The Lallantop

लॉकडाउन के दौरान कौन-कौन से गेम खेल रहे हैं लोग?

क्या है 'ईस्पोर्ट्स' का चलन, जो दक्षिण कोरिया में 20 साल पहले ही आ गया था.

Advertisement
post-main-image
मोबाइल ऐप्स से लेकर ऑनलाइन गेमिंग साइट्स तक- लोग ऐसे गेम खेलना पसंद कर रहे हैं जहां वो एक दूसरे से कम्पीट कर सकें. (सांकेतिक तस्वीरें: PUBG/Pexels/FIFA)
प्रदत्त रूंगटा एक स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर हैं. कॉलेज के समय से ही FIFA नाम का गेम खेलते आए थे. काम शुरू किया, तो समय कम मिलने लगा. फिर भी खेलना पसंद था, तो दिन में किसी तरह से समय निकाल ही लेते थे. जब लॉकडाउन की घोषणा हुई, तो घर बैठे दिन में छह से सात घंटे तक ऑनलाइन गेम्स पर बिताना रेगुलर हो गया. उनके फ्रेंड्स के पास गेम खेलने के लिए कंसोल (वो सेटअप, जिसे लगाकर ऑनलाइन गेम्स खेले जाते हैं) नहीं था, तो उन्होंने खास तौर पर  कंसोल खरीदे.
प्रदत्त और उनके दोस्त इकलौते उदाहरण नहीं हैं.
Blur Close Up Device Display 442576 लॉकडाउन के दौरान ऐप्स ही नहीं, गेमिंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल भी बढ़ गया है. (सांकेतिक तस्वीर: Pexels)

लॉकडाउन के दौरान घर बैठे लोग  इंटरटेनमेंट के लिए सिर्फ फिल्में या टीवी सीरीज ही नहीं देख रहे. जो एक ज़रिया काफी पॉपुलर हुआ है, वो है ऑनलाइन गेम्स का. इसमें बोर्ड गेम्स जैसे लूडो, चेस, कैरम वगैरह शामिल हैं. साथ ही साथ पोकर, रमी जैसे ताश के खेल भी हैं. आखिर इन गेम्स के पीछे का मेकेनिज्म कैसे काम करता है? डेटा क्या कहता है? खेलने वाले लोगों में सबसे बड़ी संख्या किनकी है? ये सारी बातें आप यहां पढ़ सकते हैं.
कौन से गेम खेले जा रहे हैं आजकल?
1. लूडो किंग
ये गेम 2016 में लॉन्च हुआ था. जब इसे लॉन्च किया गया, तब भारत के ट्रेडिशनल बोर्ड गेम्स गूगल प्ले स्टोर पर इतने पॉपुलर नहीं थे. लेकिन इस ऐप के बाद देखा गया कि लोगों को ऐसे मल्टीप्लेयर गेम्स खेलने में काफी दिलचस्पी है. लूडो और कैरम जैसे खेलों को नॉस्टैल्जिया से भी जोड़कर देखा जाता है. ये एक अहम फैक्टर रहा इसकी ग्रोथ में. लॉकडाउन के दौरान इसके डाउनलोड में काफी बढ़ोतरी देखी गई.
Ludo King देश के सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए गेम्स में से एक है लूडो किंग.

2. क्विज़ अप
इस ऐप में अकेले और मल्टीप्लेयर खेलने के ऑप्शन मिलते हैं. जनरल नॉलेज से लेकर टीवी सीरियल और फिल्मों तक से जुड़े छोटे-छोटे सवाल होते हैं इसमें जिनके जवाब देने होते हैं. खेलने वालों के नामों की लिस्ट भी बनती है. सही जवाब देकर इस लिस्ट में अच्छी रैंक पाई जा सकती है.
3. तम्बोला
इस में वीडियो कॉल करके खेलने की सुविधा दी जाती है. इस वजह से भी इसकी पॉपुलैरिटी  बढ़ी है. लॉकडाउन के दौरान लोग एक-दूसरे से मिल नहीं पा रहे, तो ऑनलाइन एक साथ तम्बोला और दूसरे कार्ड गेम्स खेल रहे हैं. चूंकि तम्बोला और बिंगो जैसे खेल घरों में काफी समय से खेले जाते रहे हैं, इसलिए लोग इनसे परिचित भी हैं. उन्हें खेलने में दिक्कत नहीं आती.
Tambola 1 घर पर की जाने वाली पार्टियों में तम्बोला और बिंगो काफी पहले से शामिल रहे हैं, इनका ऑनलाइन आना इनकी पॉपुलैरिटी के लिए काफी अच्छा रहा.

इसके अलावा ऑनलाइन गेम्स, जैसे PUBG (PlayersUnknown Battle Ground), Counterstrike, FIFA जैसे खेल खेले जा रहे हैं. COMSCORE एक साइट है, जो पूरी दुनिया में वेबसाइट के आंकड़ों का हिसाब उपलब्ध कराती है. इसके अनुसार फरवरी से मार्च 2020 के बीच ऑनलाइन गेमिंग साइट और ऐप इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 24 फीसद बढ़ गई.
लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी एक ही तरह के गेम खेल रहे हों. कई ऑनलाइन खेल ऐसे हैं, जिनके बीच तगड़ा कम्पिटीशन चलता है पॉपुलैरिटी का. ‘दी लल्लनटॉप’ ने बात की नितिन शर्मा से. ये रॉकस्टार गेम्स (वही कंपनी जिसने ग्रैंड थेफ़्ट ऑटो वाला गेम बनाया) में व्हीकल आर्टिस्ट हैं. इन्होंने बताया कि पहले लोग काउंटरस्ट्राइक खेल रहे थे. उसके बाद PUBG पॉपुलर हुआ, और अब कॉल ऑफ ड्यूटी का नया गेम आया है, जिसे लोग काफी खेल रहे हैं.
Call Of Cuty इसका लेटेस्ट गेम वॉर ज़ोन काफी खेला जा रहा है.

