14 फरवरी 2019 की तारीख़. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफ़िले पर आतंकी हमला हुआ. CRPF के 40 जवान शहीद हो गए. शहीदों के परिवार साल भर बाद किस हालत में हैं? ये सवाल अब शायद ही किसी के दिमाग़ में आता हो. लेकिन शहीदों के परिवार अब भी हैं. उनसे किए गए वादे और दावे अब भी हैं. कुछ पूरे हुए और कुछ सरकारी दफ्तरों की फ़ाइलों में दफ़न हो गए.
पुलवामा शहीद का परिवार अंबानी से नाराज़ क्यों है?
शहीद रतन ठाकुर का परिवार आज भी न्याय का इंतज़ार कर रहा है

India Today ने पुलवामा हमले के बाद शहीदों के परिवार से बात की. इन्हीं शहीदों में से एक हैं बिहार के भागलपुर से शहीद रतन ठाकुर. इनके परिवार से जब पूछा गया कि परिवार ठीक चल रहा है? तो जवाब आया कि हां परिवार ठीक चल रहा है.
शहीद रतन ठाकुर के पिता ने कहा कि सरकार और CRPF ने जो वादे किए वो पूरे कर दिए गए. मुआवज़े के तौर पर जो रक़म तय की गई थी, वो भी मिल गई है.
# जांच से ख़ुश नहीं
शहीद रतन ठाकुर के पिता पुलवामा हमले की जांच से ख़ुश नहीं हैं. उनका कहना है कि सरकार को हमें जल्द से जल्द न्याय दिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए. जिस तरह से धीमी जांच हो रही है, उससे शहीदों के साथ न्याय नहीं हो रहा है.
रतन ठाकुर के पिता ने India Today की टीम से कहा कि पुलवामा हमले की जांच कितनी आगे पहुंची, इसकी कोई जानकारी नहीं. ना तो सरकार ने कभी जानकारी दी और ना ही विभाग ने.
# अंबानी से नाख़ुशी
रतन ठाकुर के पिता ने बताया कि बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन कई लोगों ने अपना किया वादा पूरा नहीं किया. सिर्फ़ वादे करके निकल गए. वाहवाही लूटी और जब वादे निभाने का समय आया तो दूर-दूर तक नहीं दिखाई दिए. शहीद रतन ठाकुर के पिता ने India Today की टीम से कहा कि अंबानी फाउंडेशन ने जो वादा किया था, वो नहीं निभाया. बल्कि स्थानीय संगठनों और स्कूल ने जो वादा किया था वो निभा दिया.
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