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बाबरी गिराने में पीठ पर गिरा था गुंबद का हिस्सा, 27 साल से बिस्तर पर पड़ा कारसेवक

6 दिसंबर 1992 की तारीख याद करके फूट फूटकर रोते हैं अंचल सिंह मीणा.

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फोटो - thelallantop
राम जन्मभूमि आंदोलन से राजनीति चमकाने वाले कितने लोग भितरामपुर चले गए. कितने चमक गए. लेकिन जो कुदाल लेकर गुंबद पर चढ़े थे, उनकी कहानी जाननी बहुत जरूरी है. इन लोगों का स्वागत किसी हीरो की तरह हुआ था. बाद में क्या हुआ, ये सुध लेने वाला कोई नहीं बचा. इनमें से एक बलबीर सिंह था. जो बाद में मुसलमान बनकर मस्जिदें बनवाने लगा.  अभी की कहानी है मध्य प्रदेश के अंचल मीणा की. वो 30 साल के थे जब बाबरी गिराने गए. अब 57 के हैं. लेकिन ये 27 साल नर्क की तरह गुजरे हैं. एक कमरे में बिस्तर पर पड़े रहकर ये साल गुजारे हैं. 'राम के काम से निकले' भोपाल के नजदीक सुआखेड़ा है. वहां अंचल सिंह मीणा का घर है. 26 साल पहले अंचल कारसेवक हो गए. अयोध्या में राम मंदिर की चाह थी. विश्व हिंदू परिषद समेत तमाम संगठन आग में पेट्रोल झोंके पड़े थे. 3 दिसंबर 1992 को अंचल भोपाल पहुंचे और 27 लोगों के जत्थे में पुष्पक एक्सप्रेस में बैठकर लखनऊ पहुंच गए. लखनऊ से फैजाबाद. 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद गिराने के लिए ऊपर चढ़ गए. भीड़ की चीख पुकार में जोश का आलम यह था कि अगले पल क्या होने वाला है, ये कोई नहीं सोच रहा था. गुंबद नीचे गिरा तो उसके साथ अंचल भी नीचे आ गए. मलबा का बड़ा हिस्सा अंचल की पीठ पर गिरा. अंचल बेहोश हो गए. पहले फैजाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से लखनऊ भेज दिया गया. वहां होश आया तो पता चला कि कमर के नीचे का हिस्सा बेकार हो गया है. anchal singh meena 2 फिर क्या हुआ आजतक चैनल के रिपोर्टर रवीश पाल सिंह बताते हैं कि अंचल चल नहीं सकते. बिस्तर पर पड़े रहते हैं. पूछने पर बताया कि 1992 के बाद तमाम छोटे बड़े नेता भोपाल आए लेकिन उनके पास तक कोई न आया. सिर पर लगी चोट दिखाते हैं और फूट फूटकर रो पड़ते हैं. कहते हैं- कोई नेता नहीं कह सकता कि एक गिलास पानी भी पिलाया हो. लेकिन मैं जिस राम के नाम से गया उस पर विश्वास है कि पूरा करेगा. कमाल की बात ये है कि अंचल सिं मीणा को अब भी अहसास नहीं है कि पॉलिटिक्स ने इस्तेमाल किया. राम ने किसी को नहीं बुलाया मस्जिद गिराने के लिए. जिन्होंने बुलाया वो खूब खेले खाए. कई तो अब दरकिनार कर दिए गए हैं. ठीक अंचल की ही तरह. लेकिन अंचल को अभी भी लगता है कि वह काम उनसे राम ने करवाया था. वो कहते हैं कि अब कमजोर हो गया हूं, इलाज चल रहा है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा और कोई दर्शन कराने ले जाएगा तो जरूर जाऊंगा.
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