भीतर की कहानी क्या है?
हमने गेमिंग इंडस्ट्री के एक एक्सपर्ट से बात की. देवेश (बदला हुआ नाम) के पास इस इंडस्ट्री का सात साल का एक्सपीरियंस है. उन्होंने बताया कि डाउनलोड भले ही बढ़े हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है कि इसे बरक़रार कैसे रखा जाए. गेमिंग की दुनिया में डेटा बहुत बारीकी से इकट्ठा नहीं किया जाता. ख़ास तौर पर भारत के संदर्भ में जानकारी निकालना थोड़ा मुश्किल है. अभी जो डाउनलोड्स बढ़े हैं, उन्हें करने वालों की संख्या अधिकतर पुरुषों/ लड़कों की है, जिनकी उम्र 35 साल से कम है. उनके लिए गेमिंग कम्पनियां जैसे Tencent और Garena esports में काफी पैसा लगा रही हैं. उनको ये उम्मीद है कि लॉकडाउन ख़त्म भी हो जाएगा, तब भी वो अपने गेम खेलने वाले कस्टमर्स को बनाए रखेंगी.
Arcade Facade 1293261 पहले जब इंटरनेट नहीं था, तब गेमिंग आर्केड हुआ करते थे. जहां पर मशीन पर लोग गेम्स खेला करते थे.(सांकेतिक तस्वीर: Pexels)

ऑनलाइन गेमिंग का फ्यूचर क्या है?
क्या गारंटी है कि आज जो लड़की PUBG डाउनलोड कर रही है, वो आज से एक साल बाद भी इस गेम को खेलेगी? क्या कल लॉकडाउन खुलेगा, तो लोग ये गेम्स खेलना भी छोड़ देंगे? इस बाबत ‘दी लल्लनटॉप’ ने बात की विश्वलोक नाथ से. ये इंडिया टुडे ग्रुप में ईस्पोर्ट्स और गेमिंग के बिजनेस हेड हैं. इन्होंने हमें बताया,
‘बचपन में हमलोग क्रिकेट खेलते हुए बड़े हुए थे. इसलिए आज भी आप देखिए, क्रिकेट की पॉपुलैरिटी कितनी ज्यादा है. लेकिन वहीं अगर आप आज के 10-15 साल के बच्चों को देखें, तो उन्हें क्रिकेट में कोई इंटरेस्ट नहीं है. आज से दस साल बाद, उन्हें वही गेम चाहिए होंगे, जो वो इस वक़्त खेल रहे हैं. इसलिए फ्यूचर ईस्पोर्ट्स का है. बाकायदा स्टेडियम में ऑनलाइन गेम्स स्क्रीन पर दिखाए जा रहे हैं, और लोग अपनी-अपनी टीम को चीयर कर रहे हैं.
ये ईस्पोर्ट्स क्या बला है?
साउथ कोरिया और चीन में जब से इंटरनेट ब्रॉडबैंड की शुरुआत हुई, तब से ही ईस्पोर्ट्स वहां काफी पॉपुलर रहा है. इसमें एक गेमिंग प्लेटफॉर्म होता है, जिस पर कई लोग साथ आते हैं, टीम बनाते हैं, और खेलते हैं. यूट्यूब और ट्विच पर इनको लाइव देखा भी जा सकता है. इनकी अपनी चैम्पियनशिप्स भी होती हैं.
विश्वलोक नाथ ने ये भी बताया कि किस तरह इन चैम्पियनशिप में काफी बड़ी धनराशि इनाम के तौर पर दी जाती है. यही नहीं, इन गेम्स के फील्ड में जो अवॉर्ड दिए जाते हैं, उनको ऑनलाइन स्ट्रीम किया जाता है. इन्हें देखने वालों की संख्या ऑस्कर और ग्रैमी जैसे पुराने और नामी अवॉर्ड ऑनलाइन देखने वालों की संख्या से ज्यादा है. स्टेडियम में इसे कैसे देखते हैं, इसका एक उदाहरण आप यहां देख सकते हैं:
जब सत्य नडेला ने मुकेश अम्बानी का इंटरव्यू लिया था, तब मुकेश अम्बानी ने भी कहा कि गेमिंग इंडस्ट्री म्यूजिक और मूवीज को पीछे छोड़ देगी. सिर्फ भारत में ही PUBG ऑनलाइन अपने ऐप में चीज़ें बेचकर डेढ़ करोड़ रुपए कमाते हैं, रोज़.
इन्हीं ट्रेंड्स को देखते हुए कम्पनियां लॉकडाउन के बाद भी अपने यूजर बेस को बनाये रखने की तैयारी में लगी हुई हैं.


वीडियो: 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में से वित्त मंत्री ने पहले दिन किसे-क्या दिया?

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement