The Lallantop

वो एक्ट्रेस, जिसके दो गाने घर-घर, गली-गली, ट्रक, टेम्पो, बस में खूब बजे लेकिन हमने भुला दिया

तीन साल की उम्र में कैमरा फेस किया और 18 साल की उम्र में मिस इंडिया बनीं.

post-main-image
फिल्म 'आवारा पागल दीवाना' का एक दृश्य.

हिंदी पट्टी के किसी भी राज्य में जिसने भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफ़र किया हो उसने दो गाने ज़रूर सुने होंगे. सुने क्या होंगे, उसे पूरे-पूरे याद हो गए होंगे. ये गाने इतनी ज़्यादा बार चलाए गए हैं कि लोगों को स्कूल में रटाई गई पोएम्स की तरह लफ्ज़-लफ्ज़ याद हो गए हैं. ख़ास बात ये कि ये गाने जिस हीरोइन पर फिल्माए गए, इन गानों के बोलों में जिस हीरोइन की तारीफ़ हो रही है, उसे ज़्यादातर लोग नहीं जानते. कुछेक फ़िल्मी कीड़ों को ही उसका नाम पता होगा बस. 21 नवंबर को उसी हीरोइन आरती छाबरिया का जन्मदिन हुआ करता है.


उम्र के तीसरे साल से कैमरे के सामने आने का अनुभव.
उम्र के तीसरे साल से कैमरे के सामने आने का अनुभव.

आइए पहले उन दो 'कालजयी' गानों को सुन लें.

# 'तुमसे अच्छा कौन है'

ये गाना न सिर्फ प्रेमियों का एंथम बना बल्कि ट्रक, टेम्पो, बसों में बेशुमार बार बजकर इसने ज़रूर कोई छोटा-मोटा राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिया होगा. ऐसा शख्स मिलना मुश्किल है, जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफ़र करता हो और ये गाना सुनने से बच गया हो. 'तुमसे अच्छा कौन है' आरती छाबरिया की शुरुआती फिल्म है. 2002 में आई ये पहली फिल्म थी, जिसमें आरती ने लीड हीरोइन का रोल किया. उनके अपोज़िट नकुल कपूर थे.

# 'तू जो हंस हंस के सनम'...

'तुमसे अच्छा कौन है' के साल भर बाद ही फिल्म आई 'राजा भैया'. उस वक़्त की हॉट प्रॉपर्टी गोविंदा के साथ आरती लीड रोल में थीं. उसका ये गाना तो और भी बंपर हिट हुआ.
"तू जो हंस हंस के सनम मुझसे बात करती है बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है"
इस गाने की लोकप्रियता का आलम ये था कि प्रेमिका को लिखे लव लेटर की पहली पंक्तियां इस गाने का मुखड़ा ही हुआ करती थीं. बाद में जब घर-घर मोबाइल हुए तो उसकी सीमित स्टोरेज में भी इस गाने ने जगह बनाने में कामयाबी पाई.

और क्या-क्या किया इंडस्ट्री में आरती ने?

आरती छाबरिया उन चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने दूध के दांत टूटने से भी पहले कैमरा फेस किया. महज़ तीन साल की उम्र में आरती ने फैरेक्स का ऐड किया. उसके बाद अगले काफी साल तक वो ऐड वर्ल्ड की पसंद बनी रहीं. मैगी नूडल्स, पेप्सोडेंट, क्लीन एंड क्लियर फेस वॉश, क्रैक क्रीम, एलएमएल का स्कूटर जैसे कई ऐड किए उन्होंने. टोटल 300 से ऊपर का बताते हैं.
देखिए उनके कुछ चुनिंदा कमर्शियल्स:

अपने बड़े होने के तमाम साल में आरती के दिलो-दिमाग में सिर्फ एक ही सपना पलता रहा. बड़े परदे पर हीरोइन बनकर चमकने का. इसकी राह तब खुली जब नवंबर 1999 में उन्होंने ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीता.
महज़ 18 की उम्र में 'मिस इंडिया' का ख़िताब हासिल करने की देर थी कि उनके लिए ग्लैमर वर्ल्ड के दरवाज़े खुल गए. (जैसी कि परंपरा भी है अपने यहां.) तीन-चार पॉपुलर म्यूज़िक वीडियोज़ में आरती नज़र आईं. इनमें से सुखविंदर के साथ 'नशा ही नशा है' और अदनान सामी के साथ 'रूठे हुए हो क्यों' को काफी पसंद किया गया.

अगला पड़ाव ज़ाहिर है फिल्म इंडस्ट्री ही होना था. 2002 में आई 'तुमसे अच्छा कौन है' से बतौर हीरोइन उनका करियर शुरू हुआ. हालांकि ये उनकी पहली फिल्म नहीं थी. उससे पहले राजकुमार संतोषी की 'लज्जा' में वो एक छोटा सा रोल कर चुकी थीं. उनके फ़िल्मी सफ़र में 'आवारा पागल दीवाना', 'शादी नंबर वन', 'तीसरी आंख', 'अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' जैसी फ़िल्में शामिल हैं. इन्होंने कुछ साउथ की फिल्मों में भी काम किया. कथ्य के हिसाब से देखा जाए तो उनकी मनोज वाजपेयी के साथ आई 'दस तोला' फिल्म को उनका सर्वोत्तम काम कहा जा सकता है.
यहां देखिए पूरी फिल्म:
2010 के बाद से आरती फिल्मों से गायब सी हो गई हैं. पिछले साल वो फिर से चर्चा में तब आईं, जब उन्होंने 'मुंबई वाराणसी एक्सप्रेस' नाम से एक शॉर्ट फिल्म बनाई. इसे बहुत पसंद किया गया. इस फिल्म ने बहुत से अवॉर्ड जीते. आरती के एक और दुर्लभ टैलेंट से दुनिया हमेशा अंजान ही रही. आरती पांच भाषाओं पर ग़ज़ब की पकड़ रखती हैं. हिंदी, इंग्लिश, मराठी, सिंधी और गुजराती.
बहरहाल, आरती का फ़िल्मी करियर जितना भी साधारण रहा हो, इस आर्टिकल की शुरुआत में बताए दो गानों ने उन्हें अमर कर दिया है. इसमें कोई शक़ नहीं कि आने वाले दिनों में भी प्रेमी अपनी प्रेमिका की तारीफ़ में उस गाने की पंक्तियां गाते रहेंगे, जो फिल्म का हीरो आरती छाबरिया की तारीफ़ में गाता था...
"जो खुले ज़ुल्फ़ें तुम्हारी, दिन में काली रात हो तुम ज़रा आंचल उड़ा दो, धूप में बरसात हो सागर की प्यासी लहर, हो... झूमे तुम्हें देख कर सारी दुनिया सारा आलम, तुम से अच्छा कौन है.."



ये भी पढ़ें:
वो लेखक जिसके आगे फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज हाथ जोड़े खड़े रहते थे

सेक्स एजुकेशन पर इससे सहज, सुंदर फिल्म भारत में शायद ही कोई और हो!

सच्ची ख़ुशी सिर्फ तीन चीज़ों से मिलती है: समय पर सैलरी, फ्री वाई-फाई और माधुरी का ये डांस

वीडियो: फिल्म बनाकर रिलीज करने में कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं, इस एक्टर से सुनिए