाझोव 

रास्पुतिन उसी साल पैदा हुआ था जिस साल गांधी पैदा हुए. 1869 में. एक किसान परिवार में. किसानी चली नहीं. जोगी बन गया. होली मैन. यूराल की पहाड़ियों के पास. तुरा नदी के किनारे. जहां यूरोप साइबेरिया में एशिया से मिलता है. एक लड़की प्रस्कोया डुब्रोविना से शादी कर ली. तीन बच्चों का बाप भी बन गया. कोई इस पर ध्यान नहीं देता था.

जिंदगी बदली मॉनेस्ट्री में जाकर, शाही घराना हुआ मुरीद

1892 में रास्पुतिन की जिंदगी बदली. वो एक मॉनेस्ट्री में चला गया. वहां उसका दिमाग घूमा. वो किसी के ऑर्डर नहीं लेता था. मॉन्क परिवार छोड़ देते थे. पर रास्पुतिन ने नहीं छोड़ा. उसे मैड मॉन्क कहा जाने लगा. पर किसी तरह से उसकी बातें सच होने लगी. उसका अंदाज कुछ ऐसा था कि लोग सहम जाते उसके सामने. बीमार और डरे हुए लोगों को ऐसे लोगों पर बहुत असामान्य भरोसा हो जाता है.

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1904 कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रासपुतिन की तस्वीर (फोटो - विकीमीडिया)

1906 में रास्पुतिन की ख्याति जार निकोलस के दरबार तक पहुंची. रानी अलेक्जेंड्रा लंबे वक्त से अपने बेटे के लिए एक वैद्य खोज रही थी. लड़के एलेक्सी को हीमोफिलिया था. सिंहासन का उत्तराधिकारी था. उस वक्त इस बीमारी का इलाज नहीं हो पाता था. राजकुमार को एक जरा सा कट लग जाने पर जान जाने का खतरा बना रहता था. रास्पुतिन ने भरोसा दिलाया कि राजकुमार को कुछ नहीं होगा. शायद किसी ने पहली बार रानी को इस कदर भरोसा दिलाया था.

शाही दरबार रास्पुतिन का मुरीद होने लगा. क्योंकि रास्पुतिन ने वाकई में राजकुमार का इलाज कर दिया. आज तक नहीं पता चला कि कैसे किया था उसने. जो भी हुआ अलेक्जेंड्रा रास्पुतिन पर निर्भर होती चली गई. और रास्पुतिन औरतों पर. सात बच्चों का बाप शाही दरबार की औरतों में रहने लगा. सेक्स और सनक में डूबे उसके किस्से फैलने लगे.

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रानी के साथ अफेयर के चर्चे हुए

1914 में जब प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ा, तब अलेक्जेंड्रा पर लोगों की निगाह गई. क्योंकि वो खुद जर्मन थी. और रास्पुतिन के साथ उसका पागलों वाला रिश्ता था जो किसी को समझ नहीं आता था. रूस में दोनों के सेक्सुअल रिश्ते की बातें चलती थीं. पर आज तक उसका कोई प्रमाण नहीं मिल पाया है. पर उनके बीच के लेटर थोड़ा हिंट करते हैं.

एक में अलेक्जेंड्रा ने रास्पुतिन को लिखा था- 

"मेरी रूह तुम्हारे साथ ही सुकून पाती है. मेरे गुरु हो तुम. मैं तुम्हारे हाथ चूम रही हूं और तुम्हारे कंधे पर अपना सिर रख रही हूं. कहते हैं कि रास्पुतिन को सम्मोहन विद्या आती थी."

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ग्रेगरी रास्पुतिन (फोटो - विकी)

पर ये सब गड़बड़ाने लगा जब रूस लड़ाई हारने लगा. कहा जा रहा था कि रास्पुतिन के कहे अनुसार ही लड़ाई हो रही थी. रूस को लोग सनकने लगे कि देश जंग हार रहा है और शाही घराना एक जोगी के कहने पर चल रहा है. ये भी खबर उड़ने लगी कि रास्पुतिन और रानी जर्मनी के एजेंट हैं.

