जैसे-जैसे ये व्यापार तमाम तरीकों से आग पकड़ रहा है, लोगों का 'टेस्ट' बदल रहा है. हर उपभोग की वस्तु की तरह लोग वेश्याओं में भी ऑप्शन चाहते हैं. और लेटेस्ट डिमांड आनी शुरू हुई है थाईलैंड की लड़कियों की. क्योंकि वो 'सफ़ेद चमड़ी' की होती हैं.
इस वजह से तमाम थाई औरतों का जीवन खतरे में आ गया है. थाई औरतों को झांसा देकर उनका व्यापार किया जा रहा है. वैसे तो हर देश से औरतों का व्यापार होना आम था मगर थाई औरतों की ख़ास डिमांड बढ़ने की वजह से देखा गया है कि बीते दिनों देह व्यापार के लिए खरीदी गई लड़कियों में जबसे ज्यादा थाई औरतें हैं. इस साल लगभग 40 थाई औरतों को जगह-जगह पड़े छापों से पाया गया है. मुंबई और पुणे जैसे शहरों में ये अड्डे मसाज पार्लर के नाम से चल रहे थे.वेश्याओं के हक़ में काम करने वाले एक्टिविस्ट्स का कहना है कि जब भी इस तरह के छापे पड़ते हैं, कई राज्यों और भारत के पड़ोसी देशों की लड़कियां पाई जाती हैं. इसमें अधिकतर नेपाल और बांग्लादेश की लड़कियां होती हैं. अब थाई लड़कियों की संख्या बढ़ती दिख रही है. अगर एक ही रेड में इतनी थाई लड़कियां निकल सकती हैं, तो इसका मतलब है कि पूरे देश भर में इससे कई गुना ज्यादा लड़कियां होंगी.
ये पार्लर इस तरह छिपे हुए होते हैं कि किसी भी जगह निकल सकते हैं. मसलन जुलाई के महीने में पुणे के एक ऐसे पार्लर से 10 थाई औरतें निकाली गईं, जो एक पॉश कॉलोनी में बना हुआ था. यहां कई हाई क्लास परिवार रहते थे.

दुनिया भर में, खासकर इंडिया में ऐसी औरतें न के बराबर हैं जिन्होंने वेश्यावृत्ति को अपनी मर्जी से चुना हो. अधिकतर इन्हें किडनैप कर, झांसा देकर या जबरन पीटकर इनसे सेक्स वर्क करवाया जाता है. किसी भी गरीब औरत को सेक्स वर्क में जबरन भेज देना पैसे कमाने का सबसे तेज जरिया है. इसलिए लोग अपनी बेटियों को भी दलालों के हाथों बेचने में नहीं हिचकिचाते. हमारे देश में गरीबी कितनी है, ये बताने की यहां जरूरत नहीं.
पुलिस के मुताबिक़ थाईलैंड की ये लड़कियां अधिकतर गरीब घरों से हैं. पैसों के लालच में यहां आ जाती हैं. वहां वेश्यावृत्ति कर ये जितना कमा पातीं, उसका दुगना यहां मिल जाता है. अधिकतर लड़कियां अपनी फैमिली का इकलौता सहारा हैं. कुछ के पास इन-हैंड 10 हजार रुपये तक कैश बरामद हुआ है.

ऐसे कुछ मसाज पार्लर्स का नंबर अखबार से निकालकर हमने फोन करने की कोशिश की, तो या तो उन्होंने फोन नहीं उठाया, या नंबर बंद आया. अखबारों में ये इश्तेहार 'हाई प्रोफाइल' औरतों/पुरुषों का 'मसाज' कर पैसे कमाने का वादा करते हैं. ये भी वादा करते हैं कि 10 से 50 हजार तक एक महीने में कमा सकते हैं. ये रेड लाइट एरिया में हो रही वेश्यावृत्ति से काफी अलग है, क्योंकि यहां गैरकानूनी और समाज की निगाहों में 'अनैतिक' काम का खुल्लमखुल्ला प्रचार किया जाता है. इश्तेहार पढ़कर ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि ये सेक्स वर्क करने का न्योता है.
दुखी करने वाली बात ये है कि कुछ लड़कियां और लड़के इस झांसे में आ सकते हैं. खासकर वो, जो गांवों से शहरों की ओर आते हैं और वेश्यावृत्ति की इकॉनमी नहीं समझते हैं.