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2018 की ये 9 हिंदी वेब सीरीज़ अपने तगड़े कॉन्टेंट के चलते ढूंढ-ढूंढ कर देखी जानी चाहिए

इस लिस्ट में साल की कुछ फेमस वेब सीरीज़ के साथ-साथ कुछ बेहतरीन छिपे हुए मोती भी हैं!

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फोटो - thelallantop

#1. टेस्ट केस | जनवरी, 2018 | सीज़न एक (दस एपिसोड)

- ऑल्ट बालाजी | नागेश कुकनूर, विनय वायकुल | निम्रत कौर, जूही चावला, राहुल देव
- रक्षामंत्री श्रद्धा पंडित के आदेश पर शिखा शर्मा को इंडियन आर्मी की स्पेशल फ़ोर्स की पहली महिला होने का सौभाग्य मिलता है. लेकिन ये सौभाग्य उसके लिए एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी है, क्योंकि उसे टेस्ट केस की तरह लाया गया है. उसकी सफलता के बाद ही स्पेशल फ़ोर्स में महिलाओं की भर्ती का रास्ता खुलेगा.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- भारत में पिछले कुछ दशकों में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. फिर भी ये उनकी स्थिति विमर्शों का मुद्दा बनती रही है. लेकिन ये सब अब भी ‘पर्याप्त’ से कोसों दूर है. ऐसे समय में डिफेंस, जो पारंपरिक रूप से पुरुषों का फ़ील्ड माना जाता है, में महिलाओं के आने और सर्वाइव करने को ये वेब सीरीज़ बड़े रोचक ढंग से दिखाती है.

# 2. ये मेरी फैमिली | जुलाई, 2018 | सीज़न एक (सात एपिसोड)

- टीवीएफ | समीर सक्सेना | विशेष बंसल, मोना सिंह, आकर्ष खुराना
- साल 1998. हर्षू की 5 लोगों की फैमिली जयपुर में रहती है. गर्मी की छुट्टियों के दौरान उसके मम्मी-पापा, उसका बड़ा भाई, उसका एक अक्लमंद दोस्त, उसकी क्रश और उसकी छोटी बहन क्या-क्या करते हैं, यही सब बातें बड़े खूबसूरत ढंग से बयां करती है ‘ये मेरी फैमिली’. हर एपिसोड की कहानी अलग है और इन 7 कहानियों को बांधे रखते हैं सीरीज़ के किरदार, सीरीज़ का सूत्रधार हर्षू और 90’s का वो नॉस्टेल्जिक दौर.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- नब्बे के दशक को कई फिल्मों और सीरियल्स ने दिखाया है, लेकिन ‘ये मेरी फैमिली’ की विशेषता है कि वो बच्चे की नज़र से हमें ये सब दिखाती है. साथ ही, शक्तिमान से लेकर सुपर कमांडो ध्रुव तक, इस सीरीज़ में 90’s के ढेरों रेफरेंस भरे पड़े हैं. इनके बीच में कहानियों का भावनात्मक पक्ष आपकी आंखों में पानी लाने का माद्दा रखता है.

