"भीगे होंठ तेरे, प्यासा दिल मेरा"
'भीगे होंठ तेरे' वाले कुणाल गांजावाला आजकल कहाँ हैं?
एक वक़्त इंडस्ट्री में टॉप पर थे कुणाल और उनके गाने पार्टियों की जान हुआ करते थे.

कुणाल गांजावाला आजकल कहां हैं.
निसंदेह ये गाना आपने सुन रखा होगा. टीवी रिमोट के स्वैप बटन पर उंगली रखकर फुल सतर्कता बरतते हुए देख भी रखा होगा. 'मर्डर' फ़िल्म का ये ट्रैक एक सेंसेशनल हिट था. इस गाने को गाया था कुणाल गांजावाला ने. कुणाल के गाए अनेकों गीत आपकी स्कूल/कॉलेज मेमरीज़ का हिस्सा ज़रूर रहे होंगे. अर्ली से मिड 2000 कुणाल के करियर के वो साल थे जब उनका नाम टॉप सिंगर्स में और उनके गाने टॉप चार्ट्स में शामिल रहते थे. लेकिन सूरज का चढ़कर ढ़लना भी प्राकृतिक है.
गायकों का दौर उतने ही वक़्त तक होता है, जब तक मार्केट में उनके टक्कर की नई आवाज़ नहीं आती. लेट 2000s आने तक मार्केट में हिमेश रेशमिया और आतिफ़ असलम की आवाज़ों का 'सुरूर' चढ़ा हुआ था. जिसके चलते कुणाल गांजावाला नाम ओझल होता चला गया. इस डिजिटल एज में कहां हैं कुणाल और क्या है कुणाल की कहानी, आइये जानते हैं. #शुरुआत 14 अप्रैल 1972 को कुणाल का जन्म महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था. घर में कला का माहौल था. इनके पिता हारमोनिका प्लेयर थे. बहन भरतनाट्यम में निपुण थीं. लेकिन कुणाल स्कूल टाइम में आर्ट फ़ील्ड में नहीं जाना चाहते थे. बल्कि पढ़ लिख कर सी.ए बनना चाहते थे. सिंगर बनने का ख्याल तो ज़हन में भी नहीं था. स्कूल खत्म कर कुणाल कॉलेज पहुंचे. वहां कॉलेज फंक्शन में पहली बार स्टेज पर गाया. तालियां पड़ीं तो रेगुलर कॉलेज फ़ेस्टिवल्स में गाना शुरू कर दिया और कई इंटर कॉलेज कम्पटीशन जीते.
कुणाल अब सिंगिंग को करियर बनाने के बारे में विचार करने लगे थे. चूंकि पिता पहले से संगीत से जुड़े हुए थे, तो उन्होंने भी कुणाल को प्रोत्साहन दिया. जिसके बाद कुणाल ने भारतीय विद्या भवन के सुधीन्द्र भौमिक से संगीत की शिक्षा ली. संगीत शिक्षा पूरी कर कुणाल काम की तलाश में लग गए.
कुणाल की पत्नी गायत्री अय्यर भी सिंगर हैं. गायत्री ने 'माय दिल गोज़ उम्म', 'बेईमान मोहब्बत' जैसे बहुत से फ़िल्मी गाने गाए हैं. दोनों की एक परफॉरमेंस देखते चलें.
#दूध वंडरफुल
कुणाल ज़ी के शो 'सारेगामापा' के पहले सीज़न का हिस्सा रहे. इस शो के बाद कुणाल म्यूजिक कम्पोज़र और डायरेक्टर रंजीत बरोट के साथ काम करने लगे. रंजीत बरोट इंडस्ट्री में बड़ा नाम थे. लिहाज़ा उनके साथ काम करते हुए कुणाल की मुलाकात ए आर रहमान, शंकर महादेवन, अनु मलिक से अक्सर होने लगी. रंजीत बरोट की रेपुटेशन की बदौलत ही कुणाल को उनका पहला म्यूज़िक प्रोजेक्ट मिला.
