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क्या है स्पिक मैके: जिसके प्रोग्राम का उद्घाटन पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया

IIT में किरन को उनके ही मिजाज के लड़के मिले और Spic Macay की शुरुआत हुई.

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स्पिक मैके के संस्थापक किरन सेठ

साल 1977. देश इंदिरा गांधी की लगाई इमरजेंसी से जूझ रहा था. दिल्ली में बैठकर लिए गए एक फैसले की वजह से देशभर की जेलों में धूल साफ हो रही थी. उन्हीं दिनों IIT खड़गपुर से पासआउट एक लड़का किरन सेठ न्यूयॉर्क में उस्ताद नसीर अमीनुद्दीन डागर और उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर के 'ध्रुपद कॉन्सर्ट' में बैठकर ये ऑब्जर्व कर रहा था कि विदेशी उसके देश की संस्कृति, संगीत और हुनर के प्रति कितने अनजान हैं. वो भी एक फैसला लेता है और उसकी शुरुआत IIT दिल्ली से करता है. Spic Macay की स्थापना. वो संस्था, जिसके एनुअल फंक्शन की शुरुआत 5 जून को IIT दिल्ली में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.

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पीएम मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट 'उन्नत भारत अभियान' में IIT दिल्ली की नाकामी की खबर आने के अगले ही दिन मोदी ने इस संस्थान में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाषण दिया. मौका था Spic Macay के एनुअल इंटरनेशनल कन्वेंशन के उद्घाटन का, जो पिछले 40 सालों से हर साल आयोजित होता आ रहा है. इस बार 5 से 11 जून तक चलने वाले इस कन्वेंशन का मकसद युवाओं को भारत की संस्कृति, लोक-संगीत और योग जैसे चीजों से रू-ब-रू कराना है.

आइए जानते हैं Spic Macay के बारे में और:

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1976 में न्यूयॉर्क की ब्रुकलिन अकैडमी ऑफ म्यूजिक के कॉन्सर्ट में किरन ने देखा कि उनके देश की हर परंपरागत चीज को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. लौटने पर वो IIT दिल्ली में पढ़ाने और रिसर्च करने लगे. वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर थे. IIT में किरन को उनके ही मिजाज के लड़के मिले और Spic Macay की शुरुआत हुई.

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Spic Macay एब्रीविएशन है, पूरा नाम -

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Spic Macay का पूरा नाम Society for the Promotion of Indian Classical Music And Culture Amongst Youth है. इसे बनाने वाले किरन सेठ बहुत ही लो-प्रोफाइल शख्स हैं. उनके जानने वाले बताते हैं कि संस्था के लिए इतना काम करने के बाद किरन ऐसे रहते हैं कि राह चलते आप उन्हें पहचान भी न पाएं. नेपथ्य-प्रेमी किरन को 2009 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उनकी संस्था को सरकार के संस्कृति मंत्रालय से सहायता मिलती रही है.


स्पिक मैके की वेबसाइट से
स्पिक मैके की वेबसाइट से

कौन आता है इन कन्वेंशन में

नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन Spic Macay के इवेंट में दुनियाभर के 1500 युवा शामिल होते हैं. इस साल के इवेंट के लिए चार हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 1500 लोगों को चुना गया. इवेंट में शामिल होने वाले लोगों के रहने का इवेंट वाली जगह ही बंदोबस्त कराया जाता है. पूरे दिन चलने वाले कार्यक्रम के कुछ सेशन बाकी सारे लोगों के लिए भी ओपेन रहते हैं.


Spic Macay के इवेंट में परफॉर्म करते लोग
Spic Macay के इवेंट में परफॉर्म करते लोग

इवेंट में क्या होता है दिनभर


कन्वेंशन में दिन की शुरुआत सुबह साढ़े तीन बजे ब्रह्म मुहूर्त में हो जाती है. तीन घंटे तक योग और ध्यान के सेशन के बाद लोगों से श्रमदान कराया जाता है, ताकि जिस जगह इवेंट हो, वो साफ-सुथरी रहे. इसके बाद सिंगिंग और डांसिंग की परफॉर्मेंस होती हैं, जिनमें अपनी-अपनी फील्ड के दिग्गजों को बुलाया जाता है. इस साल गिरिजा देवी, शिव कुमार शर्मा, बेगम परवीर सुल्ताना, विश्व मोहन भट्ट, वसीफुद्दीन डागर, उल्लास काशलकर और तीजन बाई जैसे लेजेंड कलाकार परफॉर्मेंस देंगे.