# 3. होम | अगस्त, 2018 | सीज़न एक (छह एपिसोड)

- ऑल्ट बालाजी | हबीब फैसल | अन्नू कपूर, सुप्रिया पिलगांवकर, परीक्षित साहनी, हिमानी शिवपुरी
- बृज अपने बड़े लड़के हिमांश और बहू वंदना के साथ रहते हैं. हिमांश और वंदना के दो बच्चे हैं वंश और हीना. छोटी-छोटी चीज़ों में खुशी पाने वाले और हमेशा एक दूसरे का साथ निभाने वालों की इस फैमिली को जब कोर्ट से एक नोटिस भेजा जाता है तो उनकी सारी दुनिया तितर-बितर हो जाती है. ये फैमिली जिस घर, जिस सोसाईटी में पिछले 22 सालों से रह रहे हैं वो दरअसल इल्लीगल है. और नोटिस भेजा गया है उसे तोड़े जाने का. सीरीज़ ‘सत्य घटनाओं पर आधारित’ बताई जा रही है और ये सत्य घटनाएं मुख्यतः ‘कैंपा कोला कंपाउंड केस’ से ली गई हैं.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- 'होम' सरीखे मिडिल क्लास फैमिली को केंद्र में रखकर बनाए गए कॉन्टेंट नब्बे के दशक में खूब दिखाए और देखे जाते थे. जैसे - ‘वागले की दुनिया’, ‘देख भाई देख’, ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’, ‘हम लोग’ आदि. लेकिन फिर सास-बहू वाले धारावाहिकों और रियलिटी शो के फेक इमोशंस ने दर्शकों को बिलकुल अलग दुनिया से रूबरू करवाया. दुनिया, जो जगमगाती हुई तो थी, लेकिन जिसमें सरोकार नदारद थे. अब, जबकि ऑनलाइन कॉन्टेंट का दौर शुरू हो चुका है और इस साल शायद सबसे ज़्यादा वेब सीरीज़ आई हैं, तो इस वक्त जब ‘क्राइम थ्रिलर’ को लेकर ढेरों वेब सीरीज़ और फ़िल्में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आईं, वहीं ‘होम’ जैसे विशुद्ध देशी, वास्तविक और हम-आपके जैसे मध्यमवर्गियों की कहानी कहने वाले कॉन्टेंट का अपनी ओर हमारा ध्यान खींचना अच्छा लगता है.

# 4. करणजीत कौर | जुलाई, 2018 | सीज़न एक (दस एपिसोड) | सितंबर, 2018 | सीज़न दो (छह एपिसोड)

- ज़ी 5 | आदित्य दत्त | सनी लियोनी, राज अर्जुन
- सनी लिओनी. अमेरिका की एक पोर्न-आर्टिस्ट. उसका रियल नेम – करणजीत कौर. ये वेब सीरीज़ उसी करणजीत कौर की है, सनी लिओनी की नहीं. और उसके साथ (कभी-कभी उसके खिलाफ) हैं उसकी फैमिली के 3 मेंबर – मम्मी पापा और उसका छोटा भाई. और हां, उसका पति, जो पहले उसका बॉयफ्रेंड था. वेब सीरीज़ के 2018 में ही कुल 2 सीज़न आ चुके हैं. पहले सीज़न में 10 और दूसरे में 6 एपिसोड हैं.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- सनी लिओनी की असली ज़िंदगी के बारे में तो छोड़िए, बहुत से लोग उसका असली नाम तक नहीं जानते होंगे. लेकिन किसी कॉन्टेंट की बायोग्राफी होना भर ही उसके अच्छे या बुरे होने का सबूत नहीं है. ‘करणजीत कौर’ हमारी लिस्ट में है दो कारणों के चलते. अव्वल तो इस सीरीज़ को देखकर लगता है कि सनी लिओनी ने अपने विवादास्पद जीवन में से कहीं कुछ नहीं छुपाया. उसने अपने को देवी बनाने या अपने स्टैंड को जस्टिफाई करने का भी कोई प्रयास नहीं किया है. और दूसरा, ये उस व्यक्ति के हार्डशिप की कहानी है जो अपना रास्ता बने बनाए ढर्रे और तय मानकों से अलग चुनता है और इस बात का उसे कोई गिल्ट या अफ़सोस भी नहीं है. इंट्रेस्टिंग बात ये भी है कि इसमें करणजीत कौर का किरदार खुद करणजीत कौर यानी सनी लिओनी ने निभाया है.