90s का दौर था. इंडिया का कायाकल्प हो रहा था. कोका कोला, पेप्सी जैसे ब्रांड्स पनपते सैटेलाइट टीवी एरा में विज्ञापनों के सहारे इंडियन मार्केट कब्ज़ा रहे थे. बच्चों के बीच बढ़ती सॉफ्टड्रिंक्स की खपत को रोकने और दूध पीने को बढ़ावा देने के लिए NDDB (नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड) ने 'पियो दूध' कैंपेन लॉन्च किया. सिंपल राइम स्कीम वाला एक जिंगल बनाया और गाने के लिए एक ऐसे सिंगर की तलाश शुरू की, जो अमेरिकन म्यूजिक से इन्फ्लुएंस हो रहे बच्चों को उसी स्टाइल में दूध का महत्व समझा पाए. ऐड मेकर्स की तलाश आकर खत्म हुई कुणाल गांजावाला पर. और यहां से कुणाल के सिंगिंग करियर की शुरुआत हुई.
#बॉलीवुड में शुरुआत
कुणाल को बॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला 2002 में आर्या बब्बर और अमृता राव की फ़िल्म 'अब के बरस' में. ये फ़िल्म, इसके गाने और आर्या बब्बर तीनों ही नहीं चले. लेकिन कुणाल को इस फ़िल्म के बाद कई फ़िल्मों में गाने के ऑफर आए. उनमें से एक रहा 'साथिया' का पॉपुलर ट्रैक 'ओ हमदम सुनियो रे. ये गाना तो खूब चला लेकिन कुणाल को पहचान नहीं मिली. याद रखें चलने और पॉपुलर होने में फर्क होता है.
फ़िर साल 2004 में आई इमरान हाशमी और मल्लिका शेरावत की 'मर्डर'. इसमें गाना आया 'भीगे होंठ तेरे'. बस इस गाने के बाद कुणाल का करियर 'वो ओ ओ ओ' हो गया. इस गाने के लिए कुणाल को उस साल के ज़ी, आइफ़ा समेत अनेकों अवार्ड समारोह में बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिला.

कुणाल गांजावाला गाते हुए.
'भीगे होंठ' के बाद अगर कुणाल का दूसरा कोई सबसे पॉपुलर गाना है तो वो है 'चन्ना वे घर आजा वे'. इस गाने की वीडियो में सब टीवी के शो 'तेरा यार हूं मैं' आने वाले सुदीप साहिर थे. 'चन्ना वे' के बोल लिखे थे संतोख सिंह ने. ये गाना रिलीज़ होने के कई सालों बाद तक भी पार्टी एंथम बना रहा था. 'कांटा लगा', 'बेरी के बेर मत तोड़ो' जैसे रीमिक्स गानों की झड़ी के बीच 'चन्ना वे' का क्रेज़ कहीं कम नहीं पड़ा.
