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CM बदलते ही मध्यप्रदेश में घट गईं 2 लाख ‘लाड़ली बहनें’!

मध्यप्रदेश में नई सरकार बनते ही लाड़ली बहनों की संख्या में करीब 2 लाख की कमी आ गई है. बीजेपी ने हालिया मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की थी. लाडली बहना योजना का इस जीत में बड़ा रोल रहा है.

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चुनाव के बाद लाड़ली बहनों की संख्या में 2 लाख की गिरावट आई है. (फोटो क्रेडिट - आज तक)

मध्य प्रदेश में चुनाव(Madhya Pradesh Assembly Election 2023) के बाद डेढ़ लाख लाड़ली बहनें कम हो गईं हैं. ये हम नहीं बल्कि मध्य प्रदेश सरकार के आंकड़े कह रहे हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश में हर महीने की 10 तारीख को लाड़ली बहनों के खाते में योजना के तहत पैसे डाले जाते हैं. मध्यप्रदेश में नई सरकार में पहली बार 10 जनवरी को लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रुपए आए. राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने सिंगल क्लिक पर 1 करोड़ 29 लाख 26 हज़ार 835 लाड़ली बहनों के खातों में 1576 करोड़ 60 लाख 53 हज़ार 150 रुपए ट्रांसफर किए.

दरअसल, दिसंबर में ये संख्या 1 करोड़ 30 लाख 84 हज़ार 756 थी, जो इस महीने 1 लाख 57 हज़ार 921 घट गई है. इतना ही नहीं सितंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच में 1 लाख 75 हज़ार 347 लाडली बहनें कम हो गईं.

माह लाड़ली बहनों की संख्याअंतर 
सितंबर 20231,31,02,182-
अक्टूबर 2023 1,31,02,182 0
नवंबर 2023 1,30,89,324 12,858
दिसंबर 20231,30,84,756 4,568
जनवरी 2024 1,29,26,835 1,57,921
सितंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच लाड़ली बहनों की संख्या में अंतर  1,75,347


चूंकि लाड़ली बहना वो योजना थी, जिसके सहारे बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की थी. ऐसे में योजना में लाड़ली बहनों की संख्या कम होते ही विपक्ष ने बीजेपी की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की लाखों लाड़ली बहनों से झूठ बोल कर वोट ले लिए और अब उन्हीं में से 2 लाख बहनों की छंटनी कर दी. सिंघार ने अपने X अकाउंट पर लिखा,

“कर्ज का बोझ नहीं ढो पा रही विज्ञापन से बनी भाजपा सरकार ने प्रदेश की लाखों लाड़ली बहनों से झूठ बोल कर वोट ले लिया. अब उन्हीं में से 2 लाख बहनों की छंटनी कर दी. जब सितंबर में शिवराज मुख्यमंत्री थे, तब लाड़ली बहनों की संख्या 1.31 करोड़ थी. अब नए CM मोहन यादव ने इस संख्या को छांटकर 1.29 करोड़ कर दिया. यानी 2 लाख तो नई सरकार बनते ही घटा दी. सरकारी विज्ञापन इसका प्रमाण है, जनता खुद देखे लोकसभा चुनाव के बाद ये संख्या कितनी बचेगी, ये तो नए CM मोहन यादव ही तय करंगे.”

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरते हुए आगे लिखा,

“नए CM क्यों चाहेंगे कि लाड़ली बहना के 'प्यारे भैया' शिवराज जी ही बने रहें और मोहन यादव आपकी योजना को कर्ज लेकर ढोते रहें. लाड़ली बहना योजना को लेकर लोगों की शंका गलत नहीं है कि CM बदलते ही इस योजना पर तलवार लटकी है. सरकार भले भाजपा की है, लेकिन CM का चेहरा तो नया है. अब लाड़ली बहनों को भी समझ आ रहा है कि ये बीजेपी का चुनावी पाखंड था, जिसका रंग उतरने लगा है.”

विभाग ने लल्लनटॉप को क्या बताया?

लाड़ली बहना हितग्राहियों की संख्या घटने के पीछे के क्या कारण हैं? ये जानने के लिए ‘दी लल्लनटॉप’ ने मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. रामराव भोसले से बात की. विभाग की ओर से इसके पीछे चार वजहें बताई गईं. ये वजहें हैं - 

#1 योजना शुरू होने के बाद कई पात्र महिलाओं की मौत हुई है, उनके नाम काटे गए. 

#2 जिनके अकाउंट नंबर बदल गए या जिनके समग्र आईडी या आधार कार्ड डी लिंक हो गए.

#3 ऐसी लाडली बहनाएं जिन्होंने योजना का लाभ लेने से मना कर दिया, उनके भी नाम सूची से बाहर हुए हैं.

#4 इसके अलावा एक जनवरी 2024 को जिन लाडली बहनाओं की उम्र  60 साल से ज्यादा हो गई, उन्हें भी योजना से बाहर कर दिए गए.

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लाड़ली बहनों की संख्या कम होने के पीछे की वजह

कारण संख्या 
मृत्यु के कारण 154
स्वेच्छा से लाभ परित्याग के कारण 18,136
समग्र आईडी या आधार कार्ड डी लिंक होने के कारण  804
1 जनवरी 2024 को 60 साल से ज्यादा उम्र होने के कारण1,56,253
कुल 1,75,347

‘बहनों के साथ छलावा सहन नहीं करेंगे’

इधर, लाड़ली बहना योजना को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी पर हमला बोला है. अटेर में आयोजित एक सभा में जीतू पटवारी ने कहा,

“हमारी लाड़ली बहनों से BJP ने चुनाव के बाद 3000 रुपए हर महीने देने का वादा किया था फिर आज 10 तारीख़ को सिर्फ़ 1200 क्यों? हम बहनों के साथ यह छलावा सहन नहीं करेंगे.”

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क्या है मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना?  

मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2023 में लाड़ली बहना योजना की घोषणा थी.  शुरुआत में इस योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपये मिलते थे, अब 1250 रुपये मिलते हैं. हर महीने की दस तारीख को ये पैसे भेजे जाते हैं. इस योजना में 21 से 60 साल तक की महिलाएं, जो मध्यप्रदेश की मूल निवासी हैं वो इस योजना के लिए एलिजिबल हैं. 
इसके अलावा शादीशुदा, विधवा, तलाकशुदा और पति से अलग रह रही महिलाएं, जिनके परिवार की सालाना इनकम ढाई लाख रुपये या इससे कम है, उन महिलाओं को भी इस स्कीम का फायदा मिलता है. योजना के लिए समग्र पोर्टल से जारी परिवार और सदस्य की आईडी, आधार कार्ड, समग्र पोर्टल में दर्ज मोबाइल नंबर ज़रूरी है. 10 जून 2023 को सरकार ने 1.31 करोड़ महिलाओं को 1000 रुपए की पहली क़िस्त का भुगतान किया था. अक्टूबर 2023 से लाडली बहनाओं को प्रतिमाह 1250 दिए जाने लगे.

योजना की शुरुआत करते समय मध्यप्रदेश सरकार ने दावा किया था कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिक हालत सुधरेगी, उनके स्वास्थ्य एवं खानपान के स्तर में बेहतरी होगी. और उनके साथ परिवार का खान-पान भी सुधरेगा. इसके अलावा महिलाओं की सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा. क्योंकि जब उनके पास पैसा होगा तो परिवार के निर्णयों में उनकी अहमियत बढ़ेगी.

वीडियो: शिवराज सिंह को क्यों नहीं बनाया मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश के लोगों से सुनिए