# 5. सेक्रेड गेम्स | जुलाई, 2018 | सीज़न एक (आठ एपिसोड)

- नेटफ्लिक्स | अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी | सैफ़ अली खान, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे
- सेक्रेड मतलब पावन, पवित्र. तो यूं सेक्रेड गेम्स का अर्थ हुआ – पावन खेल. लेकिन ‘सेक्रेड गेम्स’ में न कुछ पवित्र है और न ही कुछ खेल. मुंबई पुलिस में सरताज सिंह वैसे ही अपनी पर्सनल लाइफ से परेशान है और उस पर उसकी मुश्किलें बढ़ाने के लिए आ जाता है, गणेश गायतोंडे का कॉल. करेले पर नीम चढ़े वाली स्थिति पैदा करता है अंजलि नाम की ऑफिसर का किरदार और ये फैक्ट कि मुंबई में कुछ ही दिनों के भीतर एक बहुत बड़ी आफत आने वाली है. ऐसी आफत जिसमें सब मर जाएंगे, केवल त्रिवेदी बचेगा. वैसे इसके दूसरे सीज़न का टीज़र भी आ चुका है और ये 2019 में नेटफ्लिक्स पर ही रिलीज़ किया जाएगा.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- ऐसे वक्त में जब नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसे ग्लोबल स्ट्रीमिंग पोर्टल्स भारत में अपनी पहचान और पकड़ बनाना शुरू ही कर रहे थे और उनके पास भारतीय दर्शकों को दिखाने के लिए तो बहुत कुछ था लेकिन ऐसा कुछ नहीं था जिसे विशुद्ध भारतीय कहा जाए, तब ‘रेस्क्यू मिशन’ की बागडोर अपने हाथों में ली नेटफ्लिक्स ने और रिलीज़ की सेक्रेड गेम्स. सीरीज़ हमारी लिस्ट में है अपने ऑरिजनल कंटेट के चलते, फ़ास्ट पेस स्क्रिप्ट के चलते और उन क्रिस्प डायलॉग्स के चलते जिनहोंने आंधी की तरह पूरे सोशल मीडिया को अपनी जद में ले लिया था. इस क्राइम थ्रिलर की सफलता ने न केवल नेटफ्लिक्स के सब्सक्राइबर्स में वृद्धि की बल्कि बाकी पोर्टल्स को भी ये संदेश पहुंच गया कि भारत में ऑनलाइन कॉन्टेंट में क्या चलेगा या चल सकता है. इसी सीरीज़ के बाद क्राइम और थ्रिलर वाले शुद्ध-देशी कॉन्टेंट की बाढ़ सी आ गई, कमोबेश वैसे ही जैसे ‘शोले’ फिल्म के बाद डाकुओं वाली फिल्में आई थीं.

