वो कौन-सा दर्द था, जिसकी वजह से माइकल जैक्सन ने इतने उदास गाने लिखे?
पिता जोसेफ के अनुशासन ने बचपन का कतरा-कतरा सोंख लिया था.

माइकल जैक्सन बचपन में अपने भाइयों के साथ. वो बाएं से तीसरे नंबर पर खड़े हैं.(image:Getty)
नितिन ठाकुर मीडियाकर्मी हैं. एक चैनल में काम करते हैं. राजनीति में गहरी रूचि रखते हैं. पढ़ने-लिखने के शौक़ीन हैं. फेसबुक पर सक्रिय और चर्चित लोगों में से एक हैं. नितिन ठाकुर के फेसबुक पर जितने फॉलोअर्स हैं, उतने में एक छोटी-मोटी विधानसभा का नतीज़ा तय हो जाता है. माइकल जैक्सन के बहुत बड़े फैन हैं. हमारे अनुरोध पर माइकल पर एक सीरीज लिख रहे हैं जिसका नाम है 'माइकल महात्म्य'. पेश है इस सीरीज की पहली किश्त.
Have you seen my childhood?https://www.youtube.com/watch?v=puQEcN_iI9o
I am searching for the world that I come from
क्या आपने कहीं मेरा बचपन देखा है? मैं उस दुनिया तलाश में हूं जहां से मैं आया हूं.
ये कहना था बेशुमार दौलत के ढेर पर बैठे दुनिया के सबसे मशहूर कलाकार माइकल जैक्सन का. चकाचौंध पेशा, प्राइवेट जेट्स, महंगे से महंगे कपड़े , कारों के काफिले और महल जैसे घरों का मालिक अगर ऐसे उदास गाने लिखे और गाए तो जानना बनता है कि आखिर वो किन अभावों से गुज़र रहा था. तो आइए 'किंग ऑफ पॉप' माइकल जैक्सन की ज़िंदगी के छिपे हुए दर्द से आपको रूबरू कराते हैं.

पापा को पापा नहीं कह सकते:
माइकल 5-6 साल की उम्र से ही स्टेज का दोस्त बन गया था. उसके पिता जोसेफ के सख्त अनुशासन ने इस उम्र से ही सिर्फ उसका नहीं, बल्कि उसके भाइयों का बचपन भी कतरा-कतरा सोंख लिया था. माइकल अपने इंटरव्यू में भीगी आंखों से याद करते हैं कि किस तरह रिहर्सल के दौरान उनके पिता बेल्ट लेकर सारे बच्चों की परफॉरमेंस पर नज़र गड़ाए रखते थे. किसी ने भी गलती की तो बेल्ट उस के शरीर पर पड़ने में देर नहीं होती थी. पिता की सख्ती इसी से समझिए कि वो खुद को 'डैडी' तक नहीं कहने देते थे. माइकल कई बार अपने इंटरव्यू और आत्मकथा में बता चुके हैं कि गुस्साए पिता से बचने के लिए वो अक्सर भाग जाते, लेकिन जब कभी हाथ पड़ते तो जमकर पिटाई होती. मशहूर पत्रकार मार्टिन बशीर को दिए अपने बहुचर्चित और विवादित इंटरव्यू में माइकल पुराने दिनों को याद करके हुए अपने हाथ से चेहरा ढंक लेते हैं, और बार-बार पूछने पर रुआंसे हो कर बशीर से ही बहुत बेचारगी से पूछ बैठते हैं-
तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो….