रास्पुतिन का खून जहर और गोली से भी नहीं हो पाया

राजकुमार फेलिक्स युसुपोव ने एक पार्टी में रास्पुतिन को बुलाया. और वहीं पर रास्पुतिन को केक में सायनाइड मिलाकर दे दिया गया. पर कत्ल करने वाले हैरान रह गये. क्योंकि जहर का उस पर कोई असर नहीं हुआ था. युसुपोव ने गुस्से में पिस्तौल निकाल ली. और रास्पुतिन के पेट में गोलियां दाग दीं. वो खून से लथपथ होकर गिर पड़ा. पर पता नहीं कैसे फिर खड़ा हो गया और राजकुमार को पकड़ लिया. युसुपोव ने दो गोलियां और मारीं. उसके बाद उसे बहुत मारा गया. कपड़े मे लपेट के नदी में फेंक दिया गया.

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 रास्पुतिन की डेड बॉडी (फोटो -विकीमीडिया कॉमन्स)

पोस्टमॉर्टम में पता चला कि जहर और गोलियों से नहीं बल्कि पानी में डूबने के चलते मरा था रास्पुतिन. उस पर पहले भी हमले हो चुके थे, पर हर बार वो बच गया था. जहर वगैरह का तो उस पर कोई असर ही नहीं होता था. उसके मरने के एक साल बाद ही रूस में अक्टूबर क्रांति हुई और लेनिन ने कम्युनिज्म ला दिया देश में. जार और पूरे परिवार को उसी महल में काट दिया गया.

रास्पुतिन के बारे में पता चला कई डायरियों से. कई तरह की चीजें निकल के सामने आईं, जो सच भी हो सकती हैं और अफवाह भी-

1. रास्पुतिन के बारे में तीन चीजें लिखी रहती थीं - बहुत ज्यादा चढ़ा ली है, पीकर मर गया है, शराब अब इसके लिए कुछ नहीं है.

2. रास्पुतिन सोता नहीं था.

3. उसका बाथरूम बहुत बड़ा था. जब नहाता उसमें, वो कई लड़कियों के साथ नहाता. अपने जेनिटल्स पर उनसे साबुन लगवाता. उन लड़कियों को वो 'लिटिल लेडीज' कहता था. फिर वो शैतान को निकालने चर्च चला जाता.

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रास्पुतिन शाही लड़कियों के साथ (फोटो - विकीमीडिया कॉमन्स)

4. शाम को 12 बोतल चढ़ा लेने के बाद सिस्टर मारिया के साथ वापस आ जाता. मारिया उसे पता नहीं क्या-क्या समझाती. उसके बाद वो एक राजकुमारी आइरिना के साथ चला जाता. आइरिना को वो बड़ा बेसब्री से इंतजार करता. और इसी चक्कर में मारा गया था. क्योंकि उसे बुलाना आसान हो गया था.

5. अपने फीमेल फॉलोवर्स से कहता कि मैं आपका कुछ करता नहीं हूं. बस आपको पवित्र करता हूं. पर साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान नहीं रखता था. इतना कि छह-छह महीने अंडरवियर नहीं बदलता था. लोग कहते कि वो बकरी की तरह महकता था.

6. आइरिना के चक्कर में ही मारा गया रास्पुतिन. सबको पता था कि उसके साथ सेक्स को वो रोक नहीं पाएगा. नहीं तो वो इतनी सिक्योरिटी में रहता था कि उसे मारना संभव नहीं था. सेक्स के लिए ही वो रुका रहा. और जान चली गई.

रास्पुतिन पर बॉनी एम का फेमस गाना भी है. इस वीडियो में लिरिक्स भी है-

वीडियो: तारीख़: रूसी साम्राज्य के अंत की भविष्यवाणी करने वाले रासप्यूतिन की कहानी