इस साल के कन्वेंशन का एक पोस्टर
इस साल के कन्वेंशन का एक पोस्टर

Spic Macay की नेशनल मीडिया हेड सुमन डूंगा बताती हैं कि कन्वेंशन में क्लासिकल म्यूजिक, क्लासिकल डांस कॉन्सर्ट, फोक आर्ट, क्राफ्ट और क्लासिक सिनेमा की स्क्रीनिंग होती है. इसमें शामिल होना भारत के लोक को जानने-समझने का अच्छा मौका होता है.

इससे लोगों को क्या मिलता है


बिस्मिल्लाह खान, सिद्धेश्वरी देवी, गिरिजा देवी, बिरजू महाराज और तीजन बाई जैसे शख्सियतों को सुनने का मौका तो सबको मिलता है. आप किसी भी दुकान से डीवीडी लेकर या यूट्यूब पर इनके वीडियो देख सकते हैं. लेकिन इन पहुंचे हुए लोगों को अपने सामने परफॉर्म करते देखना सुखद होता है. एक परफॉर्मेंस से बढ़कर ये हमारा हिस्सा बन जाता है. स्पिक मैके ने यही दरवाजा युवाओं के लिए खोला है.

पिछले साल के कन्वेंशन का पोस्टर
पिछले साल के कन्वेंशन का पोस्टर

मिथिला पेंटिंग के चर्चित कलाकारों बताते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों से कुछ बच्चे स्पिक मैके के जरिए उनके पास आए थे और वो महीने भर तक मिथिला पेंटिंग के हुनर सीखते-समझते रहे. स्पिक मैके ऐसी चीजों को भी बढ़ावा देता है. केंद्र सरकार के हिंदी विभाग की वजह से हिंदी का कितना प्रचार-प्रसार हुआ, इसका शायद कोई प्रमाण न हो, लेकिन लोक के लिए किए गए स्पिक मैके के काम दिखते हैं.

कितना कुछ हो चुका है अब तक

संडे गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पिक मैके सालभर में 5000 से ज्यादा प्रोग्राम आयोजित कराता है, जिसमें 300 चैप्टर इंडिया में होते हैं और 20 देश से बाहर. स्पिक मैके की वेबसाइट के मुताबिक 2012-13 में संस्था ने भारत के 800 शहरों के 1500 इंस्टीट्यूट्स में 7500 से ज्यादा प्रोग्राम कराए थे, जिसमें 30 लाख स्टूडेंट शामिल हुए. साथ ही, 50 विदेशी शहरों में भी इवेंट कराए गए. लेकिन IIT दिल्ली में जिस तरह सात दिनों का स्पेशल इवेंट हो रहा है, इसका मकसद दुनियाभर में फैले संस्था के वॉलंटियर्स को इकट्ठा करके भारत के रहस्यवाद और इसकी खूबसूरती को अनुभव करना होता है.


स्पिक मैके के योग सेशन की एक तस्वीर
स्पिक मैके के योग सेशन की एक तस्वीर

क्या है संस्था का मकसद

अपने इवेंट के लिए Spic Macay आश्रम जैसा माहौल तैयार करवाता है, ताकि भाग लेने वाले लोग असल भारत के माहौल में इसके असल हुनर को एन्जॉय कर सकें. संस्था को ऑब्जर्व करने वाले कुछ लोग ये भी बताते हैं कि Spic Macay के कार्यक्रम में आने के लिए लगभग सभी कलाकार अपना मेहनताना कम कर देते हैं, ताकि सैकड़ों लोगों को फायदा पहुंचाने वाला ये इवेंट आसानी से हो सके. इस बार के इवेंट की शुरुआत हो चुकी है.

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