The Lallantop

एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त क्यों नहीं हो सकते?

उनके लिए, जो लाइफ में 'फ्रेंडज़ोन' हो गए हैं.

post-main-image
फ्रेंडज़ोन. जवान लड़कों के बीच इस्तेमाल होने वाले सबसे कॉमन शब्दों में से एक. अक्सर ऐसा होता है कि लड़का किसी लड़की के प्यार में आ जाता है. और लड़की भी हंसती है, मुस्कुराती है, टेक्स्ट करती है. कभी- कभी तो रात को कॉल कर ये तक कहती है, मैं बहुत उदास हूं, मुझे सुला दो. लेकिन फिर एक दिन खबर देती है कि उसका बॉयफ्रेंड बन गया. या फिर सगाई होने वाली है. लड़के का दिल टूट जाता है. और वो कहता है, जब प्यार नहीं था तो इतनी बातें क्यों कीं मुझसे.

या फिर यूं कहें, 'उसने तो मुझे फ्रेंडजोन कर दिया.'

मुझे मालूम है 'फ्रेंडजोन' होने वाले लड़के बहुत हैं. इसीलिए उन लड़कों से बात कर रही हूं आज. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो आपसे कहूंगी कि एक बार धीरज से मेरी बात पढ़ें.
श्री मोहनीश बहल कहा करते थे, 'एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते.' फिर यही बात आपके मां-बाप ने आपके अंदर कूट-कूटकर भर दी. उनकी गलती नहीं है, समाज की बनावट ही कुछ ऐसी है. मोहनीश बहल के लिए वो डायलॉग लिखने वाला भी तो इसी ज़माने की उपज होगा. हमने जो-जो फ़िल्में देखीं, उनमें लड़का-लड़की बेस्ट फ्रेंड होते थे. लेकिन अंत में प्यार हो ही जाता था. हमारे दोस्तों, भाई बहनों ने भी हमें यही सिखाया.
https://www.youtube.com/watch?v=iwYt4KFaXlY
इसलिए जब क्लास में एक लड़के ने लड़की से पेन मांगा, लड़की ने समझा फ़्लर्ट कर रहा है. लड़की ने जब लड़के को अपना टिफिन ऑफर किया, लड़के को लगा इसे तो पक्का प्यार हो गया है. फिर ट्रकों ने हमें सिखाया 'हंस मत पगली प्यार हो जाएगा.' और देश भर के लड़कों को यकीन हो गया कि 'हंसी तो फंसी.' और आज जब लड़की फोटो डालती है फेसबुक पर, लड़के को लगता है उसके लिए ही डाली है. लड़का पोस्ट लाइक कर दे तो लड़की को यकीन हो जाता है कि ये तो मुझे पसंद करने लगा है.
ये नेचुरल है. क्योंकि समाज ने हमें बड़ा ही ऐसे किया है कि लड़के और लड़की के बीच कभी आपसी समझदारी, बातचीत और एक स्वस्थ दोस्ती का रिश्ता हो ही नहीं सकता. जरूर उसके मायने प्यार होंगे. पर समाज का रटाया हुआ हर सच, सच नहीं होता. ये भी वैसा ही एक सच है.
मैं लड़की हूं, इसलिए लड़की के पॉइंट ऑफ़ व्यू से बात करूंगी. एक लड़की के तौर पर बड़ा मुश्किल होता है ये जानना कि जो भी लड़का उसे जानता है, उसे पाना चाहता है. अगर आप एक आउटगोइंग लड़की हैं, लोगों से मिलना पसंद करती हैं, तो जाहिर सी बात है आपको बहुत से पुरुष मिलते होंगे. आपका नंबर लेते होंगे. आपसे मिलना चाहते होंगे. लेकिन आप उसके नंबर मांगते ही घबरा जाती हैं. क्योंकि आपको ये डर होता है कि ये आप पर 'ट्राय' करने वाला है. फिर आपको लगता है यार इससे बात ही क्यों की. ये तो चेप हो गया. ये सिर्फ आपके ही नहीं, खुद मेरे साथ भी होता है. ये डर स्वाभाविक है. क्योंकि उधर उस लड़के के दोस्त भी उससे हर दिन पूछ रहे होते हैं, 'भाई कुछ बात बनी?'