अपने बैंड के साथ रिहर्सल करते माइकल जैक्सन.
क्यों सख्त थे माइकल के पिता?
पिता जोसेफ जैक्सन ने परिवार चलाने के लिए बॉक्सिंग का अपना करियर छोड़ा था. दो-दो जगह काम करके किसी तरह गुज़ारा किया था. वो नहीं चाहते थे कि उनके नौ बच्चे भविष्य में उनके ही जैसा संघर्ष करें. इसी डर में उन्होंने अपने बच्चों को बचपन से ही कड़ी मेहनत की भट्ठी में झोंक दिया. इस भट्ठी में नौ में से सातवें नंबर के माइकल का बचपन राख हो रहा था, पर उन्हें परवाह भला कहां थी. माइकल ने भी पिता की सख्ती को ताउम्र याद रखा और अपनी वसीयत में सब कुछ तीन बच्चों और मां के नाम कर दिया. वो भी गज़ब का दिन था जब 40 साल बाद माइकल ने पिता के हाथों बेरहमी से हुई पिटाई पर मुंह खोला. बहुत बड़ा हंगामा खड़ा हो गया.
बच्चे खेलते थे, वो गाने को मजबूर था:
माइकल जैक्सन अपने लगभग हर इंटरव्यू में उस अकेलेपन को याद करके सिहरते रहे जो उन्होंने बचपन से ही महसूस किया. छोटी उम्र से ही भीड़ के आदी माइकल को अकेलापन बेचैन करता था. यूं तो माइकल भाइयों के साथ ही परफॉर्म करते और शहर-शहर घूमते लेकिन फिर भी हमउम्र बच्चों के साथ ना खेल पाने का दर्द उन्हें पचास साल की उम्र तक भी सालता रहा.

माईकल जैक्सन बचपन के दिनों में दोस्तों के साथ.
1993 में मशहूर टॉक शो होस्ट ओपरा विनफ्रे को दिया गया इंटरव्यू हो या फिर 2002-2003 में बशीर से की गई बातें. माइकल लगातार उस वक्त को याद करते हैं, जब उन्हें तीन घंटे की पढ़ाई के बाद रात तक स्टूडियो में रिकॉर्डिंग के लिए रहना पड़ता था. उनकी परेशानी स्टूडियो के पास पार्क में खेलते बच्चों की आवाज़ों से और बढ़ जाती. जिस उम्र में उन्हें खेलना था, उस उम्र में उन्हें करियर की आपाधापी के कुएं में धकेला जा चुका था. वो मजबूर थे कि उसी कुएं में रहें भी. शोर करते तो भी अपनी ही आवाज़ें सुनते. कोई और सुननेवाला था नहीं इसलिए माइकल अपने गानों के ज़रिए ही खुद को अकेला और अलग-थलग दिखाते रहे.
'मैं माइकल नहीं, पीटर पैन हूं.'
माइकल जैक्सन खुद को पीटर फैन माना करते थे. अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये पीटर है कौन? अपनी डॉक्यूमेंट्री के लिए पत्रकार मार्टिन बशीर ने माइकल से बहुत सवाल जवाब किए, उसमें माइकल भरोसा दिलाते दिख रहे हैं कि वो पीटर पैन हैं. जब उन्हें पलट कर कहा जाता है कि वो माइकल जैक्सन हैं तो उन्होंने जवाब दिया-
मैं दिल से पीटर पैन हूं.दरअसल पीटर पैन एक काल्पनिक एनिमेशन किरदार है. 1902 में स्कॉटिश उपन्यासकार बैरी ने पीटर पैन नाम के बच्चे की कल्पना की थी. वो उड़ता है और कभी बड़ा भी नहीं होता. पीटर पैन नेवरलैंड नाम के द्वीप में रहता था. पीटर पैन से प्रभावित माइकल जैक्सन ने भी अपनी दौलत से कैलिफोर्निया के जंगलों में साल 1988 में एक नेवरलैंड को साकार कर डाला. कहते हैं कि माइकल ने 3 हजार एकड़ ज़मीन को करीब 30 मिलियन डॉलर में खरीद लिया था और फिर उस पर जो कुछ बनाया उसने दुनिया को हैरत में डाल दिया. ये एक अमीर पॉप स्टार की सनक थी या फिर एक कल्पनाशील कलाकार की हसरत कोई ठीक से नहीं बता सकता मगर माइकल ने अपने सपनों के घर में निजी एम्यूज़मेंट पार्क, फूलों की विशाल घड़ी, 300 सीट का सिनेमाहॉल और चिड़ियाघर बना डाले. उनके एम्यूज़मेंट पार्क में दो छोटी रेलगाड़ियां चलती थीं. इसके अलावा उन्होंने तमाम छोटे-बड़े झूले लगवाए जिनमें बैठकर वो ज़िंदगी का बोझ हल्का करते थे. जिस घर में वो रहते उसे पीटर पैन कार्टून में दिखाए गए तमाम कैरेक्टर्स से भर दिया. दुनिया भर के पोर्ट्रेट्स और कलाकृतियों से तो उनका वो घर सजा ही था. माइकल जैक्सन अक्सर नेवरलैंड के एक पेड़ पर चढ़कर गाने लिख डालते. मशहूर 'हील द वर्ल्ड', 'ब्लैक एंड व्हाइट','चाइल्डहुड' जैसे गाने उन्होंने नेवरलैंड के पेड़ पर ही बैठकर लिखे थे. कुदरत से उनकी मुहब्बत ‘नेचर’ नाम के गाने में खुलकर सामने आती है.
https://www.youtube.com/watch?v=XAi3VTSdTxU
दुनिया के शोर से थकने के बाद माइकल इसी सपने के संसार में शरण पाते थे. खुद पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप लगने से पहले उन्होंने कई मशहूर इंटरव्यू यहीं दिए. अक्सर गरीब और अनाथ बच्चे उनके साथ वक्त बिताने इसी नेवरलैंड में आया करते थे और दिन भर झूलों पर मस्ती करते.

