# 16 अप्रैल 2018 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कुल 11,255 पदों के लिए वेकेंसी निकाली. ये वेकेंसी लिपिक ग्रेड-II और जूनियर असिस्टेंट की भर्ती के लिए जारी की गई थी. इसमें स्टेट सेक्रेटरिएट के लिए 329 सीट, राजस्थान लोक सेवा आयोग में 09 सीट और अधीनस्थ विभागों यानी राज्य सरकार के बाकी डिपार्टमेंट्स की 10917 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए.

अप्रैल 2018 में जारी की गई पहली नोटिफिकेशन
# 12 अगस्त 2018 से 16 सितंबर 2018 तक प्री-एग्जाम आयोजित किया गया.
# नोटिफिकेशन जारी होने के 11 महीने बाद 1 मार्च 2019 को एक नया संशोधित नोटिफिकेशन जारी हुआ. इस नोटिफिकेशन के जरिए सीटों की संख्या बढ़ाने की सूचना दी गई. 11255 सीटों की जिस भर्ती के लिए 7 महीने पहले परीक्षा कराई जा चुकी थी अब उसे बदलकर 12456 सीटों के लिए कर दिया गया.

1 मार्च 2019 को जारी की गई संशोधित विज्ञप्ति.
# 7 मार्च 2019 को प्री-एग्जाम का रिजल्ट घोषित किया गया. इस रिजल्ट में कुल पदों की संख्या यानी 12456 से तीन गुना छात्रों को दूसरे चरण यानी टाइपिंग और एफिशिएंसी टेस्ट के लिए सफल घोषित किया गया.

Rajasthan Ldc 7
# 23 जून 2019 को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में मोस्ट बैकवर्ड क्लास (MBC)के तहत 5 प्रतिशत आरक्षण देने के अधिकारिक आदेश जारी किए. प्रक्रियाधीन यानी कि जो भर्तियां अंडर प्रोसेस हैं. इसके अंतर्गत गुर्जर, गड़िया लोहार, बंजारा, रेबारी व राइका समुदायों को शामिल किया गया था. MBC को पहले से ही 1 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा था. ऐसे में कार्मिक विभाग ने 4 प्रतिशत आरक्षण और बढ़ाने के आदेश जारी किए. जब 4 प्रतिशत आरक्षण बढ़ा तो 450 पद और बढ़ गए. इस तरह अब कुल पदों की संख्या 12906 तक पहुंच गई.

14 फरवरी 2020 को घोषित किया गया फाइनल रिजल्ट.
# 14 फरवरी 2020 को फाइनल रिजल्ट जारी किया गया. और आश्चर्य की बात ये है कि फाइनल रिजल्ट में ये बताया ही नहीं गया कि कुल कितने सीटों पर भर्ती की गई. न ही विभागवार सफल कैंडिडेट्स की संख्या बताई गई और न ही MBC के अंतर्गत बनाए गए अतिरिक्त पदों के बारे में कुछ कहा गया.

राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग ने भले ही सेलेक्टेड कैंडिडेट्स की संख्या न बताई हो लेकिन राज्य सरकार की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में 11 हजार 322 पदों पर भर्ती की बात कही गई.
डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद रिजल्ट का इंतजार कर रहे सचिन इसे साफ-साफ घोटाला बताते हैं. सचिन कहते हैं,
आप बोर्ड द्वारा इससे पहले घोषित किए गए रिजल्ट्स को देखिए. उनकी तुलना इस रिजल्ट से करिए आपको साफ-साफ दिखाई देगा कि इसमें कुछ छुपाया जा रहा है. पिछले सभी रिजल्ट्स में MBC के लिए बनाए गए अतिरिक्त पदों की संख्या को स्पष्ट रूप से बताया गया है लेकिन इसमें नहीं बताया गया. ये भी नहीं बताया गया कि कितने कैंडिडेट्स को सेलेक्ट किया गया है और कितनों को सेलेक्ट किया जाना अभी बाकी है. सेलेक्टेड कैंडिडेट्स का मेरिट लिस्ट भी नहीं जारी किया और लॉकडाउन के बावजूद ईमेल के जरिए किसी तरह जॉइनिंग कराने का प्रयास किया जा रहा है.

फरवरी में रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही कैंडिडेट्स लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं.
RTI से क्या पता चला?
जब बोर्ड से कोई जवाब न मिला तो कैंडिडेट्स ने RTI के जरिए कैटेगरी वाइज सेलेक्टेड कैंडिडेट्स का डेटा मांगा. जिसमें पता चला कि अधीनस्थ विभाग में OBC को 21 के बजाय 17 % आरक्षण दिया और जनरल कैंडिडेट्स को 50 की बजाय 46 % सीटें ही दी गईं. इन दोनों कैटेगरी की सीटों में 4 फीसद की कटौती की गई है. कैंडिडेट्स का कहना है कि डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय अधीनस्थ विभाग में ओबीसी की 2093 और जनरल की 5303 सीटें थी लेकिन अंतिम परिणाम में 587 सीटें काट कर OBC की 1866 और जनरल की 4943 सीट कर दी गई.

कैंडिडेट्स का आरोप है कि नियमों के खिलाफ जाकर OBC की 227 और जनरल की 360 सीटों में कमी की गई. ये कटौती क्यों हुई? इसका आदेश/नोटिफिकेशन कब जारी हुआ? इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. इन सवालों के जवाब के लिए जब दी लल्लनटॉप ने राजस्थान कर्मचारी बोर्ड के अध्यक्ष बी एल जटावत को फोन किया तो उन्होंने कहा, इसके लिए आप सचिव से बात करिए. इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया. हमने सचिव मुकुट बी. जांगिड़ और प्रशासनिक सुधार विभाग में कार्यरत प्रमुख शासन सचिव आर वेंकटेश्वर से भी बात करने की कोशिश की लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.
क्या है कैंडिडेट्स की मांग?
कैंडिडेट्स की मांग है कि भर्ती को पारदर्शी बनाया जाए. डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए अगर 12906 पदों के हिसाब से लोगों को बुलाया गया तो उतने पदों पर भर्ती किया जाए. डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद इस तरह पदों में कटौती करना सरासर अन्याय है. साथ ही जिस तरह बाकी भर्तियों में विभागवार और कैटिगरी वाइज रिजल्ट घोषित किया जा रहा है उसी तरह इस वैकेंसी में भी रिजल्ट घोषित किया जाए.
कोरोना लॉकडाउन के इस दौर में स्टूडेंट्स कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन ये लड़ाई अकेले की नहीं. इसलिए अनुभव साझा करना है जरूरी. अगर आप भी अपने दोस्त दी लल्लनटॉप के साथ शेयर करना चाहते हैं अपनी दिक्कतें और एक्सपीरिएंस तो हमें मेल करें YUVA.LALLANTOP@GMAIL.COM पर.
क्या है 'ऑप्टिमिस्टिक बायस‘ और क्यों कोरोना वायरस के वक्त हमें इससे बचना चाहिए?