आज के दौर में कुणाल अरिजीत सिंह को बेस्ट सिंगर मानते हैं. वो कहते हैं अरिजीत के अलावा बाकी सारे सिंगर्स एक जैसा साउंड करते हैं. फीमेल वॉइस में कुणाल नीति मोहन और शाल्मली खोलगड़े को आगे देखते हैं. #कन्नड़ भाषा में भी गाए हैं गाने कुणाल ने हिंदी के बाद सबसे ज़्यादा गाने अगर किसी भाषा में गाए हैं तो वो कन्नड़ भाषा में गाए हैं. कुणाल ने पहला गाना 2005 में 'आकाश' नाम की कन्नड़ फ़िल्म में गाया. 'नीने नीने'. ये ट्रैक वहां बहुत हिट हुआ. 2006 में 'कुंनाडू मेल' नाम की फ़िल्म में कुणाल का गाया 'ओनडे ओनडू सारी' गाना उस साल का सबसे ज़्यादा बिकने और डाउनलोड किया जाने वाला गाना बन गया. इन गानों के बाद से अबतक कुणाल लगभग 450 से ऊपर कन्नड़ गाने गा चुके हैं. कन्नड़ के अलावा कुणाल बंगाली, पंजाबी, तमिल, मराठी जैसी कई भाषाओं में गाने दे चुके हैं. #पांच मिनट में 'भीगे होंठ' 2003 वर्ल्डकप मैच चल रहे थे. कुणाल मैच देख रहे थे. तभी उनके फ़ोन की घंटी बजी. फ़ोन की दूसरी तरफ़ म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक थे. अनु ने साथिया का 'ओ हमदम सुनियो रे' सुनने के बाद कुणाल को फ़ोन किया था. अनु ने कुणाल से कहा कि उन्होंने ये ट्रैक कमाल गाया है. और अब कुणाल को अगला हिट गाना वो देंगे. इतना कह कर अनु ने फ़ोन रख दिया.
कुछ महीनों बाद दिवाली पर अनु ने कुणाल को फ़िर फ़ोन किया और स्टूडियो बुलाया. कुणाल उस वक़्त जिस बिल्डिंग में रहते थे, वो टूटकर टॉवर में तब्दील होने वाली थी. तो ये आखिरी मौका था कुणाल का अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर अपने पुश्तैनी मकान में दिवाली मनाने का. जिस वजह से कुणाल ने अनु से कहा कि वो कल आ जाएंगे. लेकिन अनु मलिक ने कहा कि वो आज ही आएं, वो उनका ज्यादा समय नहीं लेंगे सिर्फ आधे घंटे में फ्री कर देंगे.
कुणाल स्टूडियो पहुंचे तो अनु ने उन्हें 'भीगे होठ' के बोल बोले और कागज़ पर लिरिक्स लिखने को कहा. कुणाल लिरिक्स लिखने बैठे तो उन्हें लगा कि ये तो कोई गड़बड़ गाना है. लेकिन अनु मलिक को मना भी नहीं कर सकते थे. उन्होंने हैरानी से अनु मलिक की ओर देखा. अनु चेहरे पर 'आग लगा देगा' वाले भाव ले लाए. जिसके बाद कुणाल गाना रिकॉर्ड करने लगे और मात्र पांच मिनट में गाना रिकॉर्ड कर दिया.
रिकॉर्डिंग के बाद कुणाल ने अनु से कहा कि वो दूसरा टेक लेना चाहते हैं, तो अनु ने मना कर दिया. अनु ने कुणाल से कहा कि यही फाइनल है और उन्होंने ये इतिहास रच दिया है. इतना कहकर उन्होंने कुणाल को गले से लगा लिया.
महीनों बीत गए. अप्रैल 2004 में 'मर्डर' रिलीज़ हो गई. एक दिन कुणाल की पत्नी ने उनके बिल्डिंग के पास की बस्ती में बज रहे 'भीगे होंठ' की आवाज़ सुन कर कुणाल से पूछा कि इतने वाहियात बोल वाला ये गाना उन्होंने गाया है क्या. अब कुणाल ये गाना इतनी जल्दी रिकॉर्ड करके आए थे कि उन्हें बहुत देर बाद याद आया कि ये वो गीत है जो उन्होंने अनु मलिक के लिए रिकॉर्ड किया था. इसके बाद क्या हुआ आपको पता ही है. कुणाल बताते हैं 'भीगे होंठ' की लोकप्रियता का आलम ये था कि कुणाल से कई महिलाएं आकर कहती थीं कि उनके बच्चे ये गाना सुने बिना नहीं सोते हैं.
#अब कहां हैं?