# 6. मिर्ज़ापुर | नवंबर, 2018 | सीज़न एक (नौ एपिसोड)

- अमेज़न प्राइम वीडियो | करण अंशुमन, गुरमीत सिंह | पंकज त्रिपाठी, अली फैसल, विक्रांत मैसी, दिव्येंदु शर्मा, श्वेता त्रिपाठी, शीबा चड्ढा, कुलभूषण खरबंदा, रसिका दुग्गल
- ढेर सारे किरदार हैं इसलिए स्टोरी भी काफी फैली हुई है. इतनी कि इसके नौ एपिसोड में से एक भी 40 मिनट से छोटा नहीं है. बहुत शॉर्ट में बताया जाए तो स्टोरी है पूर्वांचल के मिर्ज़ापुर शहर की. अखंडानंद त्रिपाठी, मिर्ज़ापुर का बेताज़ बादशाह है. कालीन भैया के नाम से जाना जाता है. त्रिपाठी और एक और (पंडित) फैमिली के रिश्ते को दिखाती ये सीरीज़ अपने साथ कई सारे प्लॉट्स, सब प्लॉट्स, अफ़ेयर, रिलेशन, बदले, धोखे, के रिश्तों की कहानी को भी पिरो के चलती है.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- मिर्ज़ापुर को शुरुआत में सेक्रेड गेम्स का जवाब माना जा रहा था, लेकिन डेढ़ महीने बीत चुकने के बाद अब ये बात निश्चित तौर पर कही जा सकती है कि इसका एक अपना जलवा स्थापित हो चुका है और साथ ही अगर आप दोनों वेब सीरीज़ को देखेंगे तो आपको पता लग जाएगा कि दोनों के कॉन्टेंट में जमीन-आसमान का फर्क है, लेकिन मज़े की बात देखिए कि अगर हम इन अंतरों की बात करेंगे या तो कहीं न कहीं ‘तुलना’ वाले मकड़जाल में खुद को भी फंसा पाएंगे. ये सीरीज़ हमारी लिस्ट में है अपने ‘रॉ ट्रीटमेंट’ के चलते. इसके निर्माण से पहले पूर्वांचल और वहां के क्राइम की अच्छी खासी रिसर्च की गई लगती है. साथ ही इसका डार्क ह्यूमर आपको अनुराग कश्यप वाले सिनेमा की भी याद दिलाता है. ट्रीटमेंट और टेक्निकेलिटी के स्तर पर भी इसे इस 2018 की कुछ सबसे बड़ी वेब सीरीज़ में से एक कहा जाएगा.

# 7. घोउल | अगस्त, 2018 | सीज़न एक (तीन एपिसोड)

- नेटफ्लिक्स | पेट्रिक ग्रैहम | राधिका आप्टे, मानव कौल, एसएम ज़हीर
- नियर फ्यूचर, यानी ज़ल्द ही घटने वाले भविष्य में एक राष्ट्र-भक्त मुस्लिम लड़की निदा रहीम अपने प्रोफेसर पिता को सबूतों के साथ ‘घर वापसी’ के वास्ते पुलिस को सौंप देती है. इसके बाद निदा की पोस्टिंग ‘मेघदूत – 31’ नाम की एक अंडरग्राउंड जेल में हो जाती है. सब कुछ कमोबेश सामान्य लगता है जब तक कि अली सैयद नाम का कैदी जेल में नहीं आ जाता है. वो टेररिस्ट है. जब उससे पूछताछ शुरू होती है तो चीज़ें असामान्य होने लगती हैं. इस सबके लिए ज़िम्मेदार है घोउल.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- हॉरर को लेकर भारत में ज़्यादा अभिनव प्रयोग नहीं किए गए हैं. लेकिन 2018 में दो अच्छी बातें हुईं. एक का नाम था ‘तुम्बाड’ और दूसरी का नाम था ‘घोउल’. तीन एपिसोड की मिनीसीरीज़ का भूत और उसका डर पारंपरिक नहीं है. घोउल का संदर्भ इस्लामी पौराणिक कथाओं में सुनने को मिलता है. इस सीरीज़ में घोउल को ऐसे राक्षस के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे आप एक विशेष चिन्ह और खून से किए गए अनुष्ठान के द्वारा बुला सकते हैं. उसे बुलाने के लिए आपको अपनी रूह गिरवी रखनी होती है. इस घोउल की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि जिस किसी को ये लास्ट बार काटता है उसी की शक्ल इख़्तियार कर लेता है. और इसके बदलते हुए रूप के चलते ही इस मिनी-सीरीज़ में सस्पेंस और कन्फ्यूज़न पैदा होता है. इस सीरीज़ के लेखक निर्देशक पैट्रिक ग्रैहम कोई ऐसा दानव चाहते थे जिसे फिल्मों में पहले कभी एक्सप्लोर न किया गया हो. जॉम्बी, वेंपायर, भूत, चुड़ैल की अति हो चुकने के चलते उन्होंने रिसर्च करके घोउल खोजा.

