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तुम जिसका मज़ाक उड़ा रहे हो, उस शख्स से सीखो 'हीरो' कैसे बनते हैं

उम्मीद है, इसको पढ़ लेने के बाद अगर कुछ शर्म हया बाकी होगी तो अपनी वॉल पर फैलाई गंदगी समेट लोगे.

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फोटो - thelallantop

शर्मनाक, बेहद शर्मनाक...! सोशल मीडिया पर एक लड़के की तस्वीर को शेयर किया जा रहा है. जिसकी रंगत सफ़ेद नहीं है. दुबला पतला है. वो सलमान खान या शाहरुख खान सा नहीं दिखाता. वो दिखावे वाली ख़ूबसूरती के पैमाने में काला-कलूटा है. बदशक्ल है. बदसूरत है. और इस वजह से उसका मजाक उड़ाने का लाइसेंस हमें मिला हुआ है. उसके साथ अगर लड़कियां रहें. तो हम उसे लंगूर के मुंह में अंगूर कहेंगे. हम उन लड़कियों के दिमाग में गोबर कह सकते हैं जो उससे तस्वीरों में चिपटी हैं. क्योंकि वो तो बेवक़ूफ़ लड़कियां हैं जो ख़ूबसूरती के स्थापित मानदंडों को नहीं जानतीं.