कुणाल ने 2020 में कोरोना कहर में सावधानी बरतने का संदेश देता 'निकले तो निकल लोगे' नाम से गाना रिलीज़ किया था. इस गाने के म्यूजिक वीडियो में मॉडल राय सिंघान फीचर्ड थे. कुणाल ने ये गाना 2020 लॉकडाउन के दौरान सीमित संसाधनों में शूट किया था. कुणाल ने इस गाने के प्रमोशन के दौरान एक चैनल से म्यूजिक इंडस्ट्री में होने वाले भेदभाव के बारे में भी बात की थी. कुणाल ने कहा था कि रिकॉर्ड्स लेबल्स मनमानी शर्तें सिंगर्स के आगे रखते रहते हैं. और जो उनकी ये शर्तें नहीं मानता उसका करियर खत्म हो जाता है. कई बार तो सिंगर्स के गाने की पेमेंट महीनों तक नहीं आती.
कुणाल गांजावाला अब अपना बिज़नेस करते हैं. उनके मुताबिक़ सिंगिंग लाइन से आप पर्याप्त पैसे नहीं कमा सकते हैं. प्लेबैक सिंगिंग फ़िल्म इंडस्ट्री में 'ऑडियो' पर उतना खर्चा नहीं होता है, जितना वीडियो पर होता है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कुणाल ने संगीत से बिलकुल संन्यास ले लिया है. गायन भी करते रहते हैं. एक यूट्यूब चैनल खोल रखा है. इस पर गाने बनाकर अपलोड करते रहते हैं. 2018 में कुणाल ने ग़ज़ल और जैज़ को ब्लेंड करके कमाल का एक्सपेरिमेंट किया था. ऐसे ही कई म्यूजिकल प्रयोग आपको उनके चैनल पर मिल जाएंगे. फ़िल्म की बात करें तो 2019 में कुणाल का अर्जुन कपूर की 'पानीपत' फ़िल्म में 'मन में शिवा' नाम से गाना आया था.
गायकों का दौर उतने ही वक़्त तक होता है, जब तक मार्केट में उनके टक्कर की नई आवाज़ नहीं आती. लेट 2000s आने तक मार्केट में हिमेश रेशमिया और आतिफ़ असलम की आवाज़ों का 'सुरूर' चढ़ा हुआ था. जिसके चलते कुणाल गांजावाला नाम ओझल होता चला गया. इस डिजिटल एज में कहां हैं कुणाल और क्या है कुणाल की कहानी, आइये जानते हैं. #शुरुआत 14 अप्रैल 1972 को कुणाल का जन्म महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था. घर में कला का माहौल था. इनके पिता हारमोनिका प्लेयर थे. बहन भरतनाट्यम में निपुण थीं. लेकिन कुणाल स्कूल टाइम में आर्ट फ़ील्ड में नहीं जाना चाहते थे. बल्कि पढ़ लिख कर सी.ए बनना चाहते थे. सिंगर बनने का ख्याल तो ज़हन में भी नहीं था. स्कूल खत्म कर कुणाल कॉलेज पहुंचे. वहां कॉलेज फंक्शन में पहली बार स्टेज पर गाया. तालियां पड़ीं तो रेगुलर कॉलेज फ़ेस्टिवल्स में गाना शुरू कर दिया और कई इंटर कॉलेज कम्पटीशन जीते.
कुणाल अब सिंगिंग को करियर बनाने के बारे में विचार करने लगे थे. चूंकि पिता पहले से संगीत से जुड़े हुए थे, तो उन्होंने भी कुणाल को प्रोत्साहन दिया. जिसके बाद कुणाल ने भारतीय विद्या भवन के सुधीन्द्र भौमिक से संगीत की शिक्षा ली. संगीत शिक्षा पूरी कर कुणाल काम की तलाश में लग गए.
कुणाल की पत्नी गायत्री अय्यर भी सिंगर हैं. गायत्री ने 'माय दिल गोज़ उम्म', 'बेईमान मोहब्बत' जैसे बहुत से फ़िल्मी गाने गाए हैं. दोनों की एक परफॉरमेंस देखते चलें.