नेवरलैंड का एक दृश्य.
बच्चों के साथ सेक्स करने का वो दिल तोड़नेवाला इल्ज़ाम?
माइकल जैक्सन की बच्चों से करीबी ने कई विवादों को खूब हवा दी. उन पर इल्ज़ाम उछलते कि आखिर क्यों वो बच्चों के साथ एक ही बेडरूम में सो जाते हैं. तब वो मासूमियत से यही कहते
आखिर किसी बच्चे के साथ एक कमरे में टीवी देखना या सो जाना गलत क्यों है?कितनी ही बार उन्होंने बच्चों को अपने बेड पर सुलाया और खुद ज़मीन पर सोए. आखिरी सच तो यही है कि उन पर बच्चों के शोषण का कोई इल्ज़ाम कभी सिद्ध नहीं हो सका, मगर अपमानजनक आरोपों से दिल टूटने के बाद माइकल जैक्सन कभी अपने हाथों से बनाई जन्नत नेवरलैंड नहीं लौटे. बड़े के शरीर में बच्चे जैसे दिल वाले माइकल का मन अपने स्वर्ग नेवरलैंड से उचट गया. आखिर पुलिस वालों के जत्थे के जत्थे इसी जगह पर आकर रेड डालते रहे. यौन शोषण मामले में हर जांच ने उनकी लोकप्रियता और प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाया. इस बीच ये भी तथ्य है कि माइकल अपने तीन बच्चों के ऐसे बाप थे जिनकी मां उनके साथ नहीं रहती थी. तीनों को वो कितने प्यार से अपने साथ रखते थे ये उनका हर करीबी बता सकता है. इसके अलावा उनकी इच्छा तो ये भी थी कि दो और बच्चों को गोद लें. वो दुनिया के हर महाद्वीप से एक बच्चे को पालना पोसना, बड़ा करना चाहते थे ताकि एक संदेश दुनिया को दिया जा सके.
अगली कड़ी में बताएंगे..
बच्चों के साथ सेक्स करने के इल्ज़ामों का सच आखिर क्या था? इसके अलावा संघर्ष की वो कहानी भी जो अश्वेत माइकल जैक्सन को गोरों के वर्चस्व वाले अमेरिका में जीनी पड़ी. साथ ही जैक्सन का वो दर्द जिसने उन्हें अवॉर्ड जीतने के बावजूद रोने को मजबूर किया.
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