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तरस आता है ऐसी सोच रखने वालों पर. काला कलूटा वो नहीं बल्कि तुम्हारी सोच है. पतला दुबला होने की वजह से उसका मजाक नहीं उड़ रहा बल्कि तुम्हारा दिमाग विकलांग है. जो उसके रंगरूप का मजाक उड़ा रहे हो. लंगूर वो नहीं तुम हो जो अपना तमाशा बना रहे हो. वो ऐसा हीरो है जो हिम्मत नही हारा. न गरीबी से, न रंगत से, न अनपढ़ रह जाने से. उसने ख़ूबसूरती के रंग रूप वाले पैमाने को तोड़ मरोड़कर रख दिया. हां वही काला कलूटा एक तमाचा है, तुम्हारे गाल पर, तुम्हारी सोच पर, तुम्हारी बदज़ुबानी पर. जब जानोगे कि तस्वीर में जो शख्स है वो कोई आम नहीं. बल्कि हीरो है बांग्लादेश का. 'हीरो अलोम' तो उसकी पहचान है. पूरा नाम है अशराफुल अलोम बगोरा. बिना पढ़े कामयाबी की ऐसी मिसाल पेश की, जिससे सबक लिया जाना चाहिए.
hero alom अशराफुल बांग्लादेश में बोगरा जिले के इकलिया गांव में पैदा हुआ. बाप 'चनाचूर' (खास तरह का नमकीन मिक्सचर) बेचा करते थे. महज 10 साल का था, तभी उसके बाप ने दूसरी शादी कर ली. और छोड़ दिया उसको उसकी मां के साथ. वो जिंदा रहा. अपनी मां के लिए और तुम जैसे लोगों की सोच को धिक्कारने के लिए. 10 साल के बच्चे का संघर्ष शुरू हुआ. मां का सहारा बना और चनाचूर बेचने लगा. गरीबी और मेहनत ने पढ़ाई पर ब्रेक लगा दिया. वो सातवीं के इम्तिहान में फेल हो गया और स्कूल छुट गया. लेकिन अपनी किस्मत को नहीं हारने दिया. उसके घर के बराबर में ही एक वीडियो शॉप थी. पूरा दिन चनाचूर बेचता और शाम को थका हारा वापस आता. शॉप खोल कर बैठ जाता. वीडियो बेचता और देखता रहता.
एक दिन उस शॉप के मालिक ने उस शॉप को बेचने का मन बना लिया. अशराफुल ने उससे कहा, 'ये दुकान मत बेचो मैं चला लूंगा, लेकिन मेरे पास पैसे नहीं. मैं तुम्हें इंस्टालमेंट में देता रहूंगा.' दुकानदार काफी मिन्नतों के बाद उसकी बात मान गया. अभी वो 15 साल का भी नहीं था कि दो-दो बिजनेस चलाने लगा. हर सुबह घर से चनाचूर बेचने निकलता. और शाम होते ही वीडियो शॉप खोलकर बैठ जाता.
अब्दुर रज्ज़ाक नाम का आदमी उसकी दुकान का रेगुलर कस्टमर था. बाद में उसने अशराफुल को अडॉप्ट कर लिया. जब गांव में केबल टीवी आया तो अशराफुल ने अपना केबल टीवी चलाने की सोची. इस काम में अब्दुर रज्ज़ाक ने मदद की. और अब वो 'सोकल-सोंधा केबल नेटवर्क' नाम से केबल टीवी चलाने लगे. और फिर उसे हीरो बनने का शौक चढ़ गया. उसने अपने रंगरूप और फिज़िक का दरकिनार कर हीरो बनने की ठान ली. जुनूनी तो पहले से था. अब उसके सिर हीरो बनने की धुन सवार हो गई थी.   रात दिन म्यूजिक एल्बम देखता और उनकी नकल करता. साल 2008 में एक गाने को शूट किया, जिसमें गांव की ही लड़कियां शामिल थीं. और उसे अपने केबल टीवी पर दिखाया. ये उसका पहला म्यूजिक वीडियो था. जिसे तारीफें भी मिलीं और मज़ाक भी बना. मगर उसने हिम्मत नहीं हारी. उसने इस ख्याल को अपने दिल से निकाल कर ज़मींदोज़ कर दिया था कि लोग क्या कहेंगे. पीछे मुड़के नहीं देखा और आगे बढ़ता गया. अबतक 500 से ज्यादा म्यूजिक वीडियो मार्केट में आ चुके हैं. इनमें उसने सिर्फ एक्टिंग ही नहीं की बल्कि स्क्रिप्ट लिखने और म्यूजिक देने तक का काम किया. सब खर्च अपनी जेब से किया. यूट्यूब पर हिट हुआ तो ऑफर मिलने लगे. और कई फिल्मों और ड्रामा में एक्टिंग की. हीरोइन उसके साथ काम करने लगीं. साल 2009 में उसकी शादी पड़ोसी गांव की सुमी अख्तर से हो गई. दो बच्चे हैं.
हीरो अलोम, मीरपुर स्टेडियम में बंगलादेशी क्रिकेटर मुशफिकुर रहीम से मिलने पहुंचे. जब रहीम को पता चला हीरो अलोम आए हैं तो वो खुद ही उस जगह पहुंच गए जहां हीरो अलोम बैठे थे. सिर्फ मुलाकात ही नहीं की बल्कि फोटो भी खिंचवाया. मुशफिकुर रहीम भी बोगरा के ही हैं और अलोम उनको अपनी एक एल्बम में लेना चाहते हैं. उनके साथ काम करना चाहते हैं. जब दूसरे खिलाड़ियों को अलोम के बारे में पता चला तो वो भी अलोम से मिलने पहुंच गए और कहा कि वो उनकी एल्बम को देखते हैं और उनकी मेहनत को सराहते हैं, खिलाड़ियों ने कहा. 'तुम रियल हीरो हो.' bangladeshi
यकीनन अलोम एक हीरो हैं, क्योंकि जिन हालात में उनके पिता ने उन्हें छोड़ दिया था उस दौरान कोई भी ड्रग्स का आदी हो सकता था या राह भटक सकता था. अलोम ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, 'वो कोई नशा नहीं करता. न शराब. न सिगरेट और न ही तंबाकू. उसे सिर्फ एक ही नशे की लत है और वो है मॉडलिंग करना.' शुरुआत में उसके साथ कई फीमेल मॉडल काम करने से मना कर दिया करती थीं. इसकी वजह से उसे ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते थे. और फिर वो वक्त भी आया जब लोग उसके साथ सेल्फी लेने लगे. लड़कियां उसके साथ एक्टिंग करने को लिए बेचैन. ashraful alom
अलोम का कहना है कि वो कभी नहीं घबराया. लोग उसके पास आते और चेहरे और रंग का मजाक उड़ाते. और बहुत कुछ बकवास करते. लेकिन कभी उसने उन्हें कुछ नहीं कहा. आज वही लोग उसे प्यार करते हैं और उसकी एल्बम को देखते हैं.
अलोम की पूरी कहानी जान लेने के बाद कहने को कुछ नहीं बचता. हां जो उन पर भद्दे कमेंट कर रहे हैं उन्हें ज़रूर एक चुल्लू पानी तलाश लेना चाहिए. और सबक लेना चाहिए कि हीरो किसे कहते हैं. ख़ूबसूरती क्या होती है. अगर अब भी कुछ शर्म-हया बाकी होगी तो मैं उम्मीद करता हूं कि वो अपनी वॉल पर फैलाई गई गंदगी को समेट लेंगे.
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