90s का दौर था. इंडिया का कायाकल्प हो रहा था. कोका कोला, पेप्सी जैसे ब्रांड्स पनपते सैटेलाइट टीवी एरा में विज्ञापनों के सहारे इंडियन मार्केट कब्ज़ा रहे थे. बच्चों के बीच बढ़ती सॉफ्टड्रिंक्स की खपत को रोकने और दूध पीने को बढ़ावा देने के लिए NDDB (नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड) ने 'पियो दूध' कैंपेन लॉन्च किया. सिंपल राइम स्कीम वाला एक जिंगल बनाया और गाने के लिए एक ऐसे सिंगर की तलाश शुरू की, जो अमेरिकन म्यूजिक से इन्फ्लुएंस हो रहे बच्चों को उसी स्टाइल में दूध का महत्व समझा पाए. ऐड मेकर्स की तलाश आकर खत्म हुई कुणाल गांजावाला पर. और यहां से कुणाल के सिंगिंग करियर की शुरुआत हुई.
फ़िर साल 2004 में आई इमरान हाशमी और मल्लिका शेरावत की 'मर्डर'. इसमें गाना आया 'भीगे होंठ तेरे'. बस इस गाने के बाद कुणाल का करियर 'वो ओ ओ ओ' हो गया. इस गाने के लिए कुणाल को उस साल के ज़ी, आइफ़ा समेत अनेकों अवार्ड समारोह में बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिला.

कुणाल गांजावाला गाते हुए.
'भीगे होंठ' के बाद अगर कुणाल का दूसरा कोई सबसे पॉपुलर गाना है तो वो है 'चन्ना वे घर आजा वे'. इस गाने की वीडियो में सब टीवी के शो 'तेरा यार हूं मैं' आने वाले सुदीप साहिर थे. 'चन्ना वे' के बोल लिखे थे संतोख सिंह ने. ये गाना रिलीज़ होने के कई सालों बाद तक भी पार्टी एंथम बना रहा था. 'कांटा लगा', 'बेरी के बेर मत तोड़ो' जैसे रीमिक्स गानों की झड़ी के बीच 'चन्ना वे' का क्रेज़ कहीं कम नहीं पड़ा.
आज के दौर में कुणाल अरिजीत सिंह को बेस्ट सिंगर मानते हैं. वो कहते हैं अरिजीत के अलावा बाकी सारे सिंगर्स एक जैसा साउंड करते हैं. फीमेल वॉइस में कुणाल नीति मोहन और शाल्मली खोलगड़े को आगे देखते हैं. #कन्नड़ भाषा में भी गाए हैं गाने कुणाल ने हिंदी के बाद सबसे ज़्यादा गाने अगर किसी भाषा में गाए हैं तो वो कन्नड़ भाषा में गाए हैं. कुणाल ने पहला गाना 2005 में 'आकाश' नाम की कन्नड़ फ़िल्म में गाया. 'नीने नीने'. ये ट्रैक वहां बहुत हिट हुआ. 2006 में 'कुंनाडू मेल' नाम की फ़िल्म में कुणाल का गाया 'ओनडे ओनडू सारी' गाना उस साल का सबसे ज़्यादा बिकने और डाउनलोड किया जाने वाला गाना बन गया. इन गानों के बाद से अबतक कुणाल लगभग 450 से ऊपर कन्नड़ गाने गा चुके हैं. कन्नड़ के अलावा कुणाल बंगाली, पंजाबी, तमिल, मराठी जैसी कई भाषाओं में गाने दे चुके हैं. #पांच मिनट में 'भीगे होंठ' 2003 वर्ल्डकप मैच चल रहे थे. कुणाल मैच देख रहे थे. तभी उनके फ़ोन की घंटी बजी. फ़ोन की दूसरी तरफ़ म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक थे. अनु ने साथिया का 'ओ हमदम सुनियो रे' सुनने के बाद कुणाल को फ़ोन किया था. अनु ने कुणाल से कहा कि उन्होंने ये ट्रैक कमाल गाया है. और अब कुणाल को अगला हिट गाना वो देंगे. इतना कह कर अनु ने फ़ोन रख दिया.
