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वो लड़का, जो अनुष्का की नथुनी पर दिल लुटा बैठा था

आज वो अनुष्का को हैपी बर्थडे कह रहा है.

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फोटो - thelallantop
8 साल पहले एक लड़के ने अपने चाचा की किराने की दुकान पर डीवीडी पर एक फिल्म देखी, रब ने बना दी जोड़ी. फिल्म शुरू होते ही खामोश सी एक लड़की नजर आई, उसका नाम था अनुष्का शर्मा . पहचानता था उसको, पीले सूट में कई दिन से नजर आ रही थी अखबारों में, शाहरुख की फिल्मों का प्रमोशन तब भी महोत्सव सरीखे होता था. ये अनुष्का का थोड़ा सा नाक चढ़ाकर बोलना था, या शाहरुख के गाल पर गुलाल लगाकर भाग जाना. वजह जो कोई रही हो, उस लड़के का दिल अनुष्का पर आ गया. और ये आखिरी बार था जब वो किसी ऐक्ट्रेस के इश्क़ में पड़ा हो. अब तक आपको समझ आ चुका होगा लड़का कौन था. उसके बाद अनुष्का संस्कृति का हिस्सा बन गईं, लड़कियां हर ओर पीले सूट में नजर आने लगीं, आपने ध्यान दिया हो या नहीं. मैंने ध्यान दिया था. या ये भी हो सकता है कि पीले सूट वाली लड़कियों पर अचानक से ध्यान जाना बढ़ गया. अनुष्का ने ऐश्वर्या को पटक दिया, ब्यूटीपार्लर के बोर्ड्स से ऐश्वर्या हट गई, ऐश्वर्या तब भी वहां थीं क्योंकि मजबूरी में लोगों ने करीना को नहीं स्वीकारा था, यहां ध्यान दिया जाए कि कैटरीना कभी ब्यूटीपार्लर्स के बोर्ड का हिस्सा नहीं बन सकीं. ये अपने किस्म के सामजिक संकेत हैं, अगर आप समझें तो. अनुष्का बिंदी के पत्तों और मेंहदी के कोन्स तक जा पहुंचीं. सीधे शब्दों में कहें तो अनुष्का सुहाग की निशानी बन गईं थीं. वो आखिरी हीरोइन थी जिसे मैंने किसी रिक्शे के पीछे पुता देखा था. अनुष्का जिस वक़्त अपने करियर की शुरुआत कर रहीं थीं, वो मल्टीमीडिया फोन्स का जमाना था. 'हौले-हौले' ब्लूटूथ से मांगकर इयरफोन पर सुना जाने लगा.
2010 आते-आते तानी को बुलबुल के तौर एक्सेप्ट करना, मुश्किल पड़ गया. वो बदमाश कंपनी में बीच पर क्लीवेज की झलक दिखलाकर शाहिद की बॉल गिरवा देती हैं, और हमें लगता है. धोखा हमारे साथ हुआ है. लेकिन इसे स्वीकार कर लिया गया. क्योंकि हम थोड़ा बड़े हो गए थे और हमें तमाम दूसरे अर्थों में ये अच्छा लगा. हमें पता लगा कि अनुष्का सिर्फ बिंदी के पत्तों के लिए नहीं बनी है.
मेरे हाथ में पहला फोन आया था, Spice M5151. फोन की इनबिल्ट मेमोरी जितना सह सकती थी, उसकी औकातानुसार दो Gif फाइल डाउनलोड की गईं, एक कार की, वालपेपर में लगाने को. दूसरी अनुष्का की. पीले कलर की बिकनी में. anushka sharma-1   फिर वो लड़का आया. आंधी की तरह, जो चाय में डूबा बिस्कुट हो गया था. रणवीर सिंह. यशराज के कांट्रेक्ट वाली तीन फिल्मों की आखिरी फिल्म में. अनुष्का को ऐसा को-स्टार मिल गया था, जिसके कारण उनकी दुष्टता स्क्रीन पर और ज्यादा फ़ैल कर दिख रही थी. दिल्ली वाली बनी थीं, आधे-आधे शब्द चबा जाती, कुनमुनाती, अपने तरीके से नाक चढ़ाकर बोलती, और हम मुस्कराते रह जाते.ऐसा ही लेडीज वर्सेज रिकी बहल में होता है. आपको लगता है, बाकियों के साथ बुरा होता रहे, बस इन दोनों की झड़प देखने को मिलती रहे. दोनों साथ दिखते रहें. दोनों साथ में अच्छे लगते हैं. ठीक वैसे जैसे अनुष्का विराट के साथ अच्छी लगती थीं. एक वो फोटो है, जिसमें फैली-फैली आंखों वाली अनुष्का के कंधे पर विराट के हाथ हैं.
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दोनों बहुत अच्छे लगते हैं, ये वो वक्त था जब विराट के फॉर्म के लिए अनुष्का का मजाक बनता था. क्योंकि लोग मूर्ख हैं. हमें अनुष्का अच्छी लगती है, इसलिए उन पर मजाक बुरे लगते हैं.

पर कुछ छूट रहा है, आपने पटियाला हाउस देखी है, अनुष्का की नोजरिंग, अच्छा लौंग दा लश्कारा में अनुष्का का पेट देखा है? उस गाने में अनुष्का के पेट सालों तक मुझे इस चराचर जगत की सबसे सुडौल चीज लगते थे. वैसे ही जैसे पीके तक आते-आते उनके होंठ बेडौल लगने लगे.
सुल्तान में वो कुश्ती करती दिख रहीं थीं. अनुष्का का एक ऐड आता था. विराट के साथ, एंटी डैंड्रफ शैंपू का ऐड था. हम मजाक उड़ाते, ये दोनों अमेरिकी हैं. 'रूसी विरोधी' जो हैं. अभी ऐसे ही ऐड में करण जोहर के साथ दिखती हैं. उनका बताया शैंपू लगाती हैं और मेरे अंदर से एक ही बात आती है. 'अनुष्का, तुम ऐसे किसी आदमी के कहने पर कैसे भरोसा कर सकती हो, जिसने बॉम्बे वेलवेट के अंत में तुम्हें गोली मार दी थी.'
हम छवियों के इर्द-गिर्द राय गढ़ते हैं. अपनी सहूलियत के हिसाब से. इसीलिए मैंने NH10 नहीं देखी, जिस लड़के ने अपने चाचा की दुकान पर बैठकर शाहरुख के गले पर गुलाल लगते ही तुमसे प्यार कर लिया, वो तुम्हें रॉड चलाते कैसे देख सकता था. anushka पर फिर भी मुझे आज तुमसे कहना है शुक्रिया. और तीन खूबसूरत शब्द. हैप्पी बर्थडे अनुष्का! :) 
जाते-जाते तुम्हारा लौंग दा लश्कारा फिर याद आ रहा है... https://www.youtube.com/watch?v=MS55Ke6AQTc