# 8. ब्रीद | जनवरी, 2018 | सीज़न एक (आठ एपिसोड)

- अमेज़न प्राइम वीडियो | मयंक शर्मा | आर माधवन, अमित साध, नीना कुलकर्णी
- साल के शुरुआत में आई इस वेब सीरीज़ की कहानी सिंपल लेकिन लेयर्ड और ग्रिपिंग है. डैनी नाम के फुटबॉल कोच का लड़का जोश बीमार है और उसकी ज़िंदगी को बचाने के लिए डैनी को कई लोगों को मारना पड़ेगा. डैनी के इस सीरियल खूनी मिशन के बीच में आ जाता है सीनियर इंस्पेक्टर अमित शाद, जिसकी खुद की निजी ज़िंदगी में कई ग़म हैं.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- लोग सेक्रेड गेम्स को पहली भारतीय वेब सीरीज़ का तमगा देते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. होने को ब्रीद भी इस मामले में पहली नहीं है लेकिन एक बड़ी स्टारकास्ट और इतने बड़े स्तर पर बनी और प्रमोट की गई भारत की पहली वेब सीरीज़ का तमगा ब्रीद को ही मिलेगा. लेकिन हमारी इस लिस्ट में ब्रीद के होने का कारण दूसरा है. और वो है इसका प्रीमियम और प्रोफेशनल ट्रीटमेंट. इससे पहले भी यू-ट्यूब और अन्य फ्री पोर्टल्स में वेब सीरीज़ आती और हिट होती रहीं थीं, लेकिन भारत में इन्हें सीरियसली और प्रोफेशनली ब्रीद के बाद ही लिया गया. ब्रीद के बाद ही भारत में ऑनलाइन कंटेंट को टीवी और सिनेमा कंटेंट के एक बड़े विकल्प के रूप में पहचान मिलना शुरू हुई.

# 9. अपहरण | दिसंबर, 2018 | सीज़न एक (बारह एपिसोड)

- ऑल्ट बालाजी | सिद्धार्त सेन गुप्ता | अरुणोदय सिंह, माही गिल, निधि सिंह, वरुण बडोला
- रूद्र श्रीवास्तव, सीनियर इंस्पेक्टर, उत्तराखंड पुलिस, इस सीरीज़ का नायक भी है और सूत्रधार भी. वो अपनी कहानी फ़्लैशबैक में सुनाता है, और अपनी कहानी का नाम रखता है ‘घंटे की ईमानदारी’, क्योंकि अपनी ईमानदारी के चलते उसे ‘भ्रष्टाचार’ के इल्ज़ाम में जेल जाना पड़ता है. उसके रिहा होने तक सारी चीज़ें बदल चुकती हैं और उन्हीं बदल चुकी चीज़ों को सुधारने के लिए उसे खुद एक आसान से लगने वाले अपहरण के प्लॉट का हिस्सा बनना पड़ता है. प्लॉट, जो केवल लगता भर आसान है.
# हमारी लिस्ट में क्यूं है
- जैसा कि हमने अपने इस लिस्टिकल में बार-बार कहा है कि वेब सीरीज़ के हिसाब से ये साल ‘क्राइम और थ्रिलर’ के नाम रहा. तो कोई आश्चर्य नहीं कि 10 में से 4 सीरीज़ इसी विधा की हैं. अपहरण की यूएसपी है डार्क ह्यूमर, चुटीले डायलॉग और ढेरों ट्विस्ट एंड टर्न जो दर्शकों का अनुभव रोलर कोस्टर राइड में बैठने सरीखा बनाते हैं.

इन 9 सीरीज़ के अलावा जाते-जाते कुछ और वेब सीरीज़ के नाम आपको बताते चलें. वे, जो लिस्ट में शामिल तो नहीं हो पाईं, लेकिन कॉन्टेंट के हिसाब से अच्छी हैं –
# सिलेक्शन डे # दी गुड वाइब्स # दी ग्रेट डिसफंक्शनल फैमिली # स्मोक # इंजीनियरिंग गर्ल्स # व्हाट्स योर स्टेटस # रंगबाज़

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