कुछ महीनों बाद दिवाली पर अनु ने कुणाल को फ़िर फ़ोन किया और स्टूडियो बुलाया. कुणाल उस वक़्त जिस बिल्डिंग में रहते थे, वो टूटकर टॉवर में तब्दील होने वाली थी. तो ये आखिरी मौका था कुणाल का अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर अपने पुश्तैनी मकान में दिवाली मनाने का. जिस वजह से कुणाल ने अनु से कहा कि वो कल आ जाएंगे. लेकिन अनु मलिक ने कहा कि वो आज ही आएं, वो उनका ज्यादा समय नहीं लेंगे सिर्फ आधे घंटे में फ्री कर देंगे.
कुणाल स्टूडियो पहुंचे तो अनु ने उन्हें 'भीगे होठ' के बोल बोले और कागज़ पर लिरिक्स लिखने को कहा. कुणाल लिरिक्स लिखने बैठे तो उन्हें लगा कि ये तो कोई गड़बड़ गाना है. लेकिन अनु मलिक को मना भी नहीं कर सकते थे. उन्होंने हैरानी से अनु मलिक की ओर देखा. अनु चेहरे पर 'आग लगा देगा' वाले भाव ले लाए. जिसके बाद कुणाल गाना रिकॉर्ड करने लगे और मात्र पांच मिनट में गाना रिकॉर्ड कर दिया.
रिकॉर्डिंग के बाद कुणाल ने अनु से कहा कि वो दूसरा टेक लेना चाहते हैं, तो अनु ने मना कर दिया. अनु ने कुणाल से कहा कि यही फाइनल है और उन्होंने ये इतिहास रच दिया है. इतना कहकर उन्होंने कुणाल को गले से लगा लिया.
महीनों बीत गए. अप्रैल 2004 में 'मर्डर' रिलीज़ हो गई. एक दिन कुणाल की पत्नी ने उनके बिल्डिंग के पास की बस्ती में बज रहे 'भीगे होंठ' की आवाज़ सुन कर कुणाल से पूछा कि इतने वाहियात बोल वाला ये गाना उन्होंने गाया है क्या. अब कुणाल ये गाना इतनी जल्दी रिकॉर्ड करके आए थे कि उन्हें बहुत देर बाद याद आया कि ये वो गीत है जो उन्होंने अनु मलिक के लिए रिकॉर्ड किया था. इसके बाद क्या हुआ आपको पता ही है. कुणाल बताते हैं 'भीगे होंठ' की लोकप्रियता का आलम ये था कि कुणाल से कई महिलाएं आकर कहती थीं कि उनके बच्चे ये गाना सुने बिना नहीं सोते हैं.
कुणाल गांजावाला अब अपना बिज़नेस करते हैं. उनके मुताबिक़ सिंगिंग लाइन से आप पर्याप्त पैसे नहीं कमा सकते हैं. प्लेबैक सिंगिंग फ़िल्म इंडस्ट्री में 'ऑडियो' पर उतना खर्चा नहीं होता है, जितना वीडियो पर होता है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कुणाल ने संगीत से बिलकुल संन्यास ले लिया है. गायन भी करते रहते हैं. एक यूट्यूब चैनल खोल रखा है. इस पर गाने बनाकर अपलोड करते रहते हैं. 2018 में कुणाल ने ग़ज़ल और जैज़ को ब्लेंड करके कमाल का एक्सपेरिमेंट किया था. ऐसे ही कई म्यूजिकल प्रयोग आपको उनके चैनल पर मिल जाएंगे. फ़िल्म की बात करें तो 2019 में कुणाल का अर्जुन कपूर की 'पानीपत' फ़िल्म में 'मन में शिवा' नाम से गाना आया था.