ओरल ट्रेडिशन, वाचिक परंपरा, ज़बानी रिवायत के क़िस्सों में एक शख़्स के क़िस्से बहुत मशहूर हैं. ये किरदार है मुल्ला नसरूद्दीन. यूं तो मुल्ला नसरुद्दीन का ताल्लुक तुर्की से है लेकिन इनके किस्से दुनिया भर की रिवायतों में मिलते हैं. तो आज सुनिए इन्ही का एक क़िस्सा. एक शाम की बात है. मुल्ला अपने घर में थे. छत पर चढ़े और चारों ओर का नज़ारा देखा. उनको लगा कि इतनी ख़ूबसूरत शाम है तो क्यों न अपने गधे को भी छत पर ले आया जाए. इन नज़ारों का लुत्फ़ बेचारा गधा भी ले ले.
क़िस्सागोई 24: मुल्ला नसरुद्दीन को अपने गधे से ये तीन बेशकीमती सबक़ मिले
दुनिया जहान में मशहूर हैं मुल्ला नसरुद्दीन के क़िस्से.

मुल्ला ने गधे को सीढ़ी पर चढाने की कोशिश की. बड़ी मुश्किल से चढ़ा पाए. जब गधा ऊपर पहुंचा तो मुल्ला ने देखा कि वो तो अपनी जगह पर अड़ा है. शाम की ख़ूबसूरती से बेनियाज़ खड़ा है. मुल्ला को ये देखकर मायूसी हुई. अब वो गधे को नीचे ले जाने के लिए ज़ोर लगाने लगे. गधा नीचे नहीं उतरा तो मुल्ला खुद नीचे आ गए. थोड़ी देर बाद मुल्ला ने छत से अजीबो ग़रीब आवाज़ें सुनीं. ऊपर गए तो देखा कि गधा अपनी दुलत्तियों से कच्ची छत को तोड़ने की कोशिश कर रहा है. मुल्ला ने फिर उसे नीचे उतारने की कोशिश की मगर गधे ने दुलत्ती मार कर मुल्ला को ही छत से नीचे गिरा दिया और थोड़ी देर बाद गधा टूटी हुई छत से खुद भी नीचे आ गिरा.

मुल्ला नसरुद्दीन इतने मशहूर हुए कि आज भी उनके क़िस्से कहे सुने जाते हैं.
मुल्ला ने कहा कि आज इस वाकए से मैने तीन सबक सीखे. गधे को कभी ऊंची जगह नहीं ले जाना चाहए. वरना गधा उस ऊंचे मकाम को बरबाद कर देता है, जो इंसान उसे ऊपर ले जाता है उसे भी नुकसान पहुंचाता है और तीसरा कि अंत में गधा ख़ुद भी नीचे आ गिरता है. बहुत देर ऊपर नहीं टिक पाता.

हिमांशु बाजपेयी
हिमांशु बाजपेयी. क़िस्सागोई का अगर कहीं जिस्म हो, तो हिमांशु उसकी शक्ल होंगे. बेसबब भटकन की सुतवां नाक, कहन का चौड़ा माथा, चौक यूनिवर्सिटी के पके-पक्के कान और कहानियों से इश्क़ की दो डोरदार आंखें.'क़िस्सा क़िस्सा लखनउवा' नाम की मशहूर क़िताब के लेखक हैं. और अब The Lallantop के लिए एक ख़ास सीरीज़ लेकर आए हैं. नाम है 'क़िस्सागोई With Himanshu Bajpai'. इसमें दुनिया जहान के वो क़िस्से होंगे जो सबके हिस्से नहीं आए. हिमांशु की इस ख़ास सीरीज़ का ये था क़िस्सा नंबर चौबीस.