श्री शाहरुख़ खान कह गए हैं, 'प्यार दोस्ती है.' बेशक, है. लेकिन वो कहना भूल गए कि दोस्ती, दोस्ती है. इश्क नहीं.

https://www.youtube.com/watch?v=sRSQvXNX18w
इश्क होने में कोई बुराई नहीं है. पर जब इश्क नहीं है तो नहीं है. हममें से कितनी लड़कियां होंगी जिनके पुरुष दोस्त होंगे. उन पुरुष दोस्तों में कितने ऐसे हैं जो आपके काजल लगाने के लिए आपके फ़ोन का सेल्फी कैमरा ऑन कर के पकड़ लें. कभी आपके बाल बांध दें. आप उदास हों तो एक जोरदार झप्पी दें. आपके पीरियड हों तो गरम चाय पिला दें. और यूं ही कभी आपसे एक लंबी फोन कॉल या चैट करें. और ये सब करते हुए वो सिर्फ आपके दोस्त बने रहें, बॉयफ्रेंड न बनें. मैं दावे के साथ कह सकती हूं, बहुत कम होंगे ऐसे पुरुष दोस्त. ये किसी की गलती नहीं, एक समाज के तौर पर हमारी विफलता है कि एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं बन पाते.
इसीलिए किसी लड़की का जब प्रमोशन होता है, लोग कहते हैं बॉस के साथ चक्कर होगा. कॉलेज में नंबर अच्छे आते हैं तो टीचर के साथ अफेयर होगा. क्योंकि किसी लड़की के अंदर एक पुरुष को 'पूरा' करने के अलावा भी कोई गुण हो सकता है, ये बात उनके पल्ले ही नहीं पड़ती.
बेफिक्रे फिल्म में रणवीर कहता है, 'वो डेट पर जाती तो मुझसे पूछती क्या पहनूं. हर एडवाइस मुझसे लेती. और अब शादी किसी और से कर रही है.' कितना 'फ्रेंडजोन्ड' महसूस होता है ऐसे में? इसलिए क्योंकि एक लड़की और लड़के के केस में महज दोस्त भर रह जाना बड़ा गाली सा लगता है.
एक लड़के के तौर पर ऐसे में आप कन्फ्यूज हो जाते हैं. कि आखिर ये लड़की चाहती क्या है. बस चैटिंग? वो मुझे सिर्फ अपनी इमोशनल जरूरतों के लिए 'यूज' तो नहीं कर रही?
मैं बताती हूं वो क्या चाहती है. वो चाहती है आप उसके दोस्त बने रहें. बुरे समय में उसका साथ दें. कभी उसके साथ बाहर घूमने जाएं. कभी उसे स्पेशल महसूस कराएं. शायद उसे बस एक झप्पी चाहिए हो. या वो बौद्धिक तौर पर आपके साथ इतना सहज महसूस करती हो कि देश दुनिया की बातें करना चाहती हो. शायद किसी दिन बस दुनिया की भड़ास निकालना चाहती हो.
यकीन मानिए, अगर उसको आपसे प्रेम होगा तो वो आपको बता देगी. वो 50 साल पहले की कोई नई दुल्हन नहीं है, कि आपसे इश्क का इजहार करने में डरेगी.
'फ्रेंड' एक अच्छा शब्द है. 'फ्रेंडज़ोन' एक बुरा शब्द. और आप जिस लड़की से उसका नंबर मांगने जा रहे हैं, वो एक विकसित दिमाग वाली इंसान है. उससे दोस्ती करिए, वो आपकी सबसे अच्छी दोस्त बनकर रहेगी.
जाते जाते ये गीत सुनियेगा. बॉब डिलन का. :-)
I ain't lookin' to compete with you Beat or cheat or mistreat you Simplify you, classify you Deny, defy or crucify you All I really want to do Is, baby, be friends with you
No, and I ain't lookin' to fight with you Frighten you or uptighten you Drag you down or drain you down Chain you down or bring you down All I really want to do Is, baby, be friends with you
I ain't lookin' to block you up Shock or knock or lock you up Analyze you, categorize you Finalize you or advertise you All I really want to do Is, baby, be friends with you
I don't want to straight-face you Race or chase you, track or trace you Or disgrace you or displace you Or define you or confine you All I really want to do Is, baby, be friends with you
https://www.youtube.com/watch?v=nJSPElT-QWg