'सुरक्षित और समृद्ध पाकिस्तान हमेशा अमेरिका के हितों के लिए महत्वपूर्ण है. अमेरिका पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और अपनी परमाणु हथियारों को सुरक्षित करने की उसकी क्षमता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है.'
कौन हैं गुजरात में जन्मे वेदांत पटेल, जिन्हें पाकिस्तान के परमाणु बम सुरक्षित लगते हैं
वेदांत पटेल ने परमाणु बमों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की खूब तारीफ की है

अगर आपको पता लगे कि भारतीय मूल के एक नौजवान ने ये सब बोला है. तो आपको थोड़ा अजीब लग सकता है. नाम है वेदांत पटेल, अमेरिका में रहते हैं. इन्होंने ही पाकिस्तान की तारीफ करते हुए उसके परमाणु बमों की सुरक्षा को टॉप क्लास बताया है. लेकिन, जरा रुकिए, वेदांत को लेकर कोई राय बना लेने से पहले कुछ और भी जान लीजिए- वेदांत पटेल के पूरे इंट्रो को और साथ ही इस पूरे मामले को भी.
वेदांत पटेल प्रिंसिपल डिप्टी स्पोक्सपर्सन (प्रधान उप प्रवक्ता) हैं, अमेरिकी विदेश विभाग में. मंगलवार, 18 अक्टूबर को उन्होंने पाकिस्तान की जमकर तारीफ की, उस बवाल को खत्म करने के लिए जो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक बयान के बाद से मचा हुआ था. दरअसल, बीते हफ्ते बाइडेन ने पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देशों में से एक बताते हुए कहा था,
'पाकिस्तान भी उन खतरनाक परमाणु संपन्न देशों में शामिल है. जहां सरकार और सेना में आपसी सामंजस्य नहीं है… बिना किसी उचित नीति के उसने अपने पास परमाणु हथियार रखे हुए हैं, ये बात दुनिया के लिए काफी खतरनाक हो सकती है.'
अमेरिका से वैसे भी नाराज चल रहे पाकिस्तान को बाइडेन के इस बयान से जबरदस्त मिर्ची लगी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बाइडेन की टिप्पणी को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया. कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार परमाणु देश है और परमाणु हथियार सबसे बेहतर सुरक्षा में रखे गए हैं. पाकिस्तान की सत्ताधारी और विपक्षी दोनों पार्टियों के नेताओं ने हफ्ते भर खूब हंगामा काटा. इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूत को तलब कर लिया गया.
वेदांत पटेल ने पिछले महीने इतिहास रचापूरे घटनाक्रम को जानने के बाद अब बात करते हैं वेदांत पटेल की. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे ताकतवर देश में विदेश विभाग का प्रवक्ता होना, किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है, ये उपलब्धि तब और भी बड़ी हो जाती है, जब ऐसा करने वाले की उम्र महज 32 साल ही हो. बीते 7 सितंबर को ही वेदांत पटेल ने पहली बार अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से डेली ब्रीफ किया था. यानी मीडिया को संबोधित किया था. ऐसा करने वाले वो पहले इंडियन-अमेरिकन हैं.
वेदांत पटेल का जन्म गुजरात में हुआ था. उनके जन्म के करीब साल भर बाद ही उनके माता-पिता अमेरिका चले गए. वेदांत अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और उन्होंने फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वॉरिंगटन कॉलेज ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है.
वेदांत अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ गए. साल 2012 में वे सबसे पहले पूर्व डेमोक्रेटिक नेता और पूर्व सांसद माइक होंडा के डिप्टी कम्युनिकेशन डायरेक्टर बने. नवंबर 2015 में माइक होंडा ने उन्हें यूएस कांग्रेस के लिए अपना कम्युनिकेशन डायरेक्टर बना दिया. अप्रैल 2017 से नवंबर 2018 तक पटेल अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (AAPI) के मीडिया डायरेक्टर रहे. इसके बाद नवंबर 2018 से अप्रैल 2019 तक उन्होंने भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल के लिए कम्युनिकेशन डायरेक्टर के तौर पर काम किया.
जब बाइडेन के करीब आने का मौका मिलासाल 2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वेदांत पटेल को डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंपेन से जुड़ने का मौका मिला. उन्हें पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ताओं में शामिल किया गया. पटेल को उस समय राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन के चुनावी अभियान का रीजनल कम्युनिकेशन डायरेक्टर बनाया गया. जब डेमोक्रेटिक पार्टी चुनाव जीती और जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तो वेदांत पटेल को व्हाइट हाउस में बतौर असिस्टेंट प्रेस सेक्रेटरी नियुक्त किया गया. जून 2022 में उनका प्रमोशन हुआ और वे अमेरिकी विदेश विभाग में प्रिंसिपल डिप्टी स्पोक्सपर्सन बन गए. इस समय पटेल आव्रजन और जलवायु परिवर्तन से जुड़े सभी मीडिया सवालों को संभालने का काम करते हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग की डेली ब्रीफ एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है, क्योंकि यहां से आपकी बात केवल एक देश नहीं, बल्कि पूरी दुनिया सुन रही होती है. 7 सितंबर को वेदांत पटेल ने बेहद शानदार तरीके से पहली प्रेस ब्रीफिंग करके सभी चौंका दिया. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने उनके लिए कहा कि विश्व स्तर पर अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और वेदांत ने ये काम बेहतरीन तरीके से किया है, ‘ही इज अ सुपर टैलेंटेड बॉय'.
वीडियो देखें : जो बाइडेन ने कहा 'मुझे कैंसर है' और व्हाइट हाउस में हड